NDTV पर लग सकता हैं आजीवन प्रतिबन्ध ?

हमें लगता है ये ख़बर पढ़कर आप उछल ही पड़ेंगे क्यूँकि जिस चैनल पर हमेशा पक्षपाती और देश विरोधी होने का ठप्पा सोशल मीडिया में लगाया जाता था एक तरह से जाँच एजेंसियों ने नैतिक रूप से सही साबित कर दिया है।

बता दें कि खबर के अनुसार भारत सरकार नें NDTV पर ब्रॉडकास्टिंग नियमों की बड़ी अवेलहना करने के लिए एक दिन का प्रतिबंध लगा दिया है । मिली जानकारी के अनुसार 9 नवम्बर से 10 नवम्बर के बीच 24 घंटों के लिए NDTV प्रतिबंधित रहेगा । प्रतिबंध की वजह भी बेहद चोंकाने वाली है।

सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि NDTV नें घटिया पत्रकारिता का नमूना पेश करते हुए पठानकोट में हुए आतंकी हमले के वक़्त कुछ सेंसेटिव जानकारियां भी दिखा दी थीं जिससे भारत को नुक़सान पहुँचने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। जैसा आप जानते ही हैं कि आतंकी हमलों के समय कुछ अंदरूनी जानकारियां बहुत संवेदनशील और सुरक्षा की दृष्टि से महतवपूर्ण होती हैं जिनसे नुक़सान इतना बड़ा है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकियों के आकाओं को सुरक्षा बलों की ताज़ा स्थिति और ख़ुफ़िया रणनीति के बारे में पता चल सकता है। उसके बाद वे लोग इस जानकारी को मौक़े पर आतंक फैला रहे आतंकियों तक पहुचा कर उनकी सहायता कर सकते हैं।

बताते चलें कि खबर ये भी है कि सरकार इस मसले पर इस चैनल की जांच करने के लिए एक विशेष टीम को नियुक्त करेगी। और यदि इस जांच में NDTV को किसी भी तरह की भारत विरोधी गतिविधि से जुड़ा पाया गया तो उस पर हमेशा के लिए प्रतिबन्ध भी लग सकता है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि सरकार NDTV के कुछ पत्रकारों की जांच भी करवाएगी अगर ऐसा होता है तो बरखा दत्त जैसे पत्रकारों का नपना तय माना जाना चाहिए क्यूँकि कारगिल युद्ध और मुम्बई हमले के समय भी काफ़ी पत्रकारों की भूमिका संदिग्ध पाए जाने की ख़बरें मिलती रही हैं ।

लेकिन कतिपय तथाकथित बुद्धिजीवियों की प्रतिक्रिया हैरतअंगेज है ! वे एनडीटीव्ही पर एक दिन के प्रतिबन्ध को भी नाकाबिले बर्दास्त मान रहे हैं ! जब रात को एक कुत्ता भोंकता है, तो बिना बजह जाने उसके पीछे चार पांच और भोंकने लगते हैं ! लेकिन देश के बुद्धिजीवी समाज को तो बजह जानकर प्रतिक्रिया देना चाहिए !
#NDTV द्वारा पठानकोट हमले के समय की गई लाइव रिपोर्टिंग के कुछ अंश-
■ आतंकी आयुध भंडार से मात्र 100 मीटर की दूरी पर पहुँच चुके हैं जहाँ से दक्षिण में मिसाइल्स और रॉकेट्स रखे जाते हैं।
■ वायुसेना का हेलीकाप्टर उड़ान भर चुका है और किसी भी समय आतंकियों के छिपे हुए स्थान पर गोलियां बरसा सकता है।
■ तीन तरफ से एनएसजी कमांडों आतंकियों को घेर चुके हैं और दक्षिण की तरफ जंगल का एरिया है शायद इस वजह से उस तरफ से घेराबंदी नहीं की गई है।
अब जरा सोचकर बताईये कि यह रिपोर्टिंग आम जनता के लिए की जा रही थी, या आतंकी रहनुमाओं को पल पल की खबर पहुंचाई जा रही थी ? ताकि वे इन आतंकियों को तदनुरूप दिशा निर्देश देते रहें !
यह गैरजिम्मेदारी थी या विशुद्ध राष्ट्रद्रोह ?
तो फिर NDTV पर सिर्फ एक दिन का ब्लैकआउट होना चाहिए, या उसके एंकर और मालिक को जेल?
प्रेस की स्वतंत्रता के नाम पर, इन लोगों के सुर में सुर मिलाने के पहले कुछ तो सोचो विचारो, मेरे मुल्क के मालिको !
जरा देख भी लो उस लाईव टेलीकास्ट के ये अंश -
https://www.facebook.com/TajinderPalSinghBaggaNew/videos/725196944300169/

साभार बीबीसी भारत

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