गोवा के केंसरग्रस्त मुख्यमंत्री श्री मनोहर पर्रिकर के साथ राहुल गांधी ने जो किया उसे जानने के बाद किसी का भी खून खौल जाएगा!


गोवा के सीएम पर्रिकर के साथ राहुल गांधी ने जो किया उसे जानने के बाद किसी का भी खून खौल जाएगा! इसीलिए पर्रिकर ने कहा "मैं अपने जीवन पर संकट बनी गंभीर बीमारी से जूझ रहा हूँ, लेकिन आप ... ..."। 

इस कहानी के सामने आने के बाद, सम्पूर्ण देश जान चुका है कि राहुल गांधी, अपनी मानसिकता से पूरी तरह इतालवी हैं और भारत के प्रधान मंत्री बनने के लिए वह किसी भी हद तक जाने के लिए तैयार हैं। अपनी इस लिप्सा को पूरा करने के लिए, राहुल गांधी ने एक कैंसर रोगी को भी नहीं बख्शा और उसे सीढ़ी के रूप में इस्तेमाल किया। आज तक हम राहुल गांधी को एक आदतन झूठे व्यक्ति के रूप में जानते थे, जिसकी जबान का कोई भरोसा नहीं, लेकिन इस घटना ने तो राहुल गांधी की इंसानियत पर ही प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। 

और यह किसी और ने नहीं बल्कि गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने हिम्मत के साथ उजागर किया है। 

30 जनवरी को राहुल गांधी बिना बुलाये और बिना किसी पूर्व सूचना के, गोवा के बीमार मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से पणजी में उनके कार्यालय मिलने जा पहुंचे । और जैसा कि बाद में स्पष्ट हुआ, राहुल गांधी ने इस यात्रा का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ लेने के लिए किया। 

भेंट के कुछ ही घंटों के बाद, राहुल गांधी ने अपने पुराने राफेल गीत को गाया और कहा "मित्र, पूर्व रक्षा मंत्री श्री पर्रिकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि अनिल अंबानी को लाभ पहुंचाने के लिए श्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई नई डील से उनका कोई लेना-देना नहीं है" । 

यह कितनी विचित्र बात है कि गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर से मिलने से एक दिन पहले, राहुल गांधी ने उन पर झूठा आरोप लगाया था कि "विस्फोटक राफेल रहस्य को जानने के कारण ही पीएम ने विवश होकर पर्रीकर को गोवा के मुख्यमंत्री की कुर्सी दी है"। और उसके बाद फिर राहुल गांधी का यह नया बेशर्म झूठ, जिसकी खुद पर्रिकर ने हवा निकाल दी । कोई भी पूछ सकता है कि राहुल गांधी की एक दिन पहले कही बात सच है या फिर भेंट के बाद कही बात ?

इसीलिए मनोहर पर्रिकर ने राहुल गांधी को लिखे पत्र में कहा कि राहुल गांधी ने सिर्फ 5 मिनट के लिए उनसे मुलाकात की और राफेल को लेकर कोई बात ही नहीं हुई, फिर भी उन्होंने झूठ बोला। श्री पर्रिकर ने यह भी कहा कि वह एक जानलेवा बीमारी से पीड़ित हैं और इसके बावजूद उन्होंने लोगों की सेवा करना बंद नहीं किया है। श्री पर्रिकर ने एक शिष्टाचार भेंट को राजनीतिक रूप देने के लिए राहुल गांधी की आलोचना की। 

श्री पर्रिकर ने अपने पत्र में लिखा “आज मीडिया में यह बताया गया है कि आपने मुझे उद्धृत करते हुए कहा है कि मैं राफेल खरीदने की प्रक्रिया में कहीं नहीं था और न ही मुझे इसके बारे में कोई जानकारी थी। मुझे लगता है कि आपने इस यात्रा का इस्तेमाल अपने राजनीतिक लाभ के लिए किया है। मेरे साथ बिताए गए 05 मिनटों में, न तो आपने राफेल के बारे में कुछ भी उल्लेख किया, न ही हमने इसके बारे में / इससे संबंधित किसी भी बात पर चर्चा की। यहां तक ​​कि मेरे साथ आपकी बैठक में राफेल के बारे में कोई उल्लेख भी नहीं किया गया । 

श्री पर्रिकर ने कहा, "मैं एक जीवन-घाती बीमारी से लड़ रहा हूँ। अपने प्रशिक्षण और वैचारिक शक्ति के कारण, मैं किसी भी / सभी बाधाओं से जूझकर गोवा और उसके लोगों की सेवा करना चाहता हूं। मुझे लगा था कि आपकी भेंट का उद्देश्य मुझे अपने लोगों की सेवा करने हेतु शुभकामनाएं देने हेतु है। किन्तु मुझे नहीं पता था कि आपके इरादे कुछ और ही थे ”। 

बेशर्मी और अमानवीयता की पराकाष्ठा तो तब हुई, जब राहुल गांधी ने श्री परिक्कर के इस पत्र को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के दबाब में लिखा गया बताया | इसे कहते हैं “चोरी और सीनाजोरी” |

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