सरल वेदांत - सुख और दुःख - आचार्य रजनीश
संसार में सब प्रकार के सुख के पीछे, उसकी छाया के रूप में दुःख रहता है | जीवन के पीछे उसकी छाया मृत्यु…
संसार में सब प्रकार के सुख के पीछे, उसकी छाया के रूप में दुःख रहता है | जीवन के पीछे उसकी छाया मृत्यु…
सागर में लहर उठी, फिर लहर सो गई | क्या तुम सोचते हो कि लहर के उठने से सागर में कुछ नया जुड़ गया था ? अब लह…
पहली तो बात, तुम अपनी फिकर के लिए यहां आए हो कि सबकी फिकर के लिए ? तुमने कोई ठेका लिया है सारे लोगों की फ…
श्री रजनीश की पुस्तक "अथातो भक्ति जिज्ञासा" का एक अंश - सागर में लहर उठी, फिर लहर…
पांच नमस्कार हैं | अरिहंत को नमस्कार | अरिहंत का अर्थ होता है, जिसके सारे शत्रु विनष्ट हो गए | जिसके भीतर…
“भक्ति के प्राप्त होने पर मनुष्य न किसी वस्तु की इच्छा करता है, न द्वेष करता है, न आसक्त होता है, और न उस…
पंजाब के गांवों में मुसलमानों ने बगावत कर दी | मुसलमानों को दबाने के लिए अंग्रेजों ने फ़ौज भेजी | अंग्रेजो…
फ्रांस में दर्शन शास्त्र के एक प्रोफ़ेसर थे | पेरिस के विश्वविद्यालय में दर्शन शास्त्र के विभागाध्यक्ष |…
गंगोत्री से गंगा चली सागर की ओर भारत के ऋषियों ने, भारत के संतों ने सपना देखा कि एक प्रथ्वी ऐसी हो, जह…
जो लोग सत्ताधिकारियों को चुनते हैं, उनके मन का बदल जाना जरूरी है, अन्यथा हम रोज पुराने जैसे लोग चुन लेंगे…
मेरी दृष्टि में जीवन में शान्ति हो और अन्तस्थल पर प्रेम का उदघाटन हो तो आदमी जो भी करता है, वह सेवा है | …
इक्कीसवीं सदी में प्रवेश कर रहे हमारे समाज को वैज्ञानिक विकास की चकाचोंध तो खूब मिली है, खूब सुख सुविध…
संलीनता - · अमरीका के राष्ट्रपति बनने से पूर्व रूजवेल्ट गवर्नर थे | उन दिनों उनकी पत्नी इलनौर ए…