राजनीतिक विरोधी बिगाड़ रहे भारत की छवि - वेंकैया नायडू


इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित अंग्रेजी लेख का हिन्दी अनुवाद 

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत हर मोर्चे पर आगे बढ़ रहा है। राजनीतिक विरोधियों द्वारा उनके खिलाफ चलाया जा रहां दुष्प्रचार अभियान, देश की छवि व लोगों के हितों को निशाना बनाता है ।

अक्षम प्रशासन, पक्षाघात की शिकार नीतियों, भ्रष्टाचार और वोट बैंक की राजनीति से निराश भारत के लोगों ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत राजग को भारी जनादेश दिया । जन आकांक्षाओं ने उनमें आशा की किरण पाई । पहले दिन से ही उनकी सरकार का घोषित मुख्य एजेंडा रहा विकास और सुशासन । विश्व भर में प्रधानमंत्री द्वारा निवेश जुटाने के प्रयत्न सफल हुए और भारत के बारे में धारणा बदल गई । उन्होंने कारोबार करना आसान बनाने के लिए भी कदम उठाये, क्योंकि जब तक आप धन नहीं कमाएंगे, तब तक आप रोजगार या सामाजिक न्याय प्रदान करने में भी सक्षम नहीं होंगे ।

आज दुनिया भर में भारत का सम्मान, किसी भी अन्य समय की तुलना में कहीं अधिक किया जाता है। मोदी ने न केवल सुधार के लिए कदम उठाए हैं, बल्कि सामाजिक-सुरक्षा उपायों पर भी ध्यान दिया है, जैसे जन धन योजना, जन सुरक्षा योजना, अटल पेंशन योजना, मुद्रा बैंक (किराना व्यापारियों, सब्जी विक्रेताओं जैसे छोटे विक्रेताओं और व्यापारियों के लिए)। न्यूनतम पेंशन को 1,000 रुपये तक बढ़ाया गया है। हर किसी को विभिन्न सरकारी लाभ के साथ उन्हें जोड़ने के लिए उन्हें आधार कार्ड उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं । इस संबंध में सरकार का वृहत उद्देश्य (जन धन, आधार कार्ड, मोबाइल) JAM पर आधारित प्रणाली विकसित करना है।

केंद्र सरकार भ्रष्टाचार, शासकीय योजनाओं में बिलम्ब और शोषण के उन्मूलन की दिशा में बढ़ रही है। रसोई गैस और यूरिया सब्सिडी, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, छात्रवृत्ति, पेंशन और मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान, सभी को सुव्यवस्थित किया जा रहा है। परिणाम सकारात्मक रहे हैं: काफी हद तक पैसे को बचाया जा चुका है और अब हम एक लक्षित तरीके से वास्तविक गरीब तक पहुँचने में सक्षम हो रहे है। साफ-सफाई के साथ ही विनिर्माण और रोजगार बढ़ाने के लिए, प्रधानमंत्री ने अनेक अभिनव कार्यक्रम शुरू किये हैं, जैसे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि, स्वच्छ भारत मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, डिजिटल इंडिया और क्लीन इण्डिया | संसाधन विकास।

कई क्षेत्रों में नौकरियां पैदा करने और आर्थिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए, निवेश आकर्षित करने हेतु एफडीआई नियमों में छूट दी गई है। सरकार को उच्च राजकोषीय, राजस्व, व्यापार और चालू खाता घाटा, और इन सब से बढ़कर, विश्वास की कमी विरासत में मिली है । किन्तु इनमें से कुछ अब अतीत का विषय बन गए हैं और अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। सकल घरेलू उत्पाद की विकास गति को उठाया गया है।

एफडीआई प्रवाह में $ 31 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। भारत हाल के वर्षों में हुई गिरावट के बाद तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभरने के लिए तैयार है। मजबूत आर्थिक विकास से सुनिश्चित तौर पर गरीबी का गड्ढा भरने में मदद मिलेगी। निराशा के माहौल के स्थान पर आत्मविश्वास पूर्ण सोद्देश्य भावना प्रतिस्थापित हुई है। हमारे विरोधी गरीबी की राजनीति में विश्वास करते हैं, जबकि हम विकास की राजनीति में, हमारा ध्यान विकास पर केंद्रित है, ताकि गरीब गरीबी के चंगुल से निकले और उसे गरिमा के साथ अपने दम पर जीवनयापन के बेहतर अवसर उपलब्ध हों । हमारे विरोधियों के लिए गरीबी एक अच्छा राजनीतिक हथियार है। कुछ लोग मनमोहन सिंह की सरकार के लिए तडप रहे हैं, जो भारत के इतिहास की सबसे अक्षम, भ्रष्ट नीतिगत पक्षाघात से पीड़ित सरकार थी ।

विश्व बैंक की 'डूइंग बिजनेस 2016 " रिपोर्ट दर्शाती है कि विनियामक वातावरण में सुधार के कारण भारत की रेंकिंग में चार स्थानों का सुधार हुआ है | विगत वर्ष की गणना में कुल 189 देशों में भारत का स्थान 134.वां था जो अब 130 वां है | जबकि मूल गणना में तो भारत का स्थान 142 वां था । 12 महीनों में भारत जैसी विशाल अर्थव्यवस्था में इस सुधार के लिए प्रधानमंत्री ने जो साहसिक पहल की उसके लिए उन्हें धन्यवाद ।

विश्व बैंक की रिपोर्ट कहती है कि 2004 में भारत में एक व्यवसाय शुरू करने में 127 दिन लगते थे । अब इसमें 29 दिनों की कमी आई है। इस पैरामीटर पर, भारत पहले 164 वें स्थान पर था। अब यह 155 वें स्थान पर है | सरकार की पहल हेतु धन्यवाद, जिसके कारण बैंकों में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां 28 प्रतिशत कम हुई हैं। एक नया बिजली कनेक्शन प्राप्त करने में आसानी पर, भारत 70 वें स्थान पर आ गया है। अल्पसंख्यक निवेशकों की रक्षा करने के संबंध में, भारत आठवें स्थान पर है, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान की रेंक क्रमश: 35 और 36 है । यह सब सेबी और कंपनी मामलों में सुधारों के कारण संभव हुआ है । रिपोर्ट ने दृढ़ता से जीएसटी कर में सुधार लाने की सिफारिश की है ।

दुनिया भर के 500 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साक्षात्कार के बाद, अर्न्स्ट एंड यंग की रिपोर्ट कहती है कि भारत निवेश के लिए सबसे अनुकूल जगह है: "इसमें कोई शक नहीं है कि भारत में ब्याज बढ़ गया है । किन्तु उसी तेजी से निवेशक क्षमता को देखते हैं, और बुनियादी बातों को समझते हैं। " ऐसे समय में जबकि चीन भी फिसल रहा है, भारत एक उज्ज्वल स्थान व आशा का एक द्वीप है। ऐसे में हमें बाधा पहुंचाने वाले तत्वों को भारत के विकास की कहानी को क्षति पहुंचाने की अनुमति नहीं देना चाहिए ।

भारत के प्रदर्शन में अगले वर्ष और सुधार की संभावना है | अनेक नियमों, प्रक्रियाओं और उनके अनुपालन के सरलीकरण के उपाय किये जा रहे हैं। केंद्र सरकार लगातार विभिन्न प्रक्रियाओं को सरल करने के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम कर रही है।

आज भारतीय प्रधानमंत्री की विश्व स्तर पर प्रशंसा हो रही है - विश्व आर्थिक मंच द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार वे दुनिया में 10 वें सबसे लोकप्रिय व्यक्तित्व है। लोगों को लगता है कि मोदी "विकसित भारत का निर्माण" के लिए प्रतिबद्ध हैं। नरेंद्र मोदी इस मिशन को पूरा करने के साधन है। विगत वर्ष में सरकार ने इस लक्ष्य की दिशा में एक मजबूत शुरूआत की है। शीर्ष स्तर पर कोई घोटाले नहीं हुए, नही भ्रष्टाचार के कोई आरोप लगे । "न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन" तेजी से महसूस किया जा रहा है।

केंद्र सरकार केंद्रीय राजस्व का 42 फीसदी राज्यों को, 5 फीसदी शहरी स्थानीय निकायों को, और प्राकृतिक आपदाओं से निबटने के लिए 2 प्रतिशत हस्तांतरित कर रही है। यह राज्यों और स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है ।

शहरी विकास के लिए - Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation (Amrut) कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (अमृत), अन्य शहरों के लिए प्रकाश स्तम्भ का कार्य करने वाली स्मार्ट सिटी योजना, सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने वाली ह्रदय योजना, दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, 2022 तक गरीब से गरीब के लिए आवास उपलब्ध कराने वाकी आवास उत्थान योजना और स्वच्छ भारत मिशन ।

दालों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में पहली बार 200 रुपये की वृद्धि की गई है। पहले यह इससे आधा था – अब अगर किसान की फसल में केवल 30 फीसदी क्षति हुई, तो भी वह मुआवजे का हकदार होगा । अतीत की तुलना में 50 फीसदी अधिक मुआवजा दिया जाएगा । मिट्टी और उसके लिए उपयुक्त फसलों के प्रकार का पता करने में मदद पहुँचाने वाली किसानों के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना भी प्रगति पर है । देश के विभिन्न भागों में फूड पार्क आ रहे हैं। किसान ऋण राशि में 8.5 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है । परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर परिवार को अब 1.2 लाख रुपये के स्थान पर 4 लाख रुपये मिलेंगे । पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस शासन ने पर्याप्त मुआवजा दिए बिना 20 लाख एकड़ से अधिक कृषि योग्य जमीन का अधिग्रहण किया। अब स्थिति यह है कि सरकार को जमीन का एक इंच भी प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जाएगी । हमें गर्व है कि हमारी सरकार किसी घोटाले या कांड में नहीं उलझी है । हमारा ध्यान केवल जन कल्याण और विकास पर है।

अल्पसंख्यक, उस्ताद योजना के तहत अपने कौशल का उन्नयन कर सकते हैं, और उनके लिए सरकार ने एक करोड़ छात्रों को छात्रवृत्ति वितरित करने का लक्ष्य रखा है। सभी श्रमिक स्मार्ट कार्ड के हकदार हैं, जिसका पेंशन और बीमा जैसे लाभ पहुंचाने के लिए विस्तार किया | प्रत्येक श्रमिक को एक अनूठा(यूनिक) नंबर, जिससे उनकी भविष्य निधि बिना किसी परेशानी के स्थानांतरित हो जायेगी । घुमंतू समुदायों की पहचान करने और उन्हें समर्थन देने के लिए एक आयोग स्थापित किया गया है। अब, पहचान की पुष्टि करने के लिए राजपत्रित अधिकारियों या जनप्रतिनिधियों के दृष्टिकोण की कोई जरूरत नहीं है - सरकार ने आत्म सत्यापन शुरू किया है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में छह करोड़ लोगों को 6.5 प्रतिशत ब्याज पर आवास उपलब्ध कराये गए हैं, यह अपने आप में एक कीर्तिमान है । आवास ऋणों के लिए मध्यम वर्ग को आयकर छूट दी गई है। आवास की मंजूरी के लिए एकल खिड़की के प्रयास जारी हैं। इस सम्बन्ध में छह संबंधित मंत्रियों के बीच चर्चा के चार दौर हो चुके हैं ।

सफलतापूर्वक ईरान, लीबिया और यमन से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। संकट में फंसे किसी भी भारतीय का त्वरित ढंग से विदेश मंत्रालय द्वारा ध्यान रखा जाता है। भूकंप ने पडौसी नेपाल को हिलाकर रख दिया, तब भारत ने त्वरित कार्यवाही करते हुए मदद की पेशकश की । श्रीलंका की अदालतों द्वारा दोषी करार दिये गए और वहां की जेलों में फंसे पांच तमिल मछुआरों को हमारे प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप के बाद रिहा किया गया । फादर एलेक्सिस प्रेम कुमार भी प्रधानमंत्री की पहल पर अफगानिस्तान से रिहा हुए ।

आमजन भाजपा और मोदी के नेतृत्व को लगातार समर्थन दे रहे है। हमने महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, असम, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा, पोर्ट ब्लेयर और यहाँ तक कि लद्दाख नगर निगम चुनाव में भी सफलता पाई है।

लेकिन भारत में हमारे कुछ राजनीतिक विरोधी प्रधानमंत्री और सरकार की बढ़ती लोकप्रियता को पचा नहीं पा रहे हैं। वे संसद के कार्य में बाधा पहुंचाते हैं और और राज्यसभा में अपने बहुमत के आधार पर महत्वपूर्ण विधेयक बाधित करते हैं । इतना ही नहीं तो उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ एक दुष्प्रचार अभियान चलाया हुआ है। वे केवल प्रधानमंत्री की छवि पर ही चोट नहीं कर रहे हैं, बल्कि वस्तुतः वे आमजन के हितों और देश की छवि को प्रभावित कर रहे हैं ।

लेखक शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उपशमन, और संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री हैं |

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