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दिवाकर की दुनाली से

पत्रकारिता का सच: लिखने वाले, दिखने वाले और बिकने वाले

पत्रकारिता कभी सवाल पूछने की हिम्मत का नाम थी। स्याही की गंध में सच की आग जलती थी। कलम डरती नहीं थी, झुकती …

दिवाकर की दुनाली से

शिवपुरी में दोहरा कानून: नशे की दुकानें सुरक्षित, शिवालय पर सख्ती

शिवपुरी आज दो अलग-अलग घटनाओं के जरिए एक ही सवाल पूछ रही है कि कानून आखिर किसके लिए है और किसके खिलाफ। मेडिक…

दिवाकर की दुनाली से

रेट कार्ड पत्रकारिता: किसानों की पीड़ा पर सौदेबाज़ी का खुलासा

पत्रकारिता को कभी समाज की आँख, कान और आवाज़ कहा जाता था। आज वही पत्रकारिता कई जगहों पर रेट कार्ड में तब्दील…

शिवपुरी

पर्यटक नगरी का अपमान: शहर के प्रवेश द्वार पर गंदी मानसिकता का विज्ञापन

पर्यटक नगरी की पहचान उसके प्रवेश द्वार से होती है। जिस क्षण कोई बाहरी व्यक्ति शहर की सीमा में कदम रखता है, …

ज़्यादा पोस्ट लोड हो रहा है… That's All