इक्कीसवीं सदी में खलीफा बनने का ख़्वाब संजोने वाला बगदादी धराशाई होने की कगार पर !


ताजा समाचारों के अनुसार ईराकी सेना ने जिहादी नेता अबू बकर अल-बगदादी को मोसुल में घेर लिया है ! उसके छुपाने के ठिकाने की जानकारी भी मिल चुकी है और माना जा रहा है कि अब किसी भी समय उसके सफाए की सूचना मिल सकती है ! स्मरणीय है कि मोसुल ही वह शहर है जहाँ अबू बकर अल-बगदादी ने दो साल पहले स्वयं को खलीफा घोषित किया था ! आज ईराकी सेना किसी भी समय इस शहर पर कब्जा करने की तैयारी में है ! अपनी स्पष्ट पराजय को सामने देखकर बगदादी ने आखिरी कोशिश के रूप में अपने लड़ाकों का होंसला बढाने के लिए एक ऑडियो जारी किया है ।

इस्लामिक स्टेट समूह से संबद्ध अल-फुरकान मीडिया द्वारा  जारी इस ऑडियो संदेश में बगदादी यह कहते सुना जाता है - "पीछे मत हटो ! इस्लामी स्टेट के द्वारा जो लड़ाई लड़ी जा रही है, वह महान जिहाद है, हमारा दृढ़ विश्वास और खुदा की इच्छा है कि जीत हमारी ही होगी । पीठ दिखाकर पीछे हटने की शर्म से सम्मान के साथ अपनी जगह डटे रहना हजार गुना बेहतर है !

स्मरणीय है कि एक साल से भी अधिक समय बाद बगदादी का यह सन्देश प्रसारित हुआ है । बगदादी ने मोसुल के नीनवे प्रांत के बासिंदों से भी कहा कि वे अल्लाह के दुश्मनों से लड़ने को तैयार रहें ! उसने अपने सुसाईड फाईटर्स से भी कहा कि काफिरों की रात को दिन बना दो, उनकी जमीन को मलबे का ढेर बना दो और उनके खून की नदियाँ बहा दो !

इस इराकी जिहादी नेता के स्वास्थ्य और गतिविधि को लेकर अनेक अफवाहें फैलती रही हैं, किन्तु उसके वास्तविक ठिकाने का अभी तक कोई अतापता नहीं था ।

जून 2014 में ईराक के स्वाथ से जिहादी सेनानियों की सफाई के कुछ समय बाद ही बगदादी ने मोसुल से ही इराक और सीरिया को इस्लामी "राज्य" बनाने का संकल्प घोषित किया था और स्वयं को उसका खलीफा ।

लेकिन इस सप्ताह इराकी सेना ने उसके सारे कसबल निकाल दिए और आज जिहादियों का गढ़ समझा जाने वाला मोसुल पर भी ईराकी सेना का कब्जा होने जा रहा है ।

अमेरिका के नेतृत्व वाले संयुक्त सैन्य दल का अनुमान है कि शहर के अंदर 3,000 से 5,000 तक जिहादी सेनानी हो सकते है, लेकिन लड़ाई के अंतिम परिणाम के बारे में किसी को कोई शक नहीं है ।

अमेरिका के नेतृत्व वाले सैन्य दल के लड़ाकू विमानों ने 17 अक्टूबर से मोसुल पर बड़े पैमाने पर आक्रमण की शुरूआत की थी । और अब अंतिम चरण में इस्लामिक स्टेट से शहर पूरी तरह मुक्त होने जा रहा है ।

उत्साहित ईराकी प्रधान मंत्री हैदर अल आबादी ने एक टीवी सन्देश में जिहादियों से कहा है कि अब उनके पास भागने की गुंजाईश भी नहीं है ! हम अब आई एस का सब जगह से पूरा सफाया करने जा रहे हैं ! अतः या तो समर्पण करो या दोजख में जाने को तैयार रहो !

अबादी का कहना है कि अब वे ना तो कहीं भाग सकते हैं और ना ही कहीं छिप सकते हैं, उनके पास एक ही विकल्प है औ वह है – आत्म समर्पण !

इस सबके बाद भी तटस्थ विश्लेषकों का मानना है कि जिहादियों के पास पश्चिम में पड़ोसी सीरिया के आईएस नियंत्रित क्षेत्र की ओर भागने का मार्ग बचा है।

इसे देखते हुए ईरान समर्थित शिया मिलिशिया के सहयोगी संगठन हैश्ड अल सहाबी के अर्द्धसैनिक बलों ने उस मार्ग पर भी घेराबंदी शुरू कर दी है ।

समाचार एजेंसियों का मानना है कि इस्लामिक स्टेट चीफ अबू बकर अल-बगदादी इस समय अपने ही गढ़ मोसुल में फंस गया है । माना जा रहा है कि यह स्वयंभू खलीफा अब तक मोसुल में ही छुपा है, इसीलिए इस लड़ाई को आरपार की लड़ाई माना जा रहा है । यदि इस लड़ाई में बगदादी मारा जाता है तो इसका मतलब होगा पूरे इस्लामिक स्टेट तंत्र का पतन ।

क्योंकि आई एस के अन्य कई प्रमुख कमांडर 2014 की गर्मियों में विशेष रूप से सीरिया और अन्य देशों की जीत के बाद मारे जा चुके हैं ।

अब देखना यह है कि बगदादी के मारे जाने की सूचना कब आती है, उसके बाद उसका कोई उत्तराधिकारी सामने आता है या नहीं, या कब और कितने समय बाद आता है ! बैसे जब तक यह मानसिकता जिन्दा है, तब तक दुनिया राहत की सांस नहीं ले सकती ! एक गया तो दूसरा आयेगा ही, और फिलहाल इस मानसिकता का समाप्त होना असंभव नहीं तो कठिन अवश्य है ! यह हम भारतीयों से अधिक कौन जान सकता है ?

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