जरा सोचिये कि यह घटना अगर कश्मीर में हुई होती तो क्या होता ?



शिवपुरी जिला – नरवर तहसील – थाना सीहोर – ग्राम कांकर | पुलिस की नजर में गाँव देहात में घटने वाली एक सामान्य घटना, जिसमें प्राथमिकी दर्ज करना भी जरूरी नहीं माना जाता | अगर परिजनों ने हंगामा खड़ा न किया होता तो शायद प्राथमिकी लिखी भी न जाती | एफआईआर दर्ज ही न हुई होती | क्योंकि आरोपी एक शांतिदूत था, जिन्हें मध्यप्रदेश सरकार का पूरा संरक्षण प्राप्त है | 

रमजान का पवित्र महीना चल रहा है, पर जब्बा पर शैतान हाबी हो गया | गाँव की ही एक भोली भाली नौ वर्षीय मासूम बालिका को वह हैवान उठाकर “पंडित के गौड़ा” नामक स्थान पर बने एक कमरे में ले गया और दुष्कर्म कर डाला | 

रोती बिलखती बच्ची जब घर पहुंची तो उसकी दशा देखकर सबका कलेजा मुंह को आ गया | परिजन उसे लेकर तुरंत थाने पहुंचे किन्तु पुलिस ने उन्हें डांटकर भगाने की कोशिश की | मामले की जानकारी मिलते ही गाँव के लोग भी इकट्ठे हो गए व प्रदर्शन करने लगे | अंततः छः घंटे बाद कहीं जाकर एफआईआर दर्ज हुई और बच्ची को शिवपुरी अस्पताल पहुँचाया गया, जहाँ उसका उपचार चल रहा है | 

सोचिये और इस घटना की तुलना कीजिए कश्मीर की “सोपोर” घटना से | इस समाचार को तो किसी राष्ट्रीय अखबार के कोने में भी जगह नहीं मिलेगी, जबकि सोपोर काण्ड तो आज तक सुर्खियाँ बटोरे हुए है |

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