पटेल आरक्षण की मांग या देश को अराजकता की आग में झोंकने की तैयारी ?
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इन्डियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक समाचार के अनुसार अहमदाबाद पुलिस ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और उसके सहयोगियों के बीच हुई बातचीत का एक टेप कब्जे में किया है | इस टेप में कथित तौर पर हार्दिक पटेल 18 अक्टूबर को राजकोट में हुए भारत दक्षिण अफ्रीका वन डे मेच वाले दिन पूरे गुजरात को हिंसक आन्दोलन की आग में धधकाने की योजना बनाते सुनाई देते हैं | "रास्ते पर खाली सोडा की बोतलें, ट्रकों से मार्ग अवरुद्ध करने व जलते टायरों के माध्यम से सभी राजमार्गों को बाधित करने की योजना का इस टेप में खुलासा हुआ है ।
स्मरणीय है कि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के संयोजक हार्दिक और उसके साथियों के पांच भड़काऊ बयानों के आधार पर Detection of Crime Branch (DCB) द्वारा पहले ही “सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने” के आरोप में राजद्रोह का मुक़दमा कायम किया जा चुका है ।
डीसीबी के पास फोन पर की गई अन्य आरोपियों की कथित बातचीत का वह टेप भी है, जिसमें 25 अगस्त को अहमदाबाद में हुई पाटीदार रैली के दौरान "एक घंटे में पूरा गुजरात जला देने", "सरकार का तख्ता पलटने" तथा ट्रेनों को जलाने की योजना बनाने की योजना है ।
एक कथित बातचीत में तो हार्दिक के एक सहयोगी की किसी अज्ञात व्यक्ति के साथ हुई चर्चा है जिसमें "कारतूस तैयार रखने और हंगामा कर ठोक डालने” जैसी विध्वंसक बातें हैं ।
ये समस्त टेप रिकोर्डिंग तथा पिछले तीन महीनों के दौरान दिए गए हार्दिक के भड़काऊ भाषणों की रिकोर्डिंग डीसीबी द्वारा दायर की गई एफआईआर में शामिल की गई हैं | हार्दिक के साथ, हार्दिक, दिनेश भाम्भनिया, चिराग पटेल, केतन पटेल, अल्पेश कठेरिया और अमरीश पटेल के खिलाफ भी मुक़दमा दर्ज हुआ है ।
18 अक्टूबर को राजकोट पुलिस द्वारा वनडे मैच में बाधा डालने की कोशिश करते हुए हार्दिक और उसके साथियों को गिरफ्तार किया गया था। हार्दिक पर कथित तौर पर विपुल देसाई को आत्महत्या के स्थान पर 4-5 पुलिसकर्मियों को मारने की सलाह देने के आधार पर सूरत पुलिस द्वारा देशद्रोह का मामला दर्ज कराया गया है । प्रस्तुत है सम्पूर्ण कथित बातचीत के अंश -
17 अक्टूबर, 5:43
हार्दिक: "हवे एटला मते फोन कर्यो तो के टेम हाईवे रोकी सको, तुमरो सायला वलो ? (मैंने तुम्हें यह पूछने को फोन किया है कि क्या अपने सायला [सुरेंद्रनगर जिले] में राजमार्ग अवरुद्ध कर सकते हो)। "
Kuldip: कायरे (कब) ?
हार्दिक: गमे त्यारे कहिये त्यारे (जब बताया जाए तबकी तैयारी चाहिए)।
कुलदीप: एनी टाईम साहेब (किसी भी समय, साहब)"
17 अक्टूबर, 5:45
हार्दिक: आवती काले हाईवे रोक्वाना छे (कल, राजमार्ग अवरुद्ध करना है)।
अल्पेश: हा, तो वान्धो नाथी (हाँ, कोई समस्या नहीं) ।
हार्दिक: हाईवे शरुआत हूँ कर्वानु छू सवारे नव वाजे रोकवना छे निलेश भाई अर्वदिअने जेल मठी मुक्ता करो पाटीदार समाज ने न्याय आपो आ बेनर साथै (मैं सुबह सबेरे 9 बजे से निलेशभाई अर्वाडिया को जेल से रिहा करो और पाटीदार समाज को न्याय दो के बेनर के साथ राजमार्ग पर शुरूआत करूंगा) ।
(नीलेश अर्वाडिया को एक प्रथक राजद्रोह के मामले में डीसीबी द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है)।
अल्पेश: चोक्कस (ज़रूर)।
हार्दिक: भूलाय नही कमरेज वालो हाईवे बंद करवानो छे गुजरात नो तमाम हाईवे बंध थाई जवाना छे कोई बाकि नथी रहेवाना (कमरेज राजमार्ग बंद करवाना नही भूलना ,गुजरात के सभी राजमार्ग बंद होना चाहिए, कोई छूटे नहीं) |
अल्पेश: मारी जवाबदारी (मेरी जिम्मेदारी) |
हार्दिक: हा, पन एवो रोकवानो के पेली खाली सोडानी बोट्लो फोड़ी नख्वानी रास्ता ऊपर, ट्रको मुकी देवानी बरोबर, टायरो सलगावी देवाना (हाँ, पर यह रुकवाने के लिए पहले से ही रास्तों पर टूटी हुई खाली सोडे की बोतलें, अड़े हुए ट्रक और जलते हुए टायर होना चाहिए) |
17 अक्टूबर, 10:39 पीएम
हार्दिक: काले अमारी धरपकड़ थे तरत थाई जावू जोइये बराबर, टीवी माँ टेम जुओ (कल, मैं गिरफ्तार कर लिया जाऊंगा, तुम टीवी पर देखते रहना) |
कुलदीप: हा, 100% अमा नाही रह जोवमा आवे (हाँ, 100% इसका इंतजार नहीं करना होगा)"
हार्दिक: बराबर भुल्वानु नही जरया तमारे लगभगनव बजे, काले अमारी टीवी मा, 35 केएम बांध रहेवु जोइये, सवर्मा सात वजे अरेस्ट थे आतले जोवानु बरोबर. (09:00 बजे भूलना मत । 35 किमी तक बंद किया जाना चाहिए। 7 बजे गिरफ्तारी होगी, इसलिए यह नहीं भूलना है) ।
इसके बाद गुजरात के विभिन्न स्थानों पर हिंसा भड़क उठी और 17 अक्टूबर और 18 अक्टूबर को सूरत और मेहसाणा में राजमार्ग अवरुद्ध किये गये | दर्ज की गई प्राथमिकी में इस टेप के साथ कुछ अन्य टेप भी सम्मिलित हैं जिनमें हार्दिक और उनकी कोर टीम के सदस्यों को आपराधिक कार्यों के लिए आंदोलनकारियों को उकसाते और राज्य सरकार का तख्ता पलटने की योजना बनाते दर्शाया गया है ।
25 अगस्त, 8:20
अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में हार्दिक की गिरफ्तारी के कुछ मिनट बाद छह आरोपियों में से एक अमरीश पटेल की फोन पर एक अज्ञात व्यक्ति से हुई बातचीत इस टेप में दर्ज है ।
अमरीश: हार्दिकनी धरपकड़ थाई छे (हार्दिक पकड़ा गया है) ।
अज्ञात फोनकर्ता: एतलेज तोह तमने फोन कर्यो, के कर्वानु शु हवे (इसी लिए तो तुम्हें फोन किया है, अब क्या करना है) ।
अमरीश: हवे चालू करिए भेगा कर्वानु बढ़ाने (अब हम सभी को एकत्रित करना शुरू करते हैं)।
अज्ञात फोनकर्ता: हा, करोने बढ़ाने भेगा अमे पन अविये आने करिए मोटो तायफो (हाँ, सभी को इकट्ठा करो, हम भी आ रहे हैं, एक बड़ा हंगामा खड़ा करना है) |
25 अगस्त, 9:36
इस प्रतिलेख में आरोपी दिनेश भाम्भनिया और एक अज्ञात व्यक्ति की बातचीत दर्ज की गई है।
दिनेश: ना, ना,एमा नथी । छोड़ावा आवयु छू | हमना सलगावी दिय्ये आखा गुजरातने एक कलक्मा, आने पकड्वानी भूल करि सरकारे | एक कालक ना थ्व दैय्ये | (नहीं, नहीं, इस तरह नहीं । हम छुड़वाने को आये हैं | एक घंटे में पूरा गुजरात जला देंगे, सरकार ने उसे गिरफ्तार करके गलती की है। अब हम एक घंटा भी नहीं लेंगे) ।
25 अगस्त, 11:11
एक अन्य प्रतिलिपि में, दिनेश फिर से एक अज्ञात व्यक्ति के साथ बातचीत करता सुनाई देता है ।
दिनेश: तमे चिंता ना करता | आने कर्टिस भारविने राखिजे आने बबाल ठे तो ठोकी देजे (तुम चिंता मत करो, हंगामा होते ही ठोकने के लिए कारतूस भरे हुए तैयार रखे हैं) ।
यह पटेल आरक्षण की मांग है या देश को अराजकता की आग में झोंकने की तैयारी ?
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