बिना किसी सांसद निधि और सरकारी मदद के, बने भारत के आदर्श गाँव



जब आप भारत के किसी गाँव की कल्पना करते हैं तो आम तौर पर क्या सोचते हैं: कच्चे मकान, तंग और गंदी गलियां, नाली, पानी और बिजली की सुविधाओं का न होना ! लेकिन भारत के कुछ गाँवों में शहर की तरह सभी सुविधायें हैं, हालांकि उनका रूप गाँव का ही है ! इनमें वाई-फाई सुविधा से लेकर सीसीटीवी कैमरे तक की सुविधाएं मौजूद हैं ! किसी सांसद निधि और सरकारी मदद के बिना यह गांव देश के आदर्श गांव बनकर उभरे है ! आइयेँ इन आदर्श गांव के बारे में जाने कि कौन सी खासियत इन गांव को आदर्श गांव बनाती है :-

गुजरात का मॉडल विलेज़ पुंसारी गाँव

भारतीय गांवों की मान्य तस्वीर के उलट यहां बिजली, स्वच्छ पेय जल, पानी की निकासी आदि की पूरी व्यवस्था है ! गांव के प्राइमरी स्कूलों में कम्प्यूटर है और पूरे गांव में वाईफ़ाई की सुविधा है ! यह सब हो रहा है बिना किसी एनआरआई फंडिंग या स्पेशल डोनेशन के ! यहां कामयाबी का फॉर्मूला सरकारी योजनाओं का सही ढंग से इस्तेमाल है ! इसे मॉडल विलेज बनाने का काम नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में ही शुरू हुआ था ! गांव के प्राइमरी स्कूलों में कम्प्यूटर है और पूरे गांव में वाईफ़ाई की सुविधा है ! 

इस गाँव के सरपंच हिमांशु पटेल कहते हैं छह हज़ार की आबादी वाले उनके गाँव के हर घर में बिजली और पानी की सुविधा है ! यहाँ पानी के निकासी की व्यवस्था भी है ! यहाँ पीने के मिनरल वॉटर (पानी) का भी अलग से इंतज़ाम है. इसके इलावा ये एक स्मार्ट विलेज भी है !
रिवर्स ऑसमॉसिस प्लांट के जरिए गांव में 20 लीटर पीने का पानी मात्र 4 रुपए की कीमत पर मिल रहा है ! एक स्वतंत्र बस सर्विस, एक वाई-फाई टॉवर गांव में 24 घंटे फ्री इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध करा रहा है, यही नहीं हर गांववाले का एक लाख रुपए का एक्सिडेंटल बीमा कराया गया है और साथ ही 25 हजार रुपए का मेडिक्लेम भी दिया जा रहा है ! लोगों के पास शिकायत करने के लिए कम ही मौके होते हैं ! कि गांव को अब राज्य और केंद्र दोनों से ही गुड गवर्नेंस के अवॉर्ड्स मिल रहे हैं। 

सरपंच हिंमाशु पटेल बताते हैं कि “पूरे गाँव में वाई-फाई है, सीसीटीवी कैमरे जगह-जगह पर लगे है !" गाँव की गतिविधियों को हिमांशु अपने दफ़्तर के एक बड़े स्क्रीन पर भी देख सकते हैं और अपने स्मार्टफोन के स्क्रीन पर भी. यहाँ लाउडस्पीकर्स भी लगे हैं ! 

मेघालय राज्य स्थित मावल्यान्नॉंग गांव, एशिया का सबसे साफ़ सुथरा गाँव

क्या आप जानते है कि एशिया का सबसे स्वच्छ गाँव कहाँ पर स्थित है ? नहीं, तो आइये जानते है एशिया के सबसे स्वच्छ गाँव के बारे में ! एशिया का सबसे साफ़ सुथरा गाँव भी हमारे देश भारत में है ! भारत के मेघालय राज्य में मावल्यान्नॉंग गांव भारत ही नहीं, पूरे एशिया में सबसे खास है ! 

आपको जानकार ताज्जुब होगा की यह गाँव स्वच्छ तो है ही साथ साथ यह गाँव शिक्षा के क्षेत्र में भी अव्वल है ! मावल्यान्नॉंग गांव की साक्षरता दर 100 फीसदी है, यानी यहां के सभी लोग पढ़े-लिखे हैं एवं इस गांव में ज्यादातर लोग सिर्फ अंग्रेजी में ही बात करते हैं ! 2014 की गणना के अनुसार, यहां 95 परिवार रहते हैं। यहां सुपारी की खेती आजीविका का मुख्य साधन है ! 

मेघालय के खासी हिल्स डिस्ट्रिक्ट में बसा यह गाँव शिलॉंन्ग और भारत-बांग्लादेश बॉर्डर से 90 किलोमीटर दूर स्थित है ! इस गांव को अंतरराष्ट्रीय तौर पर एशिया के सबसे साफ गांव के लिए पुरस्कार भी मिल चुका है ! यहां के बगीचों को भगवान का गार्डन भी कहा जाता है ! 

यहाँ के निवासी सफाई व्यवस्था को लेकर खासे जागरूक है साथ ही यहाँ के लोग सफाई व्यवस्था हेतु किसी भी प्रकार से प्रशासन पर आश्रित नहीं है ! यहां लोग घर से निकलने वाले कूड़े-कचरे को बांस से बने डस्टबिन में जमा करते हैं और उसे एक जगह इकट्ठा कर खेती के लिए खाद की तरह इस्तेमाल करते हैं !
इस गाँव को वर्ष 2003 में एशिया का सबसे स्वच्छ गाँव एवं वर्ष 2005 में भारत का सबसे स्वच्छ गांव बनने का गौरव प्राप्त हुआ ! इस गांव पर एक डॉक्युमेंट्री भी बनाई गई है ! 

बिहार का धरनई गांव बिहार का प्रथम सौर ऊर्जा संचालित गाँव

जहानाबाद का धरनई ग्राम बिहार का प्रथम सौर उर्जा संचालित गाँव है ! अंतर्राष्ट्रीय संस्थान ग्रीनपीस, बेसिक्स और सीड के संयुक्त प्रयास से आज यह गाँव बिहार का मॉडल सौर ऊर्जा गाँव है !

बिहार के प्रथम सौर उर्जा संचालित जहानाबाद के इस धरनई ग्राम में तीन करोड़ की लागत से लगाया गया संयंत्र करीब 450 घरों तथा 50 दुकानों व् व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को, 10 सोलर सिंचाई पम्पों को ६० स्ट्रीट लाईट, दो स्कुल, एक स्वास्थ्य केंद्र सहित दो पडोसी गांवों विशुनपुर और झिटकोरिया गाँव को सौर उर्जा से बनी बिजली आपूर्ति करता है ! 

यहां 30 सालों तक बिजली नहीं थी ! हरे-भरे जंगलों के पास बसे इस गांव में सोलर एनर्जी के चलते पढ़ने वाले बच्चे और कामकाजी महिलाओं को बहुत फायदा है ! साथ ही, इससे यहां व्यवसाय और खेती को भी बढ़ावा मिला है !

केरल का पोथनिक्कड गाँव जो है भारत का पहला 100 फीसद साक्षर गांव

पौथानिक्कड़ केरल के एर्नाकुलम का यह गांव भारत का पहला 100 फीसद साक्षर गांव है ! पौथानिक्कड़ में शहरी स्तर के हाईस्कूल, इंटर कॉलेज और प्राइमरी स्कूल भी है ! वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार गांव के सभी 17563 लोग साक्षर थे ! इस गांव ने पूरे देश के गांव के साथ-साथ शहर के सामने भी मिसाल प्रस्तुत की हैं ! 


प्राकृतिक सुन्दरता को संरक्षित करता कर्नाटक का कोकरेबेल्लुर गाँव

कर्नाटक का यह गाँव बहुत निराला है ! इस गाँव में प्राकृतिक सुन्दरता एवं संसाधनों का संरक्षण किया जाता है ! यहां कई दुर्लभ पक्षियों को देखा जा सकता है ! यहाँ के नागरिकों ने पक्षियों के लिए कई सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं ! यहां तक कि घायल पक्षियों का इलाज भी इस गांव में किया जाता है ! 

हमारे देश मे प्रतिदिन न जाने कितने ही पेड़ काटे जाते है, जिसके कारण पशु-पक्षियों की प्रजातियां धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है ! पशु-पक्षियों की लुप्त हो रही प्रजातियां और धरती से धीरे-धीरे कम हो रही हरियाली के कारण पर्यावरण को लेकर पूरा विश्व मंथन कर रहा है, परन्तु इन सब के बीच कर्नाटक के बैंगलूरू से 85 किलोमीटर दूर कौकरेवैल्लोर गांव में आज भी 21 तरह की पक्षियों की प्रजाति पायी जाती है, क्योंकि गांववासी पक्षियों को परिवार का हिस्सा ही मानते है, और पक्षियों के लिए सभी लोगो ने अलग से जगह दी हुई है !जहां गांव में लोग पक्षियों को फसल बर्बाद कर देने के डर से भगा देते है, वही यहां के गांववासियों ने पक्षियों को परिवार के सदस्य की स्थान दिया हुआ है ! गांव में स्पॉट बेलिकन बिल्स जैसी दुर्लभ प्रजाति भी मौजूद है ! इस गांव में मौजूद पक्षियों की दुर्लभ प्रजाति पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है ! 

हरियाणा का छापर गांव जहाँ लड़की पैदा होने पर मनाया जाता है उत्सव, बांटी जाती है मिठाई

हरियाणा भारत का एक ऐसा राज्य है, जो लिंगानुपात के मामले सबसे ज्यादा पिछड़ा हुआ है, यानी हरियाणा में हर हजार पुरुष के बीच 877 औरतें है ! छप्पर गांव हरियाणा के जिंद जिले का एक छोटा सा गांव है ! छापर गांव में लड़की पैदा होने पर पूरे गांव में मिठाई बांटी जाती है ! इस गांव की सरपंच महिला है ! यहां की महिलाएं घूंघट नहीं ओढ़तीं ! पर्दा प्रथा पर रोक है ! लड़की पैदा होने के सूचना मिलते ही यहां उत्सव का माहौल होता है ! 

इस गाँव की 31 वर्षीय नीलम ने सरपंच बनकर गांव की महिलाओं की आवाज को उठाया और महिला सशक्तिकरण के लिए निरंतर काम किया और साथ ही गांव में घूंघट और दहेज और कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुप्रथा को दूर करने की कोशिश की ! सरपंच नीलम के प्रयास का नतीजा यह है कि आज गांव में लड़की पैदा होने पर उत्सव मनाया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती है ! नीलम ने बताया कि बदलाव लाने के लिए बड़ी-बडी बात की जरूरत नही होती, जरूरत है केवल समस्या के खिलाफ खडे होने की  !

महाराष्ट्र के अहमद नगर जिले स्थित करोडपतियों का गांव हिवारे बाजार 

महाराष्ट्र के अहमदनगर का हिवारे बाजार ऐसा गांव है जहां के 80 लोग करोडपति हैं ! यह भारत का सबसे ज्यादा अमीरों वाला गांव है ! यह गाँव भारत के सूखाग्रस्त गांव से सबसे अमीर गांव बन गया ! लोगों का मानना है कि इस आश्चर्यजनक बदलाव के पीछे पोपट राव पवार नामक आदमी है ! पहले पवार ने मुश्किल परिस्थिति से निपटने के लिए सरपंच का चुनाव लड़कर जीता ! पवार ने फिर नशे के लत वाले सभी पदार्थों को प्रतिबंधित कर ग्रामीणों को बारिश में जल संचयन, दुधारु पशु आदि में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया ! सूखाग्रस्त गांव में बारिश के जल संचयन और दुधारू पशु पालन ने गांव का उद्धार कर दिया ! 1990 में गांव का दूध उत्पादन 150 लीटर प्रतिदिन था, जो अब बढ़कर 4 हजार लीटर प्रतिदिन हो गया ! जहाँ 1995 की जनगणना में 180 में से 168 परिवार गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करते थे, वही आज मात्र तीन परिवार गरीबी के रेखा के नीचे है ! वही इस गांव मे रिकॉर्ड 80 करोड़पति है, जो इस गांव को अमीर गांव बनाते है ! 

शनि सिंगनापुर भारत का सबसे सुरक्षित गाँव 

शनि सिंगनापुर महाराष्ट्र का ऐसा अनोखा गांव है, जहां किसी भी घर के दरवाजों पर किबाड़ ही नहीं है ! इतना ही नहीं बल्कि यह के लोग खिड़कियों तक में दरवाजे नहीं लगाते ! बिना दरवाजों के घरों वाला यह गांव महाराष्ट्र में है जिसका नाम शनि सिंगनापुर है ! शनि सिंगनापुर को पूरे भारत में सबसे सुरक्षित माना गया है ! 

यह गांव महाराष्ट्र में ही नहीं बल्कि पूरे देश में अपने अनोखे घरों के लिए जाना जाता है ! यहां के लोगों को अपने सामान की भी चिंता नहीं रहती कि बिना दरवाजे के कोई घर में घुस कर चोरी कर ले ! यहां कोई चोरी होती ही नहीं ! इस गाँव में एक भी पुलिस थाना मौजूद नहीं है ! आपको यह जानकार बेहद आश्चर्य होगा कि यहां देश का पहला लॉकलेस बैंक खुला है , अर्थात बैंक को भी यकीन है कि यहां चोरी-डकैती नहीं हो सकती ! इसी से इस गांव के सुरक्षित होने का अंदाजा लगाया जा सकता है ! हालांकि इस सुरक्षा का कारण यहाँ स्थित शनिदेव का मंदिर है | मान्यता है कि यहाँ अगर कोई चोरी करेगा तो उसे शनिदेव के प्रकोप का सामना करना पडेगा |

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