मोदी सरकार द्वारा आत्म मूल्यांकन का प्रयत्न |
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26 मई को मोदी सरकार अपना एक साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है | राजग सरकार ने अपनी छवि गरीब और किसान समर्थक बनाने का प्रयत्न किया तो विरोधियों के साथ कुछ अति आदर्शवादी अपनों ने भी सूट बूट की सरकार के जुमले से उपलब्धियों को पंक्चर करने में कोई कसर नहीं छोडी | रोजगार सृजन कार्यक्रम भी बहुचर्चित नहीं हो पाया |
स्वाभाविक ही इससे सर्वाधिक चिंतित कोई हुआ तो वह था सूचना और प्रसारण मंत्रालय | आखिर शासन कि छवि बनाने में सबसे अहम भूमिका तो उसी की होती है | सूचना प्रसारण मंत्रालय ने सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियों को चर्चित बनाने की दृष्टि से सभी सरकारी मंत्रालयों को एक पत्र भेजा है | पत्र में पूछा गया है कि उनके विभाग में "आम आदमी" पर ध्यान केंद्रित करते हुए समाज के कमजोर तबके के लिए क्या क्या किया गया | जो किया गया उससे कितने लोगों को क्या लाभ मिला ? युवाओं, किसानों, छात्रों और महिलाओं के हित में क्या क्या हुआ ? सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय विभिन्न मंत्रालयों से प्राप्त जानकारी के आधार पर “सफलता की कहानी” प्रचारित करेगा ।
पिछले एक साल में सरकार द्वारा किए गए सभी कार्यों को प्रिंट मीडिया, टीवी, रेडियो, सोशल मीडिया आदि के माध्यम से प्रचारित किया जाएगा । इसका सभी भाषाओं में अनुवाद किया जाएगा। पिछले साल सत्ता में आने के बाद राजग सरकार द्वारा शुरू की गई जन धन योजना, स्वच्छ भारत अभियान, नमामि गंगे, बीमा, रेलवे और रक्षा क्षेत्र में हुए सकारात्मक कार्यों के साथ साथ डिजिटल भारत योजनाओं के शुभारंभ को चर्चित किया जायेगा।
प्राकृतिक आपदाओं जैसे बिन मौसम बारिश के परिणाम स्वरुप हुई किसानों की आत्महत्याओं ने स्वाभाविक ही सरकार को सर्वाधिक चिंतित किया है | भूमि अधिग्रहण विधेयक को भी जिस प्रकार "किसान विरोधी" बताकर सरकार की चारों ओर तीखी आलोचना हुई है, उसने भी पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों की चमक को फीका किया है | कतिपय भाजपा सांसदों की अमर्यादित भाषा और विवादास्पद टिप्पणीयों ने भी सरकार की परेशानी बढाई है ।
ऐसे में स्वाभाविक ही सरकार द्वारा अपने सकारात्मक कार्यों के प्रचार व कमियों के चिंतन पर जोर दिया जा रहा है | जैसे –
* 2 अक्टूबर 2014 के बाद निर्माण किये गए शौचालयों की तस्वीरें अपलोड करने के लिए एक चलित व्यवस्था विकसित की जा रही है।
* केंद्र व राज्य के अधिकारीयों को शामिल कर एक स्वच्छ भारत व्हाट्सएप ग्रुप गठन किया गया है।
* 17 गंभीर रूप से प्रदूषण फैलाने वाले क्षेत्रों में 3206 औद्योगिक इकाइयों की ऑनलाइन निगरानी अनिवार्य की गई है।
* किसानों को उन्नत तकनीक व बाजार मूल्यों की जानकारी देने के लिए एक नया किसान टीवी चैनल प्रारम्भ हुआ है।
* 1,500 टीवी चैनलों की निगरानी के लिए तथा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया निगरानी केंद्र सुदृढ़ करने के लिए वर्ष 2017 तक एक एजेंसी गठन किए जाने की संभावना है।
ये सभी कार्य सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा किये जाने वाले हैं। इन्हें मोदी सरकार के आत्म मूल्यांकन' का संक्षिप्त शीर्षक दिया गया है।
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