रेल मंत्री सुरेश प्रभू का भावना प्रधान पत्र सवा करोड़ भारतवासियों के नाम !


अपनी सादगी और सरलता के लिए ख्यातनाम रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने आज पिछले डेढ़ वर्षों की उपलब्धियां व प्राथमिकताएं गिनाते हुए, "रेलवे परिवर्तन से भारत परिवर्तन" की अपनी सेवा यात्रा में सभी भारत वासियों से सहयोग माँगा है ! प्रस्तुत है उस पत्र का हिन्दी रूपांतर -

प्रिय मित्रो, 

हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी का दृढ़ विश्वास है कि भारतीय रेलवे में भारत की प्रगति और आर्थिक विकास का मेरुदंड बनने की अपार संभावना व क्षमता है ! इसी नजरिये से हम सब आपकी सहभागिता में भारतीय रेलवे के लिए कार्यरत हैं !

18 महीने पहले, जब मैंने इस महान संगठन “भारतीय रेलवे” का पदभार संभाला था, उस समय मेरे सम्मुख कई बड़ी चुनौतियां थीं । मेरे सामने दो ही विकल्प थे, या तो मैं छोटे छोटे परिवर्तनों द्वारा आगे बढूँ या फिर सामान्य ढर्रे के व्यापार से आगे जाऊं । मैंने दूसरा विकल्प चुना !

परम्परागत प्रणाली में परिवर्तन लाना समय की मांग है । धीमी गति से चलती विशालकाय भारतीय रेल की अवधारणा को संवेदनशील आधुनिक संगठन में बदलना महत्वपूर्ण था ! इस दिशा में जो थोड़ी बहुत प्रगति हुई है, वह मेरे लिए संतोष का विषय है ! हालांकि अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है !

हमारे प्रधानमंत्री ने कई बार कहा है कि हमारी सरकार की प्राथमिकता देश का अति सामान्य नागरिक है, और इसे ही ध्यान में रखते हुए हमने अपने लोगों की यात्रा सुविधा बढाने की दिशा में कार्य किया । इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हमने कई पहल की ।

भारतीय रेलवे के दो साल की उपलब्धियों पर एक ई-पुस्तक लांच की गई है :
HTT p: //www.indianrailways.gov.in/railwayboard/uploads/directorate/prd/downloads/Two_Years_Performance_Report.pdf

कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां इस प्रकार हैं :

2828 किलोमीटर दूरी की ब्रॉड गेज लाइनें डाली गईं, जो 2009-14 की तुलना में 85% अधिक है ! इसी प्रकार 2009-14 में प्रति दिन डाली गई औसतन प्रति दिन 4.3 किलोमीटर लाइनों की तुलना में प्रतिदिन 7.7 किलोमीटर लाईनें डाली गईं ! 

2015-16 में पूंजीगत व्यय लगभग 94,000 करोड़ रुपये रहा जो 2009-14 के पिछले पांच साल की अवधि के वार्षिक औसत पूंजीगत व्यय से लगभग दोगुना है !

पिछले साल 1,730 किलोमीटर का विद्युतीकरण किया गया, जो 2009-14 में हुए वार्षिक 1184 किलोमीटर के औसत की तुलना में एक बड़ी छलांग है !

सोशल मीडिया के माध्यम से एक संवेदनशील 24x7 शिकायत निवारण तंत्र विकसित किया गया !

साफ-सफाई: स्वच्छ रेल, स्वच्छ भारत अभियान, मेरा कोच स्वच्छ हो जैसी सेवायें शुरू की गईं ! स्टेशनों की सफाई हेतु तीसरे पक्ष आधारित समुचित देखभाल व्यवस्था सुनिश्चित की गई !

ई-खानपान, ई-व्हीलचेयर, ई-बिस्तर जैसी सुविधाओं की सहज उपलब्धता सुनिश्चित की गई !

टिकटिंग: आईआरसीटीसी क्षमता में वृद्धि हुई, स्वचालित टिकट वेंडिंग मशीनें स्थापित की गईं, सेल फोन के माध्यम से पीआरएस टिकट रद्द किया जाना प्रारम्भ हुआ, विकल्प योजना का शुभारंभ हुआ !

स्पीड: भारत की प्रथम सेमी हाई स्पीड ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस का शुभारंभ हुआ, टाल्गो कोचों का ट्रायल रन प्रारम्भ होने वाला है !

पूर्वोत्तर का संपर्क : असम की बराक घाटी, अगरतला, मिजोरम और मणिपुर को ब्रॉड गेज से जोड़ा गया !

विभिन्न स्टेशनों पर उच्च गति वाई-फाई शुरू की गई, 2018 तक 400 स्टेशनों का लक्ष्य है !

पर्यावरण: भविष्य की सभी परियोजनाओं की कुल परियोजना लागत का 1% पर्यावरण संरक्षण के उपायों पर खर्च करने का प्रावधान किया गया है, सौर और पवन ऊर्जा पर विशेष जोर दिया जा रहा है, पारंपरिक लाईट के स्थान पर पर्यावरण के अनुकूल एलईडी लाईट लगाई जा रही हैं !

100% ई-टेंडरिंग कार्यान्वित की गई है, जिसके परिणामस्वरूप खरीद प्रक्रिया पारदर्शी और जवाबदेह हुई है !

रेलवे परिवर्तन से भारत परिवर्तन के महान मिशन की इस यात्रा में आपकी सक्रिय भागीदारी और समर्थन की कामना है । हम एक साथ मिलकर भारतीय रेल को बेहतर बना सकते हैं ।

सादर आपका,

सुरेश प्रभु

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