पी एफ आई,शाहीन बाग़, शरजील और तीन नामी वकील - संजय तिवारी

देश की हिन्दू मुसलमान में बांटने के पीछे कौन है ? वे कौन से शक्तियां हैं जिन्होंने देश के समुदायों को भारतीय तथा अभारतीय में विभाजित कर दिया है? इस अभारतीयता के विस्तार के लिए धन कहाँ से और कैसे आ रहा है ? क्या संजाल है इनका ? कभी असहिष्णुत। कभी टुकड़े टुकड़े। कभी सेनाध्यक्ष को गुंडा बता देना।आतंकवादी की फांसी रुकवा देने के लिए आधीरात को सुप्रीम कोर्ट खुलवाने की हैसियत रखने वाले ये लोग क्या वास्तव में भारतीय ही हैं? नाम तो इन सभी के हिन्दू दिखते हैं लेकिन काम शुद्ध हिन्दू विरोधी ही नहीं राष्ट्रविरोधी भी। राष्ट्रीयता , राष्ट्रवाद और विशुद्ध भारत की उन्नति के लिए किये जाने वाले हर प्रयास से इनको बहुत दिक्कत होती है। आजकल नागरिकता क़ानून का बहाना है। आइये एक इनको गंभीरता से समझें।

पीपुल फ्रंट ऑफ़ इंडिया , इंदिरा जय सिंह और कपिल सिब्बल 

यह संगठन वर्ष 2009 से ही चर्चा में है। आतंकी गतिविधियों में शामिल इस संगठन को लेकर अनेक प्रमाण मिल चुके हैं। अभी हाल में उत्तरप्रदेश में हुए हिंसात्मक प्रदर्शन में इस संगठन का नाम आया और ढेर सारे सबूत भी पकडे गए। अभी इस संगठन को लेकर केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर बड़ा खुलासा किया है। ईडी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और रिहैब इंडिया फाउंडेशन ने CAA के खिलाफ प्रदर्शन को जारी रखने के लिए 134 करोड़ के फंड दिए हैं। एजेंसी ने पिछले दिनों पीएफआई से जुड़े कुछ मामलों की तफ्तीश की थी। इसी दौरान पीएफआई और रिहैब इंडिया फाउंडेशन से जुड़े करीब 73 बैंक एकाउंट की जानकारी मिली, जिससे विरोध प्रदर्शन के दौरान संदिग्ध रूप से बड़े पैमाने पर पैसों का लेन-देन हुआ था। पीएफआई के बैंक अकाउंट से देश के कई बड़े वकीलों को पैसे दिए गए. इनमें कपिल सिब्बल और इंदिरा जयसिंह का नाम भी शामिल है। सूत्रों का कहना है कि 2 से 3 दिन के अंदर 120 करोड़ रुपये जमा किए गए और उन्हें तुरंत निकाल भी लिया गया है। पीएफआई से कई और बड़े वकीलों को भी पैसे भेजे गए। एक मीडिया घराने का दवा है कि इस जांच से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज उसके पास मौजूद हैं।

शाहीन बाग़ की असलियत

शाहीन बाग़ में जो हो रहा है उस पर बहुत कुछ लिखा जा रहा है। इसके एक ऐसे पक्ष पर ध्यान देना जरुरी है जिसमे समर्थन देते हुए भारत विरोधी ऐसी बातें कही गयीं जो किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जानी चाहिए। इस भाषण के चार विन्दु थे - 

१)असम को इंडिया से काट कर अलग करना हमारी ज़िम्मेदारी
२)”Chicken Neck” मुसलमानो का है
३)इतना मवाद डालो पटरी पे की इंडिया की फ़ौज Assam जा ना सके
४)सारे ग़ैर मुसलमानो को मुसलमानों के शर्त पर ही आना होगा 

शर्जील ने एएमयू में सभा के दौरान कहा था, ‘‘क्या आप जानते हैं कि असमिया मुसलमानों के साथ क्या हो रहा है? एनआरसी पहले से ही वहां लागू है, उन्हें हिरासत में रखा गया है। आगे चलकर हमें यह भी पता चल सकता है कि 6- 8 महीने में सभी बंगालियों को मार दिया गया। हिंदू हों या मुस्लिम। अगर हम असम की मदद करना चाहते हैं, तो हमें भारतीय सेना और अन्य आपूर्ति के लिए असम का रास्ता रोकना होगा। ‘चिकन नेक’ मुसलमानों का है। अगर हम सभी एक साथ आते हैं, तो हम भारत से पूर्वोत्तर को अलग कर सकते हैं। यदि हम इसे स्थायी रूप से नहीं कर सकते, तो कम से कम 1-2 महीने के लिए हम ऐसा कर सकते हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि भारत से असम को काट दें। जब ऐसा होगा, उसके बाद ही सरकार हमारी बात सुनेगी।’’ चिकन नेक 22 किमी का हाईवे है, जो पूर्वोत्तर राज्यों को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ता है।शरजील के इस बयान के बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसकी निंदा की । ओवैसी ने को कहा कि भारत कोई मुर्गी की गर्दन नहीं है, जो टूट जाए। ये एक राष्ट्र है। कोई भी भारत या किसी भी क्षेत्र को नहीं तोड़ सकता। ऐसे निरर्थक बयान बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। लेकिन यह आवाज किसी अन्य मुल्ला, मौलवी या मुस्लिम समुदाय के ऐसे नुमाइंदे की ओर से नहीं आयी जो बात बात पर फतवे जारी करते हैं।आप खुद सोचिये , देश किन हालातों में है।

लेखक भारत संस्कृति न्यास के संस्थापक एवं वरिष्ठ पत्रकार है 

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