शिवपुरी के सपूत ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन - एक परिचय - दिवाकर शर्मा




शिवपुरी के एक प्रतिष्ठित वस्त्र व्यवसाई श्री सूरज प्रकाश भसीन और श्रीमती किरण भसीन के सुपुत्र नवनीत भसीन ने बी कॉम करने के बाद पुलिस मेनेजमेंट में मास्टर डिग्री प्राप्त की | 2009 में वे पुलिस प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए और उनकी प्रथम नियुक्ति गंज बासौदा में एसडीओपी के पद पर हुई | उसके बाद नवनीत ने मध्यप्रदेश के कई जिलों में बतौर पुलिस कप्तान अपना दायित्व निभाया | 

नवनीत भसीन आजकल ग्वालियर के पुलिस अधीक्षक हैं | यह तो संभवतः सामान्य बात है, कई शिवपुरी वासी बड़े बड़े महत्वपूर्ण पदों पर हैं या रहे हैं, लेकिन नवनीत भसीन में कुछ ऐसा ख़ास है, जो शिवपुरी को कुछ अधिक गौरवान्वित करता है | 

इसके पूर्व जब नवनीत भिंड के एस. पी. थे, तब उन्होंने न केवल अपराधों पर नियंत्रण लगाने में सफलता पाई, बल्कि नक़ल माफिया पर अंकुश लगाकर, प्रतिभावान छात्रों के हक़ पर डाका डालने वालों के मंसूबों को भी विफल किया ! 

ख़ास बात यह है कि यह सब करते हुए भी उन्होंने शालीनता और सरलता का दामन नहीं छोड़ा ! यही कारण है कि नवम्बर 2016 में उनके स्थानान्तरण का समाचार मिलते ही, न केवल सोशल मीडिया पर विरोध हुआ बल्कि भिंड के नौजवान सडकों पर नारेवाजी करते हुए प्रदर्शन करने लगे ! 

चम्बल की माटी का वह क्षेत्र जहाँ कहा जाता है – 

“जाको बैरी सुख से सोवे, ताके जीवन को धिक्कार” 

या फिर – 

"बरस अठारह क्षत्रिय जीवे, ऊपर जीवे को धिक्कार !" 

बात बात में बन्दूक निकलना जहां आम हो, वहां किसी पुलिस अधिकारी का इस प्रकार हर दिल अजीज बन जाना, कोई साधारण बात नहीं है ! 

भिंड की बदनाम छवि को सुधारने, नकल के दाग को मिटाने और गुंडाराज को नेस्तनाबूत करने वाले नवनीत अपनी कार्यप्रणाली से सतत सफलता के सोपान चढ़ रहें हैं! 

जिन जिलों में भी नवनीत रहे वहां पूर्व की तुलना में अपराध का ग्राफ कम हुआ | ग्वालियर जिले में पदस्थी के बाद भी मात्र तीन माह में अपराधियों में वे दहशत का पर्याय बन गए | उनकी कार्यप्रणाली से हर प्रकार के अपराधों में कमी आई | रेत माफिया, हथियारों के तस्कर, मादक द्रव्यों और जुए सट्टे, सब पर लगाम लगी | कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियां इस प्रकार हैं – 

फेसबुक एकाउंट हैक कर लड़कियों को ब्लैकमेल करने वाले कुणाल कुशवाह पुत्र दिनेश कुशवाह को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया | 

पंद्रह लाख की स्मेक के साथ स्मेक तस्कर मुकेश सोनी पुत्र रामसेवक सोनी की गिरफ्तारी | 

6 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ दुराचार कर उसकी हत्या करने वाला बहशी दरिंदा जितेन्द्र कुशवाह उर्फ़ जीतू महज चौबीस घंटों में पुलिस की गिरफ्त में आ गया | मासूम बच्ची को न्याय दिलाने के लिए पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन ने 14-14 पुलिस कर्मियों की टीमें बनाकर, 12 दिनों तक लगातार 18 – 18 घंटे काम किया और सारे साक्ष्य जुटाए | इस प्रकरण में जो तेतीस गवाह थे, उनसे खुद भसीन ने बात की और घटना के हर पहलू को
बारीकी से समझा | कोई कोर कसर न रह जाए, इस लिए डीएनए साक्ष्य भी एकत्रित किये | नतीजा यह निकला कि महज 37 दिनों में ही न्यायालय ने आरोपी को फांसी की सजा सुनाई | उनकी इस कार्यप्रणाली से प्रभावित होकर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने उन्हें 3 अगस्त 2018 को भोपाल में सम्मानित किया | 

ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, मुरैना आदि में हथियारों की सप्लाई करने वाले रवि शर्मा पुत्र

संतोष शर्मा को 33 कट्टे व ज़िंदा कारतूसों के साथ दबोचकर जेल भिजवाया गया | 

17 अक्टूबर 2018 को पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन के निर्देशन में ग्वालियर कराईं ब्रांच ने अंतर्राज्यीय हथियार तस्कर पदम सिंह भिलाला निवासी ग्राम सिगनू जिला खरगौन को गिरफ्तार करने में सफलता पाई | उसके पास से दस बेहतरीन किस्म की पिस्टल और पांच कट्टे मय पन्द्रह जिन्दा राउंड के जब्त किये गए | 

श्री भसीन ने ग्वालियर में मुखबिर तंत्र को काफी सक्रिय किया है | उनका व्यक्तिगत मोवाईल नंबर 7049110100 न केवल मुखबिरों के पास है, बल्कि ग्वालियर के हर खासो आम व्यक्ति की जानकारी में है | किसी भी घटना व अपराध की जानकारी सीधे उन्हें मुहैया कराने वाले को यह पूर्ण भरोसा रहता है कि उसका नाम गुप्त रहेगा और उसे पुलिस सुरक्षा का रखा कवच सदैव उपलब्ध है | 

स्वच्छ भारत अभियान के प्रति जन जागरूकता जागृत करने के लिए युवा विद्यार्थियों के साथ ग्वालियर की सडकों पर साइकिल चलाते, रक्तदान शिविर में रक्तदान करते, शहीद के
अस्थिकलश को सल्यूट करते, बड़े से बड़े राजनेता से पूरे आत्मविश्वास के साथ मिलते, नवनीत भसीन को देखकर आमजन में आत्मविश्वास की बढ़ोतरी हुई है, तो अपराधी हतोत्साहित हुए हैं | यही तो एक पुलिस अधिकारी की सफलता का पैमाना है | एक शिवपुरी वासी होने कारण यही शुभकामना है कि वे अपने कर्तव्यों का सम्यक निर्वहन करने के साथ लोकप्रियता के नित नए आयाम भी गढ़ते रहैं |


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