कहाँ जाकर रुकेगी छद्म धर्म निरपेक्षों की शर्मनाक गिरावट ?



समूचा विश्व आज बढ़ती जनसँख्या से परेशान है | विश्व की जनसंख्या सात अरब से ज्यादा है तथा आज भारत विश्व का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है। भारत की जनसंख्या लगभग 1 अरब 35 करोड़ के आसपास है। बढ़ती जनसंख्या के कारण जहाँ प्राकृतिक संसाधन अपर्याप्त होते जा रहे हैं, भूखों की संख्या निरंतर बढ़ रही है, रोटी, कपड़ा और मकान की बुनियादी सुविधाओं में निरंतर कमी आती जा रही है, ऐसे में एक सेक्यूलर मुख्य मंत्री ऐसे भी हैं, जिन्होंने दो से अधिक बच्चे पैदा करने वालों को प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की है । 

यह तुगलकी फैसला लिया है आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने | जब उनसे “विकास के स्थान पर विनाश को आमंत्रित करने वाले” इस फैसले का औचित्य पूछा गया तो उनका जबाब था कि राज्य में जन्मदर घटती जा रही है | उनका कहना है कि राज्य में जन्मदर 2014 में 37 प्रतिशत थी, जो 2018 में गिरकर 10.51 प्रतिशत पर आ गई। उन्होंने कहा कि 25 साल से कम उम्र के युवा राज्य की कुल आबादी का लगभग 50% हिस्सा हैं। हम राज्य को युवा रखना चाहते हैं, जिससे राज्य को युवा प्रतिनिधित्व मिल सके।चंद्राबाबू नायडू ने उन नियमों को भी खत्म कर दिया, जो स्थानीय निकाय चुनाव में दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों के चुनाव लड़ने में बाधा थे। 

गौरतलब है कि, विश्व के दूसरे देश बढ़ती जनसंख्या को रोकने के लिए जहाँ सख्त से सख्त कदम उठा रहे है वहीं देश का एक राज्य ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए इंसेंटिव देने की हास्यापद घोषणा कर रहा हैं। जहाँ एक ओर देश का बुद्धिजीवी वर्ग जनसंख्या नियंत्रण के लिए सख्त कानून लाने की मांग कर रहा हैं, वहीं दूसरी ओर चंद्राबाबू नायडू जैसे सेक्यूलर नेता जनसंख्या बढाने का अभियान चला रहे हैं | 

आईये उनके हास्यास्पद दावे की हकीकत जानें | यह सही है कि अन्य प्रदेशों के मुकाबले पिछले दशक में जनसंख्या वृद्धि दर आंध्रप्रदेश में कम है, किन्तु इसका मतलब यह कतई नहीं है कि वहां जनसंख्या कम हो रही है | पिछले पांच वर्षों के जनसंख्या आंकड़े इस प्रकार हैं – 

1. 2013 – 5.03 करोड़ 

2. 2014 – 5.12 करोड़ 

3. 2015 – 5.19 करोड़ 

4. 2016 – 5.25 करोड़ 

5. 2017 – 5.30 करोड़ 

अर्थात जनसंख्या तो लगातार बढ़ ही रही है | दूसरे शब्दों में कहें कि चंद्राबाबू नायडू जनसंख्या और तेजी से बढ़ाना चाहते हैं | एक और आंकड़े पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है – 

पिछले दशक में आँध्रप्रदेश में मुस्लिम जनसंख्या में 34.5% की वृद्धि हुई, जबकि राज्य की कुल जनसंख्या वृद्धि 10.98 प्रतिशत रही है । क्या इससे स्पष्ट नहीं होता कि श्रीमान चंद्रबाबू की मूल मंशा क्या है ? दो से अधिक बच्चे पैदा कौन करता है, जिसे आर्थिक लाभ देकर और अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ? स्थानीय निकायों में दो से अधिक बच्चे वालों को रोकने का जो प्रावधान था, उसे हटाने से किसे लाभ होगा ? 

सिवाय येन केन प्रकारेण अल्पसंख्यक तुष्टीकरण के इन सेक्यूलरों का दिमाग राष्ट्र और समाज के हित में कभी नहीं चलता | इन लोगों में प्रतिस्पर्धा चलती है कि कौन अन्य दूसरों से आगे निकल सकता है | कैसे जल्दी से जल्दी अल्पसंख्यक, भारत में बहुसंख्यक बने ! 

समय आ गया है, जब देश में समान जनसँख्या नियंत्रण का प्रभावी कानून बने | 
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