उल्का पिंड की टक्कर से बनी महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा ज़िले में स्थित खारे पानी की झील “लोनार”

महाराष्ट्र के बुलढ़ाणा ज़िले में स्थित 'लोनार झील’ जो कि दुनिया भर में अपने इतिहास और खूबसूरती के लिए मशहूर है लोनार लेक के आस - पास खूबसूरत जंगल बना हुआ है, यहां अकसर विदेशी पक्षी देखे जाते हैं ! साथ ही इस झील के पानी में हो रहा बदलाव आज भी रहस्य बना हुआ है ! लोनार झील खारे पानी की झील है ! स्मिथसोनियन इंस्टिट्यूट ऑव वाशिंगटन, जियोलोजिकल सर्वे ऑव इंडिया और यूनाईटेड स्टेट जिओलोजिकल सर्वे द्वारा लगभग 20 वर्ष पहले किए गए एक साझा अध्ययन में इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण मिले थे कि लोनर कैटर का निर्माण पृथ्वी पर उल्का पिंड के टकराने से ही हुआ था !

झील का खारा पानी इस बात को दर्शाता है कि कभी यहां समुद्र था ! इसके बनते वक्त करीब दस लाख टन के उल्का पिंड की टकराहट हुई ! करीब 1.8 किलोमीटर डायमीटर की इस उल्कीय झील की गहराई लगभग पांच सौ मीटर है ! इस झील के पानी पर आज भी देश-विदेश के कई वैज्ञानिक रिसर्च कर रहे हैं ! कहा जाता है कि झील के पानी में समय-समय पर बदलाव होते हैं ! यह बदलाव क्यों होते हैं इस बात पर आज भी रहस्य कायम है और कई साइंटिस्ट इस राज को जानने में जुटे हुए हैं !

बताया जाता है कि पृथ्वी से टकराने के बाद उल्कापिंड तीन हिस्सों में टूट चुका था और उसने लोनार के अलावा अन्य दो जगहों पर भी झील बना दी ! हालांकि अब अन्य दो झीलें पूरी तरह सूख चुकी है पर लोनार में आज भी पानी मौजूद है !

लगभग वर्ष 2006 के आसपास लोनर झील में अजीब-सी हलचल हुई थी, झील का पानी अचानक भाप बनकर खत्म हो गया ! गांव वालों ने पानी की जगह झील में नमक और अन्य खनिजों (मिनरल्स) के छोटे-बड़े चमकते हुए क्रिस्टल देखे ! आज भी वैज्ञानिकों में इस विषय पर गहन शोध जारी है कि लोनार में जो टक्कर हुई, वो उल्का पिंड और पृथ्वी के बीच हुई या फिर कोई ग्रह पृथ्वी से टकराया था !

अमरीकी अन्तरिक्ष एजेंसी नासा का मानना है कि बेसाल्टिक चट्टानों से बनी यह झील बिलकुल वैसी ही है, जैसी झील मंगल की सतह परपायी जाती है, यहां तक कि इसके जल के रासायनिक गुण भी मंगल पर पायी गयी झीलों के रासायनिक गुणों से मिलते जुलते हैं ! ऊंची पहाडियों के बीच लोनार के शांत पानी को देखने पर यहां घटी किसी बड़ी प्राकृतिक घटना का एहसास होने लगता है !

जिंदगी में आपको कभी दूसरे ग्रहों पर जाने का मौका नहीं मिल पाए, मगर आप महाराष्ट्र के बुलढ़ाना जनपद के लोनार गांव में जरूर मंगल ग्रह पर पाई जाने वाली सतह का अनुभव कर सकते हैं और साथ ही उल्का पिंडों के पृथ्वी पर पड़ने वाले प्रभावों को भी देख सकते हैं ! यहां आपको उस दुनिया की ताकत का एहसास भी होगा, जिसे हमने अब तक सिर्फ किस्से-कहानियों में ही सुना है !

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