सहिष्णुता की सच्ची कहानी, सउदी अरब में आज शिया धर्मगुरू शेख निम्र अल निम्र को दे दी गई फांसी


सउदी अरब में आज शिया धर्मगुरू शेख निम्र अल निम्र को फांसी दे दी गई | शेख निम्र को 8 जुलाई 2012 को पैर में गोली मारकर गिरफ्तार किया गया था | इस गिरफ्तारी की प्रतिक्रया स्वरुप हजारों लोगों ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया | इन प्रदर्शनकारियों पर भी पुलिस द्वारा गोली चलाई गई, जिसमें अकबर अल शाखौरी और मोहम्मद अल-फेल्फेल नामक दो नौजवान मारे गए थे | 

गिरफ्तारी के बाद शेख निम्र अल निम्र को यातनाओं का भी सामना करना पड़ा | यहाँ तक कि उनके दांत भी तोड़ दिए गए | जिसके विरोध में 21 अगस्त से उन्होंने जेल में ही भूख हड़ताल शुरू कर दी | सम्पूर्ण विश्व में इसकी तीव्र प्रतिक्रिया हुई थी | एमनेस्टी इंटरनेशनल व अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं द्वारा भूख हड़ताल के दौरान अल-निम्र के स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त की गई थी । 

अंतर्राष्ट्रीय जनमत को दरकिनार कर 15 अक्टूबर, 2014 को अल-निम्र को सऊदी अरब सरकार द्वारा गठित विशेष अपराध न्यायालय ने मौत की सजा सुना दी | उन पर सऊदी अरब सरकार और सुरक्षा बलों के खिलाफ हथियार उठाने व विदेशी दखल के आरोप लगाए गए | जब उनके भाई मोहम्मद अल-निम्र ने इस सजा की सूचना ट्वीट कर दुनिया को दी, तो उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया |

अल-निम्र ने 2008 में शिया शेख बनने के पूर्व दस साल तक तेहरान और सीरिया में अध्ययन किया। प्रारम्भ में वे अयातुल्लाह मोहम्मद हुसैनी शिराज़ी के अनुयाई रहे, उसके बाद अयातुल्ला मोहम्मद तकी अल मोदर्रेसी के । 2008 में वे पूर्वी प्रांत के शिया समुदाय के राजनैतिक समुदायों इस्लाहिय्याह (शिराज़िस) और हिजबुल्लाह अल-हेजाज़ (सऊदी हिजबुल्लाह) से जुड़ गए । 

उन्होंने इराक में प्रथक कुर्दिस्तान की वकालत की । अल निम्र का मानना था कि "भगवान के नाम पर हत्या" सबसे बड़ा अपराध है । वे लोगों के प्रजातांत्रिक अधिकार के पैरोकार थे । अल निम्र को एक अमरीकी समर्थक नेता माना जाता था | अल-निम्र ने 1990-91 के खाड़ी युद्ध में कुवैत और सऊदी अरब के आंतरिक संघर्ष में अमेरिका से सैन्य हस्तक्षेप का अनुरोध किया था । 

जिस समय सऊदी शासक नायेफ की मौत हुई, तब निम्र की प्रतिक्रया थी कि लोगों को खुशी मनाना चाहिए, वह कब्र में कीड़ों द्वारा खाया जाएगा, वह नरक की आग में झुलसेगा | 2012 में नायेफ की मौत के बाद सऊदी अरब के युवराज,बने नायेफ बिन अब्दुल अजीज अल सऊद की भी निम्र ने आलोचना की । 

अक्टूबर 2011 में गार्जियन ने निम्र को स्थानीय युवाओं के बीच सबसे लोकप्रिय सऊदी शिया मौलवी के रूप में वर्णित किया | जुलाई 2012 में जब उनकी गिरफ्तारी हुई तो हजारों लोगों ने उनके समर्थन में प्रदर्शनों में भाग लिया, जो उनकी लोकप्रियता का ही प्रमाण था । 

इस लोकप्रियता के पीछे अल निम्र का संघर्षपूर्ण जीवन था | 2004 और 2006 में भी उन्हें गिरफ्तार किया गया था | इतना ही नही तो हिरासत के दौरान उन्हें पीटा भी गया था । उनकी गिरफ्तारी के विरोध में तब भी अल-अवामियाह के निवासियों ने उनके समर्थन में लम्बे समय तक अभियान चलाया था।

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