सरकार बदलते से बदलती शिवपुरी की कानून व्यवस्था, दहशत में जीने को मजबूर शहरवासी

मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से ही प्रदेश की कानून व्यवस्था की स्थिति किसी से भी छिपी नहीं है | लगातार बढ़ता क्राइम ग्राफ सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के नागरिकों की चिंता में वृद्धि कर रहा है | मध्यप्रदेश में शिवपुरी भी इससे अछूता नहीं है | पिछले कुछ माह से तेजी से शिवपुरी में क्राइम ग्राफ तेजी से बढ़ा है वहीँ दूसरी ओर पुलिस के द्वारा कोई भी कार्यवाही न किये जाना या कार्यवाही के नाम पर महज खाना पूर्ती करना पुलिस की कार्यवाही पर भी प्रश्न चिन्ह लगाती है | 

शिवपुरी में स्मैक कांड के चलते हुई एक नाबालिग की मौत और उसमे पुलिस कर्मियों की संलग्ता की खबर ने न सिर्फ शिवपुरी बल्कि सम्पूर्ण मध्यप्रदेश को हिला दिया था, जिसके बाद सिवाय शिवपुरी के सम्पूर्ण मध्यप्रदेश के स्मैक तस्करों की घेराबंदी प्रारम्भ हो गयी थी परन्तु शिवपुरी पुलिस इस ह्रदय विदारक घटना के बाद भी अपनी उपलब्धि में चंद स्मैकियों की गिरफ्तारी तक ही सीमित रही, वो भी तब जब सम्पूर्ण शिवपुरी वासी इस स्मैक रुपी दानव के विरुद्ध अपना आक्रोश दर्ज करा रहे थे | किसी भी बड़े स्मैक माफिया पर शिवपुरी पुलिस के द्वारा कार्यवाही न करना शिवपुरी पुलिस को कटघरे में खड़ा करता है | 

आज रात्रि 8 बजे शहर के ह्रदय स्थल माधव चौक पर HDFC बैंक के नजदीक घटित घटना ने एक बार फिर से शिवपुरी के आम नागरिकों में दहशत का वातावरण न सिर्फ निर्मित किया बल्कि पुनः पुलिसिया कार्यवाही पर प्रश्न चिन्ह लगाए | रात्रि 8 बजे के आसपास एक १०-१२ युवकों का झुण्ड घटना स्थल पर आ धमका एवं एक युवक पर इस झुण्ड ने अचानक से बिना पुलिस के भय के अचानक से हमला बोल कर अधमरा कर दिया | यह घटना पुलिस सहायता केंद्र के बेहद नजदीक घटित हुई जहाँ पुलिसिया कर्मी चौबीसों घंटे मौजूद रहते है और ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले लोगों का चालान काटने में व्यस्त रहते है | जब इस घटना को यह झुण्ड अंजाम दे रहा था उस दौरान कोई भी पुलिस कर्मी घटना स्थल पर नहीं पहुंचा परन्तु जैसे ही यह झुण्ड युवक को घायल कर भाग गया पुलिसकर्मी उसके तत्काल बाद घटना स्थल पर पहुंचे एवं घायल युवक को इलाज हेतु अस्पताल ले गए | 

अब सवाल यह उठता है कि पुलिस प्रशासन जिन CCTV कैमरों के द्वारा शहर के असामाजिक तत्वों की निगरानी का दावा करता है वह CCTV कैमरे क्या मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार बनते ही निष्क्रिय कर दिए गए है ? घटना स्थल पर पहुँच कर पुलिस ने जिस दुकान के सामने यह वारदात घटित हुई, उसके मालिक से उसकी दुकान में लगे CCTV कैमरों की फुटेज निकलवाने की गुहार लगवाई | इसके बाद जो हुआ वो शिवपुरी पुलिस की उस दयनीय स्थति को दर्शाता है जिसे आपको जानना बेहद आवश्यक है | CCTV फुटेज निकालने के लिए शिवपुरी पुलिस के पास कोई भी टेक्निकल व्यक्ति उपलब्ध नहीं था | ऐसी स्थिति में घटना स्थल के समीप ही एक पान की दुकान संचालित करने वाले युवक से शिवपुरी पुलिस के अधिकारीयों ने CCTV फुटेज निकालने की गुहार लगायी | खैर वो भी CCTV फुटेज निकालने में नाकाम रहा और इतनी देर में आप भी कल्पना कर सकते है कि घटना को कारित करने वाला झुण्ड बड़ी आसानी से शहर से बाहर निकल गया होगा | 

अब जो प्रश्न हर शिवपुरीवासी के दिलो दिमाग में घूम रहे है वह यह है कि क्या कहीं इस घटना में किन्ही प्रभावशाली लोगों या उनके परिजनों का तो हाथ नहीं था ? आखिर इस पूरी घटना में पुलिस की भूमिका क्या संधिग्द नहीं है ? यह घटना उस समय घटित हुई है जब पूरे देश में त्योहारों का मौसम है एवं जबकि इस समय पुलिस को मुस्तैद रहना चाहिए, गली गली में तैनात रहना चाहिए पर जब शहर का ह्रदय स्थल माधव चौक जैसे भीड़भाड़ वा इलाके पर रात्रि के महज 8 बजे ही ऐसी घटना घटित हो जाये तो क्या आम नागरिकों में भय उत्पन्न होना स्वाभाविक नहीं है ? क्या अब माधव चौक स्थित जूस सेंटर्स पर शाम के समय आम नागरिक अपने परिजनों के साथ जूस पीने जाना बंद कर दें ? सवाल बहुत से मन में है परन्तु शायद शिवपुरी में निर्मित किये जा रहे दहशदगर्दी के इस माहौल में अब सवाल पूछना भी हानिकारक हो सकता है |

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