26-11 का मुम्बई हमला और बालासाहब ठाकरे की ह्त्या का षडयंत्र !



26/11 के मुंबई हमलों में अपनी भूमिका के लिए अमेरिका में दोषी ठहराए गए पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली (जन्म का नाम दाऊद सैयद गिलानी, 30 जून 1960), ने आज एक अदालत में कहा कि आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) ने शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे को खत्म करने का काम जिस व्यक्ति को सौंपा था, उसे मुम्बई पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था।

2008 के मुंबई आतंकी हमलों के एक मुख्य अभियुक्त अबू जुंदाल के वकील अब्दुल वहाब खान ने आज 55 वर्षीय आतंकवाद के मामले में सरकारी गवाह बन चुके हेडली से वीडियो लिंक के माध्यम से लगातार दूसरे दिन जिरह की | 

26/11 के मुंबई आतंकी हमले के आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने कल इस बात से इनकार किया था कि उसे पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) द्वारा कोई भुगतान किया गया था | किन्तु आज उसने अदालत के समक्ष सनसनीखेज खुलासा किया उसका पूरा अभियान बड़े पैमाने पर और पूरी तरह आईएसआई द्वारा वित्त पोषित किया गया था।

हेडली से जिरह के बाद मीडिया से बात करते हुए मामले के विशेष अभियोजक उज्ज्वल निकम ने कहा कि पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकवादी ने आज के सत्र में चार प्रमुख खुलासे किये हैं ।

पहला तो यह कि 26/11 के मुम्बई हमले की कार्यवाही को पाकिस्तानी आईएसआई ने भारी वित्तीय मदद दी थी। 

हेडली द्वारा किया गया दूसरा खुलासा यह है कि लश्कर ए तैयबा शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे को मारने की कोशिश में जुटा था, और इस काम के लिए लश्कर ने जिस व्यक्ति को नियुक्त किया था, उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन वह भाग निकला । हालांकि हेडली ने यह भी स्पष्ट किया कि उसे इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है, उसने इस विषय में बात करते हुए लश्कर के लोगों को सुना था । 

निकम के अनुसार हेडली ने तीसरा खुलासा यह किया कि 26/11 के हमले के बाद लश्कर पर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद, उन्होंने डेनमार्क हमले में एक नरम रुख अपनाया ।

26/11 हमले के मुख्य प्लॉटर अबू जुंदाल के वकील अब्दुल वहाब खान ने जिरह के दौरान बार-बार हेडली से उसकी पत्नी शाजिया की भागीदारी को लेकर सवाल किये, किन्तु उसने इस विषय में कुछ भी जवाब देने से मना कर दिया | उसका कहना था कि पति और पत्नी के बीच की बातचीत का व्यौरा नहीं पूछा जा सकता, इसका जबाब न देना उसका विशेषाधिकार है ।

अबू जिंदाल के वकील का प्रयत्न था कि हेडली की पत्नी साजिया को भी आपराधिक साजिश रचने के मामले में आरोपी बनाया जाए | उनका कहना था कि शाजिया को आतंकवादी हमले के बारे में जानकारी थी ।

एक अन्य खुलासे में हेडली ने बताया कि वह 26/11 के बाद लश्कर से उसका सम्बन्ध नहीं रहा, किन्तु वह भारत पर एक और हमले की योजना बना रहा था, किन्तु यह कार्य वह अल-कायदा के निर्देश पर कर रहा था ।

हेडली ने बताया कि उसने मार्च 2009 में भारत का दौरा किया और लक्ष्य का चयन करने के लिए नेशनल डिफेंस कॉलेज और अन्य स्थानों पर भी गया । इस दौरे पर व्यय हुए 1 लाख (पाकिस्तानी रुपये) की व्यवस्था इलियास कश्मीरी द्वारा की गई | 

कल की जिरह में हेडली ने कहा था कि उसने आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के लिए 80 लाख रुपये दिए थे, किन्तु उसे नहीं मालूम कि उस धन का क्या उपयोग किया गया ।
हेडली के साथ क्रोस एग्जामिनेशन का आज दूसरा दिन था, यह कल भी जारी रहेगा ।

इस बीच, हेडली के रहस्योद्घाटन पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि शिवसेना को यह जानकर को गर्व महसूस हो रहा है कि बाला साहब ठाकरे लश्कर की हिटलिस्ट में शामिल थे ।

एक हत्यारा लश्कर द्वारा इस काम के लिए नियुक्त किया गया, लेकिन वह शिवसेना प्रमुख को मारने में विफल रहा। हैरत की बात है कि इस मामले में मुंबई पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार भी किया है, लेकिन वह पुलिस हिरासत से भाग गया। मैं पूछना चाहता हूँ कि यह तथ्य पुलिस ने अब तक छिपाकर क्यूं रखा ? उन्होंने संदेह व्यक्त किया कि कहीं उस व्यक्ति को जेल से भगाने के पीछे कोई साजिश तो नहीं थी ? मुंबई पुलिस और तत्कालीन सत्ताधीशों को इन सवालों का जबाब देना चाहिए । तत्कालीन पुलिस आयुक्त से भी पूछताछ होना चाहिए ।

बाला साहब सदा से एक सच्चे देशभक्त रहे, तथा उन्होंने आजीवन पाकिस्तान और आतंकवादियों द्वारा की जाने वाली आतंकी व हिंसक गतिविधियों का विरोध किया । अतः उनका नाम लश्कर की हिटलिस्ट में होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है | हमें इस पर फक्र है ।

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