ड्राईविंग लाईसेंस विहीन शिवपुरी की स्कूली बसों के शराबी ड्राइवर ।




नोनिहालो को बिठा तेज गति से चला रहे है वाहन 

जिम्मेदार कर रहे हैं हादसों का इन्तजार | 


शिवपुरी में संचालित कई सारे विद्यालयों ने बसों का प्रबंध तो कर लिया है, पर वह बसें बच्चों को लेकर किस तरह से चल रही है, इसकी चिंता करने की फुरसत किसी के पास नही है। कोई भी विद्यालय बसों में सवार बच्चों की चिंता नही कर रहा है,जिससे भविष्य में कोई बड़ी दुर्घटना घटित होने की संभावना है। 

वैसे तो जिला परिवहन महकमा वाहनों की चेकिंग व धर पकड़ के लिए विख्यात है, इसी तरह यातायात पुलिस भी बिना नम्बर बिना हेलमेट, तीन सवारियों वाली गाड़ियों को पकड़ने में हमेशा तत्पर दिखती है, पर ये दोनों स्कूली बसों पर कार्यवाही करने या समय समय पर उनकी नियमित जांच में उदासीनता क्यों बरतती है ये समझ से परे है। 

आज कुछ जागरूक युवाओं ने होली बुड्स नामक शिवपुरी के एक विद्यालय की बस की वीडियो बनाकर समाचार पत्रों को भी भेजी, जिसमें ड्राइवर छोटे छोटे बच्चों को बस में बिठाए द्रुत गति से नगर की सड़कों पर दौड़ाए ले जा रहा था। युवाओं ने जब बस को पकड़ा तो पाया कि बस ड्राइवर ने शराब भी पी रखी थी। इतना ही नहीं तो वह न तो ड्रेस में था, ना ही उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस था। 

यह चिंताजनक स्थिति है कि विद्यालय प्रबंधन बस तो लगा लेता है, ड्राइवर भी नियुक्त कर देता है, पर वह ड्राइवर नियमो का पालन कर रहे है या नही, ये देखने का समय विद्यालय संचालकों के पास भी नहीं है । घनघोर लापरवाही तो तब होती है, जब बिना ड्राइविंग लाइसेंस के ड्राइवर भी रख लिया जाता है, जैसे कि होली बुड्स विद्यालय की बस ड्राइवर के मामले में देखने मे आया। ये बच्चों की जान जोखिम में डालना नही तो क्या है? 

कैसे पालक भी इतनी बड़ी लापरवाही कर सकते है? कैसे विद्यालय संचालक इतनी बड़ी चूक कर सकते है? और सबसे बड़ा कष्ट का विषय तो ये है कि कैसे इन पर कार्यवाही परिवहन विभाग और यातायात पुलिस नही करती? 

ये गम्भीर चूक का मामला सामने आया है, इस पर अविलम्ब ध्यान देने की जरूरत है अन्यथा किसी दिन बड़ी घटना शिवपुरी में घटित हो सकती है, और उसके जिम्मेदार सभी होंगे।
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