सुनंदा पुष्कर की ह्त्या - सुन्दर ग्रामीण बाला की शोकांतिक जीवन यात्रा

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दिल्ली पुलिस प्रमुख बी एस बस्सी के अनुसार कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मृत्यु सामान्य नहीं थी, उनकी हत्या की गई थी। अतः पुलिस ने प्रकरण में धारा 302 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली है। हालांकि किसी व्यक्ति का नाम एफआईआर में शामिल नहीं है ।

श्री बस्सी ने मीडिया को बताया कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से रिपोर्ट 29 दिसंबर को प्राप्त हुई है | एम्स से प्राप्त अंतिम मेडिकल रिपोर्ट में इसे एक अप्राकृतिक मौत कहा गया है। उनकी मौत जहर से हुई है | यह जहर उन्हें खिलाया गया, अथवा इंजेक्शन के माध्यम से उनके शरीर में पहुंचाया गया, इसकी जांच की जा रही है | रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद ह्त्या का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है | 

सुनंदा पुष्कर की शव परीक्षण रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है कि उनकी मृत्यु पोलोनियम-210 नामक बेहद खतरनाक जहर के कारण हुई । 
यह पोलोनियम-210 आखिर है क्या और यह कहाँ से आता है? 
रॉयल सोसायटी ऑफ़ केमिस्ट्री द्वारा प्रकाशित जरनल Chemistry World के अनुसार मैरी और पियरे क्यूरी द्वारा 1897 में चांदी जैसे रंग वाली धातु पोलोनियम की खोज की गई थी | यह सामान्यतः यूरेनियम अयस्कों में पाया जाता है | यह पोलोनियम ही पोलोनियम-210, या पीओ-210, का स्रोत है | यह पोलोनियम के 25 रेडियोधर्मी आइसोटोप में से एक है | इसके अल्फा कण बहुत धीरे उत्सर्जित होते हैं किन्तु 138 दिनों में किसी का भी जीवन नष्ट करने में सल्क्षम है | 

पीओ-210 आसानी से उपलब्ध नहीं है कि एक दुर्लभ और अत्यधिक रेडियोधर्मी आइसोटोप है। इसकी एक माईक्रोग्राम मात्रा ही किसी का जीवन नष्ट करने के लिए पर्याप्त है | यह सुरक्षित रूप से कांच की शीशियों में ले जाया जा सकता है | यहाँ तक कि हवाई अड्डों पर विकिरण की जांच करने वाले यंत्र भी इसका पता नहीं लगा सकते | 

स्मरणीय है कि सुनंदा पुष्कर को दिल्ली के लीला पैलेस होटल में 17 जनवरी 2014 को रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पाया गया था।

सुनंदा पुष्कर की कहानी -

कश्मीर की पिंकी से बनीं सुनंदा पुष्कर |


श्रीनगर से 63 किलोमीटर दूर सोपोर के नजदीक स्थित है छोटा सा गाँव बुमई | जून 1964 में इसी गाँव में सुनंदा का जन्म हुआ | दो भाईयों के बीच अकेली लाडली बहिन पिंकी | जमीन जायदाद सेव के बगीचे होते हुए भी इनके पिता पुष्करदास फ़ौज में भर्ती हो गए | 

श्रीनगर के प्रेजेंटेसन कॉन्वेंट स्कूल में पढ़ाई करते करते ही सुनंदा ने आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम बढ़ा दिए और सेंचुर लेक व्यू होटल की रिशेप्सनिस्ट बन गईं | यहाँ ही उनकी मुलाकात अपने पहले जीवन साथी संजय रैना से हुई | किन्तु 20 वर्ष की आयु का यह कच्चा प्यार केवल एक वर्ष बाद ही 21 वर्ष की आयु में तलाक के साथ समाप्त हो गया | 

1985 में श्रीनगर के ‘गर्वरमेंट कॉलेज फॉर वूमेन’ से बीए की पढ़ाई पूरी कर सुनंदा दिल्ली पहुँचीं जहां उन्होंने होटल मैनेजमेंट में डिप्लोमा किया | यहाँ उनकी मुलाक़ात केरल के व्यवसायी ‘सुजीत मेनन’ से हुई, जो दुबई में ‘आग बुझाने वाले औज़ार’ के व्यापार करते थे । उनके साथ विवाह कर सुनंदा भी दुबई गईं । लेकिन सुजीत मेनन का धंधा कुछ दिन में मंदा होने के कारण थक हार के दोनों वापस केरल आये | कुछ दिन बाद ही सुजीत की एक दुर्घटना में मौत हो गई । ‘आउटलुक’ पत्रिका के अनुसार मेनन की मौत दुर्घटना ना होकर खुदकुशी थी ।

उसके बाद सुनंदा कुछ दिन कनाडा के शहर ‘टोरंटो’ में रहीं, किन्तु फिर 1990 में दुबई आकर बस गईं | और देखते ही देखते वे दुबई के ‘सोशल सर्कल’, पेज थ्री की नामी गिरामी हस्ती बन गई | ब्रिटेन के अँग्रेजी अखबार, ‘मेल टुडे’ के अनुसार सुनंदा का दुबई में कोई बड़ा आधार नहीं रहा | सुनंदा ने दुबई में शुरुवात विज्ञापन क्षेत्र से की तथा उसके बाद पर्यटन और उसके बाद रियल इस्टेट कंपनी टेकॉम इन्वस्टमेंट तक पहुंची । ‘मेल टुडे’ के अनुसार शशि थरूर और सुनंदा की मुलाकात, ‘जीइएमएस एजुकेशन’ के चेयरमेन ‘सनी वर्के’ के माध्यम से हुई । 


पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित, सनी वर्के संयुक्त अरब अमीरात में स्कूल चलाने वाले एक बहुत बड़ी संस्था के कर्ताधर्ता थे । पहली ही मुलाक़ात के बाद सुनंदा और शशि के बीच नजदीकी बढ़ गई । सुनंदा और शशि थरूर के विषय में किसी को कुछ पता भी नहीं चलता अगर, आईपीएल में कोच्चि टीम का विवाद ना खड़ा होता | विवाद के कारण ही सुनंदा और शशि थरूर का रिश्ता दुनिया की नज़र में आ गया ।

2010 में हुए इस विवाह के पूर्व तक शशि थरूर के भी दो तलाक हो चुके थे । विगत वर्ष दोनों के संबंधों में भी खटास बढ़ने लगी | इसका कारण बनीं पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार | बुधवार 15 जनवरी 2014 को अचानक शशि थरूर के टिवीटर अकाउंट से कुछ ट्विट हुए, जिनमें शशि और मेहर के संबंधों को लेकर लिखा गया था | शशि थरूर ने कहा कि उनका एकाउंट हेक हुआ है, जबकि सुनंदा ने कहा कि ये ट्वीट उन्होंने किये हैं | और अंतिमतः इस अपरूप सुन्दरी ग्रामीण बाला की जीवन यात्रा 17 जनवरी को पूर्ण हुई | 

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