शिवपुरी में ड्रग एडिक्ट शिबानी की संदिग्ध मौत के प्रकरण में पांच गिरफ्तार, लेकिन हत्या या हादसा की गुत्थी अनसुलझी |



शिवपुरी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने पत्रकार वार्ता में शिबानी की हत्या के पांच आरोपियों को पेश किया, पर आरोपी पुलिस आरक्षक के सवाल पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बोले कि जांच चल रही है । पुलिस इसे हत्या मान रही है, या ड्रग के ओवर डोज से हुई मौत, इस गुत्थी का भी जबाब अभी स्पष्ट प्राप्त नहीं हुआ है | 

आज कंट्रोल रूम में शिबानी मर्डर केस से जुड़े तथ्यों व आरोपियों को पुलिस ने प्रस्तुत किया। मजेदार बात ये रही कि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के आने के पूर्व सारे आरोपी पूरे आराम के साथ शासकीय सोफे पर बैठे रहे, मानो वे सरकारी मेहमान हों। जब इस ओर पत्रकारों ने ध्यान आकृष्ट कराया तब पुलिस ने आरोपियों को नीचे बिठाया। 

स्मरणीय है कि दिनांक 6 जुलाई 2019 की रात्रि को जगदीश मंगल के मकान के बाहर कृष्णपुरम कॉलोनी में शिबानी की लाश मिली। सूचना पर से थाना कोतवाली ने मर्ग कायम कर24/19 धारा 174 जा फो की कायमी कर जांच में लिया। आज की पत्रकार वार्ता में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गजेंद्र सिंह कंवर ने बताया कि मृतिका की दादी व बुआ के कथनों के अनुसार शिबानी की दोस्त रूबी जाटव, जुली भार्गव, बिल्ली उर्फ परमार सिंह गौर, गोलू रजक, व विकास सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि चिक्की पाठक अभी फरार है। 

जब पत्रकारों ने पूछा कि मृतिका की दादी ने तो विजय रावत नामक पुलिस कर्मी का भी नाम लिया है, तो कंवर ने जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। जब समय जगत ने पूछा कि आरोपी कई स्थानों पर ऑटो से घूमते रहे, इससे क्या पुलिस गश्त पर प्रश्रचिन्ह नही लगता. तो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि गश्त के डर से ही वह लाश फेंककर भाग गए। इसी तरह कल रात्रि में पकड़ी गई गाडी और किसी तबीब को भगाने के मामले को अन्य पत्रकार ने उठाया तो भी गोल मोल जबाब देकर कंवर टाल गये। पूरे नगर में लगे लाखो रुपये के कैमरे का मामला भी पत्रकार वार्ता में आया कि इन कैमरों पर इतना पैसा बर्बाद किया गया, तो कंवर ने कहा कि बारिश की वजह से वह अभी काम नही कर रहे। जब पूछा गया कि कैमरों को लगाते समय तो यह बताया गया था कि इनको बारिश आदि से कोई फर्क नही पड़ता, तो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरुत्तर हो गए। 

और भी कई प्रश्नों का उत्तर वह नही दे सके व गोलमोल बाते ही करते रहे और पुलिस की ही पीठ थपथपाते रहे। 

जबकि आरोपियों ने स्मेक से ही शिबानी की मौत होने की बात कही | उक्त आरोपियों को देखकर साफ स्मेक के मकड़जाल में फंसे युवाओं की स्थिति का आंकलन किया जा सकता था। 

जनचर्चा है कि शिवानी एचआईव्ही पोजिटिव भी थी, किन्तु वास्तविकता तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगी। अगर यह शंका सत्य सिद्ध हुई, तो मामले की गंभीरता और भी बढ़ जायेगी, क्योंकि इससे यह सिद्ध होगा कि शिवपुरी में सामूहिक नशा किस तरह से समाज को दीमक की तरह खोखला कर रहा है।
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