गौहत्या - कमलनाथ और दिग्विजय सिंह !



जागृत समाज किस प्रकार प्रभाव छोड़ता है इसका स्पष्ट प्रमाण है खंडवा जिले के मोघट थाने के खरखाली गांव में गो-हत्या के मामले में पकड़े गए तीन आरोपियों के खिलाफ की गई रासुका की कार्रवाई | तीन आरोपियों में से दो को विगत 1 फरवरी को और एक को चार फरवरी को पकड़ा गया था | तीनों आरोपियों- नदीम, उसके भाई शकील व आजम पर रासुका की कार्रवाई की गई है. फिलहाल तीनों जेल में हैं | 

इस घटना के बाद आगर-मालवा जिला प्रशासन ने भी दो लोगों पर गौवंश परिवहन के मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (रासुका) के तहत कार्रवाई की। महबूब खान और रोडमल मालवीय पर छः फरवरी को रासुका की कार्रवाई की गई और दोनों को गिरफ्तार कर उज्जैन की जेल भेज दिया गया। 

लेकिन कांग्रेस का मूल चरित्र कहाँ जाएगा ? जनमत के दबाब में कमलनाथ सरकार ने भले ही यह कार्यवाही कर दी हो, किन्तु तुरंत ही दिग्विजय सिंह आधी रोटी पर दाल लेने लपक पड़े | हर फटे में टांग अडाने के आदी दिग्विजय भला चुप कैसे रह सकते थे | उनकी प्रतिक्रिया भी तुरंत आ गई | बोले - 

'आरोपियों पर गौ हत्या के लिए बने कानून के तहत कार्रवाई की जाना चाहिए थी, रासुका नहीं लगनी चाहिए थी |" 

दिग्विजय जी के सुर में सुर मिलाकर दिल्ली में पी चिदम्बरम साहब भी गरजने लगे और बोले – 

कांग्रेस आलाकमान ने इस मामले पर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार से जबाब माँगा है और गलती सुधारने को कहा है।' 

जबकि पुलिस के अनुसार, नदीम आदतन अपराधी है और कई वारदातों को अंजाम दे चुका है | उस पर पूर्व में भी गौ हत्या का आरोप लग चुका है | पुलिस को सांप्रदायिक माहौल बिगड़ने की आशंका थी, इसी के चलते पुलिस ने यह कार्रवाई की थी | 

तो कुल मिलाकर निष्कर्ष यही निकलता है कि – 

जागते रहो – जगाते रहो ! 

जागृत समाज ही सब समस्याओं का समाधान करेगा | आईये दिग्विजय जी – राजगढ़ की देशभक्त जनता के सामने चुनाव में | माकूल जबाब मिलेगा ! किसी खामख्याली में मत रहिये, आपका यह बयान ही आपकी लुटिया डुबाने के लिए पर्याप्त है | आप मिस्टर बंटाधार थे और अब भी कांग्रेस का बंटाधार ही करेंगे |
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