मध्य प्रदेश के सात लाख लोगों को बाढ़ से बचाने हेतु है सिर्फ एक नाव !

फाइल फोटो

तथ्य यह है कि मध्य प्रदेश में हर साल लगभग 2,500 लोग को बाढ़ से संबंधित दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं, इसके बावजूद बचाव की हालत यह है कि आधिकारिक आंकड़ों की गणना के अनुसार सात लाख लोगों को बचाने के लिए सिर्फ एक नाव है।

मध्यप्रदेश में हाल ही में आई बाढ़ में कम से कम 35 लोगों की मृत्यु हो गई थी, जबकि प्रभावित लोगों की संख्या तो 3.4 लाख से अधिक है । लेकिन बचाव दल ने जरूरत के समय पर स्वयं को असहाय महसूस किया, यद्यपि संसाधनों के अभाव के बावजूद उन्होंने लोगों को बचाने के भरसक उपाय किये, जिसकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है ।

राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और होमगार्ड के अधिकारियों के अनुसार उन्हें लगभग 100 बचाव नौकाओं की आवश्यकता है । जबकि प्रत्येक जिले में महज दो बचाव नौकायें मात्र हैं ।

600 से 700 बचाव नौकाओं की त्वरित आवश्यकता 

होमगार्ड विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य में कुल 52 जिले हैं, और आपदा प्रबंधन की दृष्टि से आदर्श स्थिति में लगभग 600 से 700 बचाव नौकाओं की जरूरत है। राज्य की कुल आवादी 7.2 करोड़ है, इस हिसाब से वर्तमान में सात लाख लोगों पर महज एक नाव ही उपलब्ध है ।

वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बचाव नौकाओं और उपकरणों की कमी के बावजूद, एसडीआरएफ, होमगार्ड और स्वयंसेवकों ने सफलतापूर्वक राज्य में बाढ़ प्रभावित इलाकों से 25000 लोगों को बचाया।

होमगार्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि "हमें और अधिक नावों की सख्त जरूरत है, क्योंकि कई जिले व क्षेत्र ऐसे हैं, जहां कभी भी कोई बड़ा संकट गहरा सकता है । कुछ दिन पूर्व ही पन्ना जिले में दो स्टॉप डेम ध्वस्त हो गये थे और वहां लगभग 15,000 लोगों को निकालने में भारी मशक्कत का सामना करना पड़ा था । ऐसी स्थिति दूसरे जिलों में उत्पन्न हो, इसके पूर्व नावों की व्यवस्था की जरूरत है।

बड़ी संख्या में बने बांधों के कारण राज्य में बाढ़ का जोखिम बढ़ा

अधिकारियों का कहना है कि राज्य में बांधों की बड़ी संख्या है जिनमें से अनेकों बांधों की दीवारों में पानी का रिसाव भी है, तथा कुछ में दरारें हैं । ऐसे परिदृश्य में किसी अनहोनी को टालने के लिए बचाव कार्य ठीक से हो, इस हेतु अधिक नावों की जरूरत है ।

होम गार्ड और एसडीआरएफ महानिदेशक मैथिली शरण गुप्त ने बताया है कि बचाव कार्य हेतु लगभग 100 बचाव नौकाओं की खरीद के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है । जल्द ही हम लगभग 200 नाव और खरीदने जा रहे हैं । इस के अलावा बाढ़ के दौरान बचाव कार्य के लिए दक्ष लोगों, एजेंसियों और संगठनों का दस्तावेजीकरण भी किया जा रहा है । प्रभावित लोगों तक अविलम्ब पहुंचा जा सके इस हेतु से प्रदेश में 372 आपदा प्रबंधन केन्द्रों की स्थापना की गई है ।

"ये केन्द्र विगत पांच वर्ष में हुई दुर्घटनाओं व डूबने से हुई मौतों से संबंधित जियोटैग डेटा का विश्लेषण कर स्थापित किए गए हैं। उन्हें उचित उपकरण और पर्याप्त बचाव नौकाओं वा डाइविंग सूट के साथ लैस करने की जरूरत है। हम अपने संसाधनों की सीमाओं के भीतर अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं, "।

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