करोड़ों में बिकने वाले महान चित्रकार ममता बैनर्जी के महान चित्र !



पैरों में हवाई चप्पल और शरीर पर सफ़ेद सूती साड़ी देखकर किसी महानता के भ्रम में न पड़ा जाए | क्योंकि राजनीति में हाथी के दांत वाली कहावत पूरी तरह चरितार्थ होती है | 

पिछले दिनों भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने बंगाल की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर करारा हमला करते हुए आरोप लगाए कि चिटफंड कंपनियों के मालिकों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पेंटिंग करोड़ों रुपये में खरीदी। शाह ने कहा, ‘‘क्या आप सभी ममता बनर्जी के गुणों से परिचित हैं? वह काफी अच्छी पेंटर हैं। अगर कोई महान पेंटर भी है तो उसकी पेंटिंग की कितनी कीमत होती है? दस हजार, बीस हजार, एक लाख या दस लाख। लेकिन चिट फंड मालिकों ने उनकी पेंटिंग करोड़ों रुपये में खरीदी।तो क्या ऐसे चिट फंड मालिकों को कभी गिरफ्तार किया जाएगा जिन्होंने मुख्यमंत्री की पेंटिंग खरीदी है?’’ उन्होंने पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का आव्हान करते हुए कहा कि अगर भारतीय जनता पार्टी ने राज्य में अगली सरकार बनाई तो वह सुनिश्चित करेगी कि चिट फंड निवेश का शिकार बने हर निवेशक को उसका धन वापस मिले। 

शाह ने दावा किया कि चिट फंड घोटाले के कारण राज्य के 25 लाख से अधिक लोगों की जिंदगी भर की कमाई लूट गई। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा पश्चिम बंगाल में सत्ता में आई तो लूटे गए सभी धन को बरामद करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हमें एक मौका दीजिए। हम सुनिश्चित करेंगे कि चिट फंड के मार्फत लूटे गए धन को बरामद किया जाए। वे (टीएमसी) इसे नहीं कर सकते। हम इसे करेंगे।’’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से राज्य में लोकतंत्र बहाल होगा। उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनावों के बाद नरेन्द्र मोदी फिर प्रधानमंत्री चुने जाएंगे। लेकिन पश्चिम बंगाल में चुनाव लोकतंत्र की बहाली को लेकर है।’’ शाह ने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा राज्य में टीएमसी सरकार को खत्म कर देगी। मतगणना के दिन आप देखेंगे कि टीएमसी सरकार गिर गई। लोकसभा चुनावों में मतगणना दोपहर एक बजे से दो बजे के बीच खत्म हो जाएगी और बंगाल में सरकार गिर जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप बंगाल को गोतस्करों और घुसपैठियों से बचाना चाहते हैं तो आपको भाजपा को चुनना होगा। केवल नरेन्द्र मोदी और भाजपा सरकार ही यह काम कर सकती है।’’ 

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि पेंटिंग मेरा जुनून है और वह अपनी कलाकृति बेचकर जीवन-यापन नहीं करती हैं। टीएमसी ने भी आरोपों को ‘‘निराधार’’ बताया और आरोप लगाए कि ‘‘भाजपा हमारी पार्टी की छवि खराब करने का प्रयास कर रही है।’’ तृणमूल की वरिष्ठ नेता और स्वास्थ्य राज्यमंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने भाजपा प्रमुख के खिलाफ मानहानि नोटिस भेजा और उन पर ‘‘झूठ बोलकर’’ बनर्जी की छवि खराब करने के प्रयास का आरोप लगाया। 

आईये देखें कि इस आरोप प्रत्यारोप की वास्तविकता क्या है ? 

पिछले दिनों के समाचार पत्रों में उल्लेख है कि एक निजी आर्ट गैलरी में प्रदर्शन के लिए रखी गई उनकी 98 पेंटिंग में से 20 पेंटिंग तीन दिवसीय प्रदर्शनी के पहले दिन ही बिक गईं। इसमें से तीन पेंटिंग बिकने के लिए नहीं थीं। आयोजकों ने ममता की पेंटिंग से 50 लाख रुपए जुटाए। 

इन पेंटिंग्स को खरीदने वालों में उद्योगपति हर्ष नियोटिया, आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स के सह मालिक जय मेहता और बंगाल क्रिकेट संघ के अध्यक्ष जगमोहन डालमिया शामिल थे। 

ऐसा नहीं है कि यह आरोप ममता बैनर्जी पर पहली बार लगे हों | 14 अप्रैल 2015 को वेव साईट डब्लूटीएफ ने स्वयं दीदी को यह कहते हुए उद्धृत किया है कि प्रदर्शनी में उनकी 300 पेंटिंग बिकीं, जिनमें से हरेक की कीमत तीन लाख थी | और इस प्रकार उन्हें नौ करोड़ रूपये प्राप्त हुए | 

वेव साईट ने आगे दावा किया है कि खरीददारों में सारदा ग्रुप के तत्कालीन चेयरमेन सुदीप्तो सेन भी थे, जो अप्रैल 2013 से जेल में है | 

टिप्पणी में यह भी कहा गया है कि दीदी अपनी राजनीति के माध्यम से पैसा बनाने में जुटी हुई हैं | 

1 मई 2014 को न्यूज़ 18 ने इन्डियन एक्सप्रेस के हवाले से लिखा कि – 

According to a report in The Indian Express in the last two years Trinamool has earned Rs 6,46,90,000 through sale of Mamata's paintings. A balance sheet of the party submitted to the Election Commission of India (ECI) shows her paintings yielded Rs 2,53,00,000 in financial year 2012-2013 and Rs 3,93,90,000 in 2011-2012. But in 2010-2011 when her party was not in power, there was no sale of Mamata's paintings. 

(द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले दो वर्षों में तृणमूल ने ममता की पेंटिंग बिक्री के माध्यम से 6,46,90,000 (छः करोड़ छियालीस लाख नब्बे हजार) रुपये कमाए हैं। भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) को सौंपी गई पार्टी की एक बैलेंस शीट से यह पता चलता है कि वित्तीय वर्ष 2012-2013 में 2,53,00,000 रुपये और 2011-2012 में 3,93,90,000 रुपये की आय हुई। लेकिन 2010-2011 में जब उनकी पार्टी सत्ता में नहीं थी, ममता के चित्रों की बिक्री नहीं हुई थी।) 

अब पाठक मित्र ही अनुमान लगाएं कि तृणमूल द्वारा भेजा गया मानहानि का नोटिस न्यायालय में कितना टिकेगा ? सब कुछ तो सामने है | अब आइये एक नजर ममता दीदी के चित्रों पर भी डाल लीजिये | मुझे यह कहने के लिए माफ़ कीजिए कि इनमें से कुछ तो अश्लीलता की सीमा रेखा पार करते दिख रहे हैं | मुझे तो लगता है कि इनसे बेहतर चित्र मेरा 12 वर्षीय नाती बना लेता है !

चित्रों पर एक मित्र की प्रतिक्रिया -

ममता बनर्जी द्वारा बनायी गयी पेंटिंग्स के आसपास की कोई दूसरी पेंटिंग्स अगर मुझे लगी हैं, तो वो हैं वेलकम वाले मजनू भाई की बनायी पेंटिंग्स 


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