एक चमत्कारिक टूटी झरना शिव मंदिर, जहाँ स्वयं माँ गंगा करती है शिवलिंग का अभिषेक !


भारत में कई ऐसे मंदिर है, जो कई चमत्कार और रहस्यों से भरे हुए हैं।भारत में हजारों चमत्कारिक मंदिर है एवं हर मंदिर से जुड़ी एक कहानी है जिसपर लोग आस्था रखते हैं। ऐसा ही एक शिव मंदिर है जहां शिवलिंग में अपने आप ही होता है जलाभिषेक !

झारखंड को राम के काल में दंडकारण्य का क्षेत्र कहा जाता था। यह उस काल में ऋषियों की तपोभूमि था। घने जंगलों से घिरे इस क्षे‍त्र में कई ऋषियों के आश्रम थे जहां देवता उनसे मिलने आते थे। इसी झारखंड के रामगढ़ जिले में एक चमत्कारिक शिवमंदिर है, जिसके बारें में कहा जाता है कि इसके चमत्कार को देखकर अंग्रेज काल में अंग्रेजों की आंखें फटी की फटी रह गई थी। इस मंदिर की कहानी और प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली है।

झारखण्ड के रामगढ़ में स्थित इस प्राचीन मंदिर शिवमंदिर को "टूटी झरना" के नाम से जाना जाता है। मंदिर में मौजूद शिवलिंग पर अपने-आप 24 घंटे जलाभिषेक होता रहता है। आश्चर्य चकित करने वाली बात यह है कि यह जलाभिषेक कोई और नहीं बल्कि खुद मां गंगा द्वारा अपनी हथेलियों से किया जाता हैं। यह अपने आप में एक आश्चर्य है।

यहाँ शिवलिंग के ऊपर मां गंगा की एक प्रतिमा स्थापित है जिनके नाभि से अपने-आप पानी की धारा उनकी हथेलियों से होती हुई शिवलिंग पर गिरती है। यह आज भी रहस्य बना हुआ है कि आखिर इस पानी का स्त्रोत कहां है ? कहा जाता है कि इस मंदिर की जानकारी पुराणों में भी मिलती है। इस प्राचीन मंदिर का इतिहास 1925 से जुडा है। बताया जाता हैं कि तब अंग्रेज इस इलाके से रेलवे लाइन बिछाने का काम कर रहे थे। पानी के लिए खुदाई के दौरान उन्हें जमीन के अन्दर कुछ गुम्बदनुमा चीज दिखाई पड़ा। कौतूहलतावश जब अंग्रेजों ने यहाँ पूरी खुदाई की और अंततः ये मंदिर पूरी तरह से नज़र आया। मंदिर के अन्दर भगवान भोले का शिव लिंग मिला और उसके ठीक ऊपर माँ गंगा की सफेद रंग की प्रतिमा मिली। प्रतिमा के नाभी से आपरूपी जल निकलता रहता है जो उनके दोनों हाथों की हथेली से गुजरते हुए शिव लिंग पर गिरता है।

यही नहीं यहां लगाये गए दो हैंडपंप भी रहस्यों से घिरे हुए हैं। यहां लोगों को पानी के लिए हैंडपंप चलाने की जरूरत नहीं पड़ती है बल्कि इसमें से अपने-आप हमेशा पानी नीचे गिरता रहता है। वहीं मंदिर के पास से ही एक नदी गुजरती है जो सूखी हुई है लेकिन भीषण गर्मी में भी इन हैंडपंप से पानी लगातार निकलता रहता है।

मंदिर में श्रद्धालूओं का तांता लगा रहता है।लोग दूर दूर से यहां पूजा करने आते हैं।भक्त मानते हैं कि यहां सच्चे दिल से मांगी गयी मुरादे सदैव पूरी होती है। श्रद्धालुओ का कहना हैं टूटी झरना मंदिर में जो कोई भक्त भगवान के इस अदभुत रूप के दर्शन कर लेता है उसकी मुराद पूरी हो जाती है।भक्त शिवलिंग पर गिरने वाले जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं और इसे अपने घर ले जाकर रख लेते हैं. कहते हैं इस जल में इतनी शक्तियां समाहित हैं कि इसे ग्रहण करने के साथ ही मन शांत हो जाता है. दुखों से लड़ने की ताकत मिल जाती है।

इस मंदिर का सबसे बड़ा आश्चर्य यह भी है कि माँ गंगा की मूर्ति में कही भी कोई दूसरा सुराख नहीं है।

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