डॉ. भीमराव यूनिवर्सिटी लखनऊ में मोदी मुर्दावाद के नारों का वास्तविक कारण |
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आज डॉ. भीमराव यूनिवर्सिटी लखनऊ में आयोजित दीक्षांत समारोह के दौरान कुछ छात्रों ने नरेंद्र मोदी मुर्दावाद और नरेंद्र मोदी गो बेक के नारे लगाए | बिन माँगे मिला यह मौक़ा मोदी विरोधियों ने हाथों हाथ लपका और ट्विटर पर मोदी मुर्दावाद का ट्रेंड चल निकला |
दिमाग में सवाल उठना लाजिमी था कि आखिर नरेंद्र मोदी के खिलाफ कुछ गिने चुने छात्रों द्वारा नारे क्यों लगाए गए ? तभी एक समाचार पर नजर गई, और सब कुछ आईने के समान साफ हो गया |
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पिछले दिनों संसद में एनेमी प्रापर्टी एक्ट में संसोधन हेतु एक अध्यादेश राष्ट्रपति महोदय को भेजा, जो 14 जनवरी को राष्ट्रपति महोदय के हस्ताक्षरों के बाद क़ानून बन गया |
अब देखते हैं कि इस क़ानून का परिणाम क्या निकला ?
अवध रियासत की सबसे बड़ी एस्टेट महमूदाबाद के राजा आमिर खान रिजवी अब रंक बन गये...
इस आध्यादेश से राजा महमूदाबाद की बीस हजार करोड़ की सारी सम्पति का मालिकाना हक भारत सरकार का हो गया |
राजा महमूदाबाद की प्रमुख सम्पतियाँ है-
लखनऊ का पूरा हजरतगंज ,
बटलर पैलेस, लखनऊ में एक हजार एकड़ जमीन, अवध क्लार्क होटल,
नैनीताल का मेट्रोपोल होटल, दो हजार एकड़ का आम का बगान, लन्दन में तीन होटल, सीतापुर शहर में कई इमारतें और हजारो एकड़ जमीन ।
क्या है इसका इतिहास ?
आजादी के पन्द्रह साल बाद 1962 में अचानक राजा महमूदाबाद पाकिस्तान चला गया .....
उसकी बीस हजार करोड़ की सम्पति सरकार ने एनेमी प्रापर्टी एक्ट के तहत जप्त कर ली ..
फिर राजा महमूदाबाद के लन्दन में निधन के बाद उनका बेटा राजा महमूदाबाद आमिर खान भारत आया और अपनी सम्पत्ति वापस लेने के लिए लम्बी क़ानूनी लड़ाई लड़ी .....
2013 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देते हुए भारत सरकार और यूपी सरकार को आदेश दिया कि राजा महमूदाबाद की सभी सम्पतियाँ उन्हें वापस की जाये और किरायेदारो को खाली करवाया जाये ...
फिर देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने राष्ट्रपति के पास एनेमिज प्रापर्टीज एक्ट में संसोधन के लिए एक आध्यादेश भेजा।
जिसे 14 जनवरी की सुबह राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर करके कानून बना दिया ....
तो नरेंद्र मोदी मुर्दावाद के नारे लगाने वाले छात्रों से मुस्कुराकर मोदी जी ने बजा फरमाया –
नट बोल्ट ऐसे टाईट हुए हैं कि कुछ लोग परेशान हो गए हैं |
इशारा साफ़ था |
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