हरिहर शर्मा की राजनैतिक चुटकियाँ !
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सिंधिया राजवंश के युवराज महाआर्यमन जी ने अमरीका की येल यूनिवर्सिटी से बीए की डिग्री हासिल की |
हार्दिक वधाई व अभिनन्दन !
आईये इस यूनिवर्सिटी की कुछ ख़ास बातों पर गौर करें -
100 आवेदकों में से केवल 6 को प्रवेश का सौभाग्य मिलता है |
अब चूंकि यह विश्वविद्यालय 1701 में प्रारम्भ हुआ तथा उपनिवेश काल के नौ विश्वविद्यालयों में से एक है, अतः इसमें प्रवेश के मापदंड की सहज कल्पना की जा सकती है |
आज जब सिंधिया जी अपने चिरंजीव महाआर्यमन की सफलता पर अपने आप को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं तो उसका बाजिब कारण भी है -
इस विश्वविद्यालय में प्रवेश हेतु ग्रेड पॉइंट एवरेज भी अत्याधिक उच्च है |
प्रवेश के आवेदन के पूर्व SAT या ACT टेस्ट में निकलना भी कोई आसान नहीं होता |
और सबसे अंत में बारी आती है, लैटर ऑफ़ रिकमंडेशन की, जो पाना सबसे कठिन होता है, किन्तु संभवतः सिंधिया परिवार के लिए सबसे सहज रहा होगा 🤣
अब यहाँ आकर दिमाग का कीड़ा कुलबुलाता है कि आखिर महज बीए की डिग्री लेने के लिए इतनी मेहनत क्यों ?
क्या यह डिग्री भारत में नहीं ली जा सकती ?
जबकि यहाँ से पढ़े हुए लोग भी विश्व में अपनी योग्यता के झंडे गाढ़ रहे हैं |
इसके पीछे जो अहम कारण है, वह स्वयं समझने का विषय है !
एक मित्र ने कमेन्ट किया कि शायद "अहम" ही कारण है...
हम राजपरिवार के लोग....
क्या अपनी प्रजा के साथ पढेंगे ?
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क्या यह सही है कि -
डॉ. कुमार विश्वास के बड़े भाई विकास शर्मा भाजपा की मदद से 2018 में चौधरी चरणसिंह यूनिवर्सिटी मेरठ में एसोसिएट प्रोफ़ेसर नियुक्त हुए ?
उक्त यूनिवर्सिटी में ही राजनीति विज्ञान के प्रोफ़ेसर व डॉ. कुमार विश्वास के दूसरे भाई डॉ. संजीव कुमार शर्मा भी भाजपा की ही अनुकम्पा से 2019 में महात्मा गांधी सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी मोतीहारी (बिहार) के वाईस चांसलर नियुक्त हुए !
इतना ही नहीं तो दो दिन पूर्व ही भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री विनय सहस्त्रबुद्धे जी के करकमलों से डॉ. कुमार विश्वास को मंगलायतन विश्वविद्यालय अलीगढ़ द्वारा डी.लिट. की मानद उपाधि प्रदान की गई |
कमाल है, एक आदमी को पटाने के लिए इतना कुछ करना पड़ रहा है ? उसके बाद भी डॉ. कुमार विश्वास भाजपा प्रत्यासियों के खिलाफ ट्वीट करते हैं -
बीकानेर से धर्मेंद्र जी और मथुरा से हेमा जी ने संसद पहुँचकर जैसे हमारा लोकतंत्र मज़बूत किया, वैसे ही अपनी अंतिम फ़िल्म “भाईसाहब” के बाद गुरुदासपुर से लोकतंत्र मज़बूत करने के लिए सन्नी दयोल संसद जाने हेतु चुनाव में उतरें हैं ! हम और हमारा “लोकतंत्र” शायद यही डिज़र्व भी करते है🙏🇮🇳
काश कोई मुझे भी पटाने का मन बनाए 😋😜😀
पुनश्च - सुना है कि शीघ्र ही कुमार साहब भाजपा के राज्यसभा सांसद भी बनने वाले है !
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एकदम पेंदे में जाती कांग्रेस की विश्वसनीयता बचाने के लिए छोटा सा सुझाव -
विवादास्पद ईव्हीएम का प्रयोग समाप्त करवाकर पुराने ढंग से चुनाव करवाना केवल गांधीवादी सत्याग्रह से ही संभव है ...
इसलिए कांग्रेस को चाहिए कि वह जिन राज्यों में सत्तासीन है, उन राज्यों की सरकारों को भंग कर पुनः चुनाव करवाने की चुनाव आयोग से मांग करे ...
इसके साथ ही यह घोषणा करे कि जब तक ईव्हीएम का प्रयोग बंद नहीं होगा, वह किसी चुनाव में भाग नहीं लेगी ....
हर चुनाव का बहिष्कार करेगी !
गांधी जी की आत्मा को भी कांग्रेस का यह सत्याग्रह देखकर कितना सुकून मिलेगा ?
है कि नहीं 😋😀😜🤣
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श्मशान के बाहर लिखा था -
"मृत्यु अटल है"
रुंहासा कांग्रेसी -
"मृत्यु ना अटल है ना आडवाणी ....
हमारी मृत्यु तो राहुल गांधी है !"
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