शिवपुरी जिले के सुपर न्यायाधीश कोलारस टीआई !



कोलारस के एक ट्रेक्टर व्यवसाई हैं राकेश शर्मा | उनका कहना है कि उन्होंने रन्नोद निवासी महेश शर्मा को दो लाख रुपये उधार दिए | बदले में महेश शर्मा ने उन्हें दो लाख का चेक भी दिया | जब पैसा वापस नहीं मिला तो राकेश शर्मा ने न्यायालय का दरबाजा खटखटाया और न्यायालय ने उनके पक्ष में फैसला भी सुना दिया | न्यायालय ने मनीष शर्मा को एक साल की सजा और दो लाख रूपए अदा करने के निर्देश दिए थे | 

किन्तु उसके बाद सामने आये सुपर न्यायाधीश कोलारस के टी आई एस एस सिकरवार | राकेश शर्मा का आरोप है कि उन्हें कल शाम को थाने बुलाकर चार घंटे तक नजरबन्द रखा | उन्हें धमकाया गया कि महेश शर्मा से जो दो लाख लेने हैं, उसका चेक नहीं लगायेगा, यह लिखकर दे, अन्यथा कोलारस में व्यापार करना मुश्किल कर दूंगा | चार सौ बीसी के केस में अन्दर कर दूंगा | 

बेचारा व्यापारी गिडगिडाता रहा कि न्यायालय के फैसले के खिलाफ मैं कैसे लिखकर दे सकता हूँ, पर साहब तभी माने, जब शपथपत्र पर हस्ताक्षर करवा लिए, और तभी व्यापारी अपने घर जा पाया | 

शर्मा ने बताया कि टीआई ने लिखवाने के बाद धमकी भी दी कि गुरूवार को 12 बजे थाने आ जाना वरना अंदर कर दूंगा। व्यापारी राकेश शर्मा ने एसपी राजेश सिंह चंदेल से इस सारे मामले की शिकायत की है। साथ ही न्यायालय में भी पत्र प्रस्तुत किया है कि न्यायालय के आदेश के बावजूद उसे राजीनामे के लिए टीआई ने धमकाकर लिखा पढी कराई है। 

व्यवसायी ने बताया कि विगत 18 मई को उसके खिलाफ एक मिथ्या केस दर्ज करवा दिया गया, जिसकी जांच के आदेश तत्कालीन एसपी राजेश हिंगणकर ने दिए थे | उस प्रकरण की जांच एसडीओपी कोलारस अमरनाथ वर्मा कर रहे हैं और उस मामले में व्यापारी के पास पूरे दस्तावेज भी मौजूद हैं। कल जिस मामले में बुलाया गया, उसमें भी कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए कार्रवाई जारी है, लेकिन टीआई वेजा दबाव बना रहे हैं और धमका रहे हैं। 

स्पष्ट दिखाई देता है कि मनीष शर्मा ने राशि तो लौटाई नहीं उलटे टीआई एसएस सिकरवार के माध्यम से ट्रेक्टर व्यवसायी राकेश पर दबाव बनाया कि उनका मनीष से किसी प्रकार के पैसे का लेनदेन नहीं हैं, यह वह लिखकर दें। यदि वह लिखकर नहीं देंगे तो वह उन्हे 420 के झूठे केस में फसा देंगे। 

इस मामले में शिवपुरी के एस पी राजेश सिंह चंदेल का कथन है कि - 

व्यवसायी राकेश शर्मा के मामले की जानकारी मुझे मिली है । मैंने एसडीओपी कोलारस को दस्तावेज परीक्षण के लिए निर्देशित किया है। पूरे मामले को दिखवा रहा हूं। 

जबकि टीआई का कहना है कि - 

ट्रेक्टर व्यवसायी राकेश शर्मा को थाने बुलाया था। मनीष शर्मा और राकेश शर्मा दोनों को बुलाकर पूछताछ की थी। जब मनीष के मामले में कोर्ट के आदेश की बात शर्मा ने बताई तो मैंने परीक्षण कराने को कहा और कोई लिखापढी नहीं कराई। शर्मा के विरूद्ध 406 का एक अन्य केस दर्ज है। उसकी जांच के संबंध में एसडीओपी ही बताएंगे। 

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