अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिवपुरी इकाई ने राज्यपाल व शिवपुरी विधायक को सोंपा ज्ञापन !


मप्र सरकार दे रही शिक्षा के व्यापारीकरण को बढावा :पाठक 

आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिवपुरी इकाई द्वारा राज्यपाल व शिवपुरी विधायक के नाम ज्ञापन सौंपा जिसमें शासकीय पीजी कॉलेज में व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को पुनः संचालित करने की मांग की। 

नगर मंत्री आदित्य पाठक ने बताया कि शिवपुरी जिले के एकमात्र लीड कॉलेज शासकीय श्रीमंत माधवराव सिंधिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिवपुरी में व्यवसायिक शिक्षा के तहत बीबीए, बीकॉम (कंप्यूटर एप्लीकेशन) , बीएससी (कंप्यूटर साइंस) , एम.ए. संस्कृत , एम.ए. इतिहास व पीजीडीसीए संचालित हैं जिनमें BBA,BCA,PGDCA कंप्यूटर एवं प्रबंध के रोजगार उन्मुखी पाठ्यक्रम है। इन की डिग्री हासिल करने के उपरांत विद्यार्थी सिविल सेवा एवं प्रबंधकीय सेवाओं दोनों में कार्य करने में सक्षम होता है। उक्त पाठ्यक्रमों से विद्यार्थियों में प्रबंध एवं प्रशासन दोनों की क्षमता विकसित होती है। विगत पिछले वर्षों में अनेक विद्यार्थी उक्त पाठ्यक्रमों से डिग्री प्राप्त कर विभिन्न सिविल सेवाओं एवं प्रबंधकीय सेवा में शासन के उच्च पदों पर कार्यरत हैं जो कि महाविद्यालय के लिए गौरव की बात है। परंतु 10 जून 2019 से मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सत्र 2019-20 की प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है जिसमें ऑनलाइन प्रवेश के समय व्यवसायिक पाठ्यक्रम व कंप्यूटर संबंधित विषयों में प्रवेश हेतु लिंक बंद कर दी गई है जिससे जिले की एकमात्र लीड कॉलेज में इन व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राज्यपाल महोदय से निवेदन किया कि इस समस्या का शीघ्र अति शीघ्र निराकरण किया जाए जिससे विद्यार्थी समय रहते इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकें। 

पाठक ने आगे कहा कि एक ओर तो मध्य प्रदेश शासन व महाविद्यालय प्रशासन "कॉलेज चलो अभियान" के अंतर्गत महाविद्यालय द्वारा व्यवसायिक शिक्षा के सभी विषयों का प्रचार-प्रसार व्यापक पैमाने पर किया जा रहा है परंतु उच्च शिक्षा विभाग द्वारा व्यवसायिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में प्रवेश प्रक्रिया बंद कर दी गई है। 

एक ओर जहां देश के प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने हर संभव प्रयास कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर हमारे प्रदेश की सरकार कंप्यूटर कोर्स व व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया बंद कर डिजिटल इंडिया को ठेंगा दिखा रहे हैं और कहीं ना कहीं इससे मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा के व्यापारीकरण को बढ़ावा दे रही है जिससे गरीब व पिछड़े विद्यार्थी इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं ले पाएंगे क्योंकि प्राइवेट कॉलेज में इन पाठ्यक्रमों की फीस शासकीय पीजी कॉलेज की फीस की 2 से 3 गुना अधिक है। मध्य प्रदेश सरकार का यह निर्णय सरकार की सोच को सभी के सामने उजागर करता है जिसमें मध्य प्रदेश सरकार शिक्षा के व्यापारी करण को बढ़ावा दे रही है जिसका अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूर्णता विरोध करती है। 

विद्यार्थी परिषद राज्यपाल महोदय से छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए शीघ्र अति शीघ्र व्यवसायिक पाठ्यक्रमों नए एडमिशन प्रक्रिया पूर्व की भांति सुचारू रूप से शुरू की जाने की मांग करती है अन्यथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पास आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। 

ज्ञापन के दौरान प्रतिनिधिमंडल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक वेदांश सविता, नगर मंत्री आदित्य पाठक,निकेतन शर्मा,अनुरंजन चतुर्वेदी,साहिल माथुर, प्रद्युम्न गोस्वामी व राघव उपाध्याय शामिल रहे।
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