संघ एक संस्था नहीं, बल्कि एक लक्ष्य है - श्री अरुण कुमार (अ.भा.सह संपर्क प्रमुख रा.स्व.संघ)

नई दिल्ली, 24 दिसम्बर, 2015 // संघ एक संस्था नहीं है, संघ एक लक्ष्य है | संघ ने प्रारम्भ से ही समाज में रहकर समाज निर्माण का कार्य किया है | संघ को संस्था समझना एक भ्रम है | इसी प्रकार एक दूसरा भ्रम है कि संघ मुद्दों पर कार्य करता है | यह गलत है। मैं बता दूँ कि “संघ के पास व्यक्ति निर्माण के अतिरिक्त अन्य कोई मुद्दा नहीं है।” यही संघ का लक्ष्य है, यही संघ का सबकुछ है और विगत 90 वर्षों से इसी पर संघ यात्रा अविराम चल रही है । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह-संपर्क प्रमुख श्री अरुण कुमार जी ने ‘प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित व अरुण आनंद द्वारा लिखित पुस्तक “KNOW ABOUT RSS” के लोकार्पण समारोह’ में उक्त उदगार व्यक्त किये । 

उन्होंने पुस्तक के संबंध में कहा कि “KNOW ABOUT RSS” पुस्तक उन लोगों के लिए है जो संघ से परिचित नहीं है और संघ के बारे में गलत पढ़-सुनकर, गलत धारणाएं रखे हुए हैं। इस पुस्तक को पढ़ने के बाद वो सभी गलत धारणाएं स्वतः परत-दर-परत मिट जायेंगी। यह पुस्तक संघ की राष्ट्रवादी सोच को समझने के लिए उपयुक्त है। अरुण आनंद ने इस पुस्तक में संघ और संघ के एक-एक कार्य को आज के परिपेक्ष्य में बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत किया है। 

संघ के बारे में जब हम विचार करते हैं तो इसके दो पक्ष सामने निकल के आते हैं। एक तो वास्तविक सकारात्मक छवि जो कि संघ के समाज हितैषी काम के कारण बनी है | दूसरी विरोधियों द्वारा दुष्प्रचार के माध्यम से अकारण चिपकाई गई नकारात्मक छवि | ऐसे कार्य जिनसे संघ का दूर-दूर तक कोई वास्ता नहीं, जिनसे संघ का कुछ लेना-देना तक नहीं, वह संघ के जन्म काल से ही इसके विरोधियों द्वारा संघ से चिपका दी गईं । गांधी जी की हत्या हुई और विरोधियों ने उसका ठीकरा संघ के माथे पर फोड़ दिया कि हत्या संघ ने ही करवाई है। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था। उसपर गठित तीन-तीन जांच आयोग ने भी संघ को क्लीन चिट दिया। फिर भी संघ के बारे में विरोधियों द्वारा भ्रामक तरीके से दुष्प्रचार किया गया। परंतु, संघ व्यक्ति निर्माण का अपना कर्म करता गया, और आज उसका परिणाम इस देश के सामने ही नहीं बल्कि विश्व के समक्ष उपलब्ध है। संघ अपने शुरुआत से ही समाज निर्माण करता आया है और आज भी पुरे निष्ठा एवं समर्पण भाव से कर रहा है। 

संघ के घोर विरोधी भी जब संघ के संपर्क में आते हैं तो फिर संघ के हो जाते हैं, जैसे - जयप्रकाश नारायण। संघ का मतलब समाज, समाज का मतलब राष्ट्र है। हमारे देश में आजादी से पहले और आजादी के बाद संघ का बहुत बड़ा रोल रहा है । लेकिन यह दुखद है कि लम्बे समय तक सत्ता में रहे लोगों तथा मीडिया के एक वर्ग द्वारा मिथ्या और अतार्किक बयानबाजी होती है | इस प्रकार का असत्य संभाषण देश की सबसे बड़ी समस्या है ! जहाँ एक ओर संघ व्यक्ति निर्माण द्वारा समाज को संगठित करता है, जबकि वे तरह-तरह से मिथ्या चर्चाओं द्वारा समाज को विभाजित करते आ रहे हैं। 

देश में आजादी के बाद कुछ स्वार्थी लोगों द्वारा आजतक जो भी डिबेट खड़ी की गई है, उसका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ इस देश की राष्ट्रवादी सोच को कुंठित करना होता है । ऐसा उनलोगों द्वारा सिर्फ राजनीतिक और सत्ता लाभ के लिए किया गया है। कभी मंदिर, कभी मस्जिद, कभी चर्च तो कभी गुरुद्वारा और आजकल उनलोगों द्वारा असहिष्णुता पर संवाद किया जा रहा है। ऐसा करके वो लोग न केवल देश की छवि को धूमिल कर रहे हैं, बल्कि देश की प्रगति को भी बाधित कर रहे हैं। 

“KNOW ABOUT RSS” के इस लोकार्पण कार्यक्रम में भारत सरकार में मंत्री श्री जगत प्रकाश नड्डा मुख्य अतिथि रहे, कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह-संपर्क प्रमुख श्री अरुण कुमार जी ने और मंच संचालन श्री प्रभात कुमार जी ने किया। स्क्रिप्ट राइटर एवं नॉवेलिस्ट सुश्री अद्वैत काला और न्यूज़ एक्स चैनल के एग्जीक्यूटिव न्यूज़-एडिटर श्री कार्तिकेय शर्मा ने “KNOW ABOUT RSS” पुस्तक पर अपने-अपने विचार रखें। “KNOW ABOUT RSS” पुस्तक लोकार्पण का कार्यक्रम स्पीकर हॉल, कॉन्स्टिट्युशन क्लब, नई दिल्ली में संपन्न हुआ।

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