भारत का अगला राष्ट्रपति कौन ?

Dravid isn’t just a champion sportsman. He’s a model citizen, his behaviour and demeanour offering a template of excellence to all those who observe it.

वर्तमान राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल 2017 में समाप्त होने वाला है । अतः समय आ गया है, जब भारतीयों को अपने नए राष्ट्रपति के लिए विचार करना प्रारम्भ करना है | देश ने अभी हाल ही में अपने एक अत्यंत प्यारे पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम को खोया है | उनकी मृत्यु के बाद सम्पूर्ण राष्ट्र में शोक और प्यार की आई हुई बाढ़ को सबने देखा है । यह सम्मान था उस व्यक्ति का जो समन्वय का एक श्रेष्ठ प्रतीक था | एक वेदज्ञाता मुसलमान, और सबसे ऊपर एक ऐसा इंसान जो आज के टकराहट और संघर्ष के माहौल में आशा, आस्था और विश्वास का बेहतरीन प्रतीक था | उनका सादगी पूर्ण तपस्वी जीवन प्राचीन संत परंपरा का दर्शन कराता था तो दक्षिण भारत के होते हुए भी उत्तर भारतीयों में भी उनकी अपार लोकप्रियता थी ।

भारत में अत्याधिक योग्य राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन से लेकर अब तक अनेक राष्ट्रपतियों का कार्यकाल देखा है | कई बार ऐसा भी लगता है कि यह केवल बुजुर्ग राजनीतिज्ञों को पुरष्कृत करने के लिए बना एक पद भर है | किन्तु इसका आदर्श रूप भारतीय प्रजातंत्र को सबल और सर्व समावेशी बना सकता है | ठीक बैसे ही जैसे परिवार को एकजुट रखने में एक पिता की भूमिका | जिसका सब आदर करते हैं और प्यार भी | जो सबका अपना होता है, और जिसके लिए कोई पराया नहीं | ऐसे प्रेरणादायक व्यक्तित्व की खोज क्या कोई आसान काम है ? 

याद रखें कि सर्वश्रेष्ठ भारतीय राष्ट्रपति कोई राजनेता नहीं थे, । अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक या बेहतर ढंग से कहें तो एक देशभक्त-वैज्ञानिक थे | वह भारत के राष्ट्रीय हितों के शानदार उत्प्रेरक थे |, वे जानते थे कि नीमहकीम राजनीतिज्ञों की दुष्प्रवृत्तियों से कैसे निबटा जाए । उनमें युवाओं में देशभक्ति का जूनून पैदा करने की क्षमता थी जो आज की घृणित राजनैतिक माहौल की प्राथमिक आवश्यकता है | वे युवाओं के सच्चे रोल मॉडल थे ।

अब्दुल कलाम की विनम्रता और निस्वार्थता, में कोई नाटकीयता नहीं थी | वे देशभक्ति, मानवता, समता, और टीम भावना के जीवंत स्वरुप थे । अब सवाल उठता है कि हमारे अगले राष्ट्रपति कौन हों | क्या वर्तमान राष्ट्रपति महोदय को ही दोबारा इस पद पर आसीन किया जाना उचित होगा या टीम भावना से काम करने वाला कोई क्रिकेट खिलाड़ी इस पद के उपयुक्त हो सकता है ? इस बहस को जन्म दिया है इन्डियन एक्सप्रेस में प्रकाशित तुन्कू वरदराजन के एक आलेख ने | वरदराजन ने इस पद के लिए टीम भावना से काम करने वाले, श्रेष्ठ बल्लेबाज व भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ के नाम का उल्लेख किया है | उनके अनुसार अभी द्रविड़ की आयु 50 से भी कम है और वे पूरी सूझबूझ और दक्षता के साथ 2022 तक परिश्रम पूर्वक तलवार की धार पर चलने जैसे इस कार्य का कुशलता से निर्वाह कर सकते हैं | उनका मानना है कि इस समय देश को एक सहज, सरल और समन्वय से कार्य करने वाले एक गरिमामय व्यक्तित्व की आवश्यकता है |

राजनीतिज्ञों के प्रति अनास्था के इस माहौल में किसी गैर राजनीतिज्ञ को देश के सर्वोच्च पद के लिए चुना जाना आदर्श स्थिति तो हो सकती है, लेकिन फंडा यह है कि चुनना तो राजनीतिज्ञों को ही है ? अटल जी ने अपने कार्यकाल में गैर राजनीतिज्ञ देशभक्त वैज्ञानिक कलाम साहब के प्रति विश्वास जताया, किन्तु उनकी बात और थी, वे राजनेता कम भावुक ह्रदय कवि अधिक थे | भाजपा में अटल जी के उत्तराधिकारी बने श्री नरेंद्र भाई मोदी किसको इस पद के लिए उपयुक्त समझेंगे यह देखना दिलचस्प होगा | आम सहमति से राष्ट्रपति बने यह संभवतः एक आदर्श स्थिति होगी | पर क्या यह संभव होगा ?

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