सलाम मोदी सरकार, सलाम जनरल बी.के. सिंह !


यह कितना दुर्भाग्य पूर्ण है कि आतंकवाद ग्रस्त यमन से भारतीयों को वापस लाने में सरकार के प्रयासों की सराहना करने के स्थान पर आज मीडिया में जनरल बी.के. सिंह की निंदा आलोचना की जा रही है | इमानदारी की बात तो यह है कि 4500 देशवासियों की सुरक्षित और त्वरित निकासी से न केवल राष्ट्र गौरवान्वित हुआ है, वरन सम्पूर्ण विश्व में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी है।
भारत सरकार द्वारा चलाये गए “ऑपरेशन राहत” के अंतर्गत न केवल भारतीयों को सुरक्षित रूप से यमन से बाहर निकाला गया, बल्कि संयुक्त राज्य अमेरिका और सिंगापुर सहित 26 अन्य देशों के नागरिकों को बाहर निकालने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सुरक्षित रूप से यमन से सभी भारतीयों को निकालने के लिए 'ऑपरेशन राहत' शुरू किया गया तथा खुद विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह इस कार्य को मुस्तैदी से अंजाम देने के लिए यमन में लगातार मौजूद रहे । निश्चय ही उनके प्रयासों के लिए वे वधाई के पात्र हैं |

यह पहला अवसर नहीं है जब मोदी सरकार ने विदेशों में बसे अपने नागरिकों की चिंता की हो | इसके पूर्व भी पिछले दस महीनों में मोदी सरकार ने यूक्रेन से 1,000 छात्रों और नर्सों सहित इराक से 7000 भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने में सफलता प्राप्त की थी । इसी प्रकार सीरिया में फंसे 3000 भारतीयों की सुरक्षित वापसी हुई थी । सचाई तो यह है कि आज विदेशों में बसे भारतीयों को लगता है कि उनके अपने देश में एक ऐसी सरकार है जो उनकी चिंता करती है ।

ऐसे में अगर मिथ्या आलोचना करने वालों से क्षुब्ध मंत्री महोदय ने कलम बेचने वालों को तन वेचने वाली वैश्या के समान कह दिया तो इसमें गलत क्या था ? बैसे देश की जनता मीडिया को बखूबी जबाब दे रही है | आज लगातार पिछले आठ घंटों से हेट्स ऑफ़ जनरल ट्रेंड ट्विटर पर सबसे ऊपर बना हुआ है | यहाँ तक कि आईपीएल क्रिकेट स्पर्धा भी उससे काफी पीछे है | वधाई देश की जागरूक जनता को |

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