समस्याओं का समाधान तभी होगा, जब प्रत्येक व्यक्ति समाज के लिए कुछ करने को तत्पर होगा - नारद जयन्ती कार्यक्रम में वक्ताओं का अभिमत |


शिवपुरी// दिनांक 14 मई 2017// आज शिवपुरी में प्रचार विभाग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व वेव साईट क्रांति दूत डॉट इन के संयुक्त तत्वावधान में नारद जयन्ती कार्यक्रम का आयोजन किया गया | स्थानीय होटल सनराइज में “राष्ट्रीय चुनौतियां के समाधान में समाज का सहभाग” विषय पर आयोजित विमर्श में लखनऊ से पधारे वरिष्ठ पत्रकार संजय तिवारी, पूर्व सूचना आयुक्त गोपालकृष्ण दंडोतिया तथा अंचल की लोकप्रिय लेखिका श्रीमती नीलम महेंद्र के सारगर्भित उद्बोधन हुए | कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद भार्गव ने की । भारत माता व महर्षि नारद के चित्रों के आगे दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ । कार्यक्रम की मुख्य बात यह रही कि प्रत्येक वक्ता ने एक सूत्र में अपने विचार व्यक्त किये |

प्रथम वक्ता डॉ. नीलम महेंद्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्र बही प्रगति करता है जो समस्याओं से लड़कर उनका समाधान खोजता है, महिला अत्याचार, भ्रूण हत्या जैसी कई समस्याये आज देश मे है, जिनको समाप्त करने की दिशा में बढ़ना होगा | समाज मे परिवर्तन तब आता है जब सामाजिक मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता होती है, समाज में नैतिकता होती है। जब हम समस्याओं से लड़ते है तो समस्याये भाग खड़ी होती है, हारा बही जो लड़ा नही। अंधकार जब होता है तभी तो दीप जलाया जाता है ।

गुलामी के काल में जब राजा राममोहन राय ने अपनी भाभी को विधवा होने पर सती होते देखा तो उनका मन चीत्कार कर उठा | परिणाम स्वरुप उन्होंने सती प्रथा के खिलाफ प्रभावी आन्दोलन खड़ा किया | अंग्रेज सरकार को विवश होकर सती प्रथा पर रोक का क़ानून लाना पड़ा | ज्योतिबा फुले ने सारा जीवन बालिकाओं के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया, बाबा आम्टे ने कुष्ठ रोगियों के लिए आजीवन कार्य किया, स्वामी दयानंद सरस्वती ने ज्ञान का प्रवाह किया वैदिक संस्कृति को पुनः स्थापित किया, स्वामी विवेकानंद ने युवाओं को उत्साहित किया, प्रेरित किया । उन्होंने कहा कि मनुष्य चाहिए | इनके जीवन से प्रेरणा लेकर ही हम राष्ट्र की समस्याओं का समाधान कर सकते हैं । संक्षेप में कहा जाए तो व्यक्ति के सुधार से ही समाज में सुधार होगा |

लखनऊ से पधारे वरिष्ठ पत्रकार एवं भारत संस्कृति न्यास के संस्थापक संजय तिवारी ने नीलम जी के कथन को और अधिक स्पष्ट किया | उन्होंने कहा कि जब विवेकानंद कहते हैं कि मनुष्य चाहिए, तो हमें विचार करना होगा कि आज समाज में मनुष्यता कितनी है | हमें यह भी समझना होगा कि समाज क्या है, राष्ट्र क्या है, राष्ट्र में समाज की भूमिका क्या है | सीमा में बंधे भूखंड को राष्ट्र नही कहा जाता। भारतीय सभ्यता अर्थात सिंधु घाटी सभ्यता | दुनिया में जहाँ जहाँ सिंधु घाटी सभ्यता के लोग होंगे, भारत बही तक है । अगर सीमा से राष्ट्र बनता तो कश्मीर क्यों जलता ?

पहले नारे लगते थे मजदूर एकता जिंदाबाद,छात्र एकता जिंदाबाद,आज नारे लगते है यादव एकता जिंदाबाद, ब्राह्मण एकता जिंदाबाद। हमें खंड खंड करने वाला यह परिवर्तन आज की राजनीति के कारण आया है | राजनीति जिसके राज से नीति बनती है, वह केवल स्वार्थ आधरित हो गई है। समस्याये विकट है अगर हम सजग और सचेत नही हुए तो आने बाली पीढ़ी हमे क्षमा नही करेंगी। विवेकानंद ने जब कहा कि मनुष्य चाहिए, तो उनका आशय था कि राष्ट्र में योग्य महिला, योग्य पुरुष चाहिए | आज की शिक्षा पद्धति क्या सही अर्थों में योग्य बना रही है ? जब योग्य होंगे तभी सारी समस्याएं समाप्त होगी।

विषय को आगे बढ़ाते हुए पूर्व सूचना आयुक्त गोपाल कृष्ण दंडोतिया जी ने कहा कि केवल व्यक्ति और समाज के आधार पर ही देश नही बनता | देश तब बनता है जब उस भूखंड में निवास करने वाले लोग उस भूमि के प्रति पूज्य भाव रखते हैं | उस भूखंड से जब आस्था जुड़ जाती है, तब राष्ट्र बनता है । हम वसुधैव कुटुम्बकम कहते है, यानी ये वसुधा हमारा कुटुंब है | अब हमारे परिवार में ही कुटुंब कितना बचा है ? भाई भाई के बीच परिवार भाव नहीं है तो वसुधा कहा से कुटुंब होगी। हमारे यहाँ कहा गया था कि अपने उदर पोषण के अतिरिक्त रखना पाप है | गीता में कहा गया कि जो स्वयं के लिए पकाता है, स्वयं खाता है, वह पाप पकाता है, और पाप ही खाता है । परंतु आज तो सब अपने लिए ही जी रहे है। सत्ता भ्रष्ट करती है तो पूर्ण सत्ता पूर्ण भ्रष्ट करती है,आज राजनीति में जो भी आता है वो पाने के लिए आता है, देने के लिए कोई नही आता। अपने से प्रारम्भ करके समाज के लिए देश के लिए समय देकर ही चुनौतियों से लड़ने की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है।

शिवपुरी के वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद जी भार्गब ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज स्थिति ये बन गयी है कि जो व्यवस्था को सुधारने की बात करता है उसे दबा दिया जाता है, प्रताड़ित किया जाता है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों के माल को लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जो शिकायत करने जाता है उसे दंडित किया जाता है, समाज को गेर जागरूक बनाया जा रहा है। एक साथ मिलकर खड़े होकर ही देश को समस्याओं से मुक्त किया जा सकता है।

कार्यक्रम का संचालन अरुण जी अपेक्षित ने किया, अतिथि परिचय व स्वागत भाषण क्रांतिदूत के सम्पादक दिवाकर शर्मा ने दिया | प्रस्तावना आशुतोष शर्मा ने रखी, व आभार प्रदर्शन जिला प्रचार प्रमुख उमेश भारद्वाज ने किया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पत्रकारों व प्रबुद्ध जनों ने भाग लिया |

अतिथियों का किया गया सम्मान 

कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों में लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार एवं भारत संस्कृति न्यास के संस्थापक संजय तिवारी जी का सम्मान क्रांतिदूत डॉट इन के सम्पादक दिवाकर शर्मा के द्वारा, म.प्र. पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त गोपाल कृष्ण डंडोतिया जी का सम्मान स्वदेश शिवपुरी के उमेश भारद्वाज के द्वारा, ग्वालियर अंचल की प्रख्यात लेखिका नीलम महेंद्र का सम्मान प्रेमशंकर शर्मा जी के द्वारा, शिवपुरी के वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद भार्गव का सम्मान रोहित यादव के द्वारा एवं कार्यक्रम का मंच सञ्चालन कर रहे शिवपुरी के वरिष्ठ साहित्यकार, कलाकार अरुण अपेक्षित जी का सम्मान श्री हरिहर शर्मा जी के द्वारा पुष्प गुच्छे एवं अमर बलिदानी तात्या टोपे के स्मृति चिन्ह प्रदान कर किया गया ! 

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें