हाल ही में आई प्राकृतिक विपदाएं और पृथ्वी के नजदीक से गुजरता इंसानी खोपड़ी के आकार का धूमकेतु |

शायद हजारों वर्षों से धूमकेतु या पुच्छल तारे को अपशकुन माना जाता रहा है | और अगर यह पुच्छल तारा इंसानी खोपड़ी की शक्ल का हो तो ?

आजकल वैज्ञानिक पृथ्वी से टकटकी लगाकर इस हैलोवीन नामक क्षुद्रग्रह को देख रहे हैं जिसका आकार हूबहू इंसानी खोपड़ी जैसा है |

राडार इमेज में इस मृत धूमकेतु के भयावह भयानक खोपड़ी के आकार का खुलासा हुआ है, साथ ही यह भी कि यह पृथ्वी के नजदीक से गुजर रहा है ।

दुर्भाग्य से आकाश निरीक्षण का शौक रखने वालों के लिए इसे जमीन से देखना बेहद मुश्किल है, लेकिन online Slooh Community Observatory वेधशाला ने एक वेबकास्ट के जरिये इसे न केवल संभव बनाया, बल्कि इस प्रकार के क्षुद्रग्रहों से प्रथ्वी को होने वाले खतरों तथा क्षुद्रग्रह के पथ पर अद्यतन चर्चाओं की विशेष रुप से मेजबानी की। 

नासा ने भी Infrared Telescope Facility (IRTF) का उपयोग कर इस क्षुद्रग्रह का निरीक्षण किया ।

IRTF डेटा से अनुमान लगाया गया कि यह वस्तु एक मृत धूमकेतु हो सकता है | लेकिन फिर भी इसके इंसानी खोपड़ी का आकार सभी के लिए आश्चर्य और कौतुहल का विषय तो है ही | 

चन्द्रमा के नजदीक स्थापित Slooh नामक उपग्रह से इस क्षुद्रग्रह 2015 TB145 की एनिमेशन रिकॉर्डिंग के लिए सुदूर कैनरी द्वीप में संचालित वेधशाला का इस्तेमाल किया गया । देखने वालों को यह मृत धूमकेतु क्षुद्रग्रह अपनी असामान्य चमक और अंतरिक्ष चट्टान की खोपड़ी के आकार से डरावना व रोमांचित करने वाला था।

Slooh के त्रिचिया एनिस ने अपने एक ईमेल में लिखा भी कि "हम सभी ने नासा की वेधशाला से अंतरिक्ष पर कब्जा जमाये इस चक्करदार खोपड़ी जैसी वस्तु की उन नाटकीय छवियों को देखा । यह क्षुद्रग्रह 2015 TB145 78,293 मील प्रति घंटे (126,000 किमी / घंटा) की रफ़्तार से अंतरिक्ष में गतिमान है। न्यू मैक्सिको में सांडिया राष्ट्रीय प्रयोगशाला के भौतिक विज्ञानी व क्षुद्रग्रह प्रभाव विशेषज्ञ मार्क बोस्लौघ के अनुसार अगर यह प्रथ्वी से टकराए तो अपने और गति के कारण 6 वर्ग मील चौड़ा गड्ढा बना सकता है | वह भी 2015 TB145 की रडार छवियों से प्रभावित है ।

हैलोवीन क्षुद्रग्रह वास्तव में एक धूमकेतु हो सकता है, लेकिन हैरत की बात यह है कि अंतरिक्ष में समय समय पर दिखाई देने वाले धूमकेतुओं के समान इसकी उज्ज्वल पूंछ नहीं है, इसका अर्थ यह निकाला जा सकता है कि यह एक मृत धूमकेतु है ।

पूर्णिमा की रात को चन्द्रमा के गुरुत्वाकर्षण के कारण समुद्र में आने वाले ज्वार के समान ही इन दिनों आये हुए भूकंप या चक्रवात का कारण भी कहीं इस धूमकेतु का प्रभाव ही तो नहीं है | 

आज का ही समाचार है कि अरब सागर में “चपला” नामक एक समुद्री तूफ़ान तेजी से भारत की तरफ ही बढ़ रहा है |

आज भी यह विराट ब्रह्माण्ड अनेकों अनजाने रहस्य अपने गर्भ में छुपाये हुए है |


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