अरे यह क्या ! कश्मीर के इस शिक्षक को ही नहीं मालूम कि क्या होती है गाय, नहीं लिख पाया गाय पर निबंध !



जरा अंदाजा लगाइए उस प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के स्तर का जहाँ के शिक्षकों को ही यह न मालूम हो की गाय क्या होती है एवं वह स्वयं गाय पर निबंध तक लिखने में असमर्थ हो !

जी हाँ यह सब हमारे ही भारत देश की शिक्षा व्यवस्था की एक चिंतित तस्वीर है ! यह वाक्या देश के जम्मू कश्मीर की वादियों से निकल कर सामने आया है ! जहाँ दक्षिण कश्मीर के कांजीगुण के एक विद्यालय बतौर रहबर-ए-तालीम (शिक्षा मार्गदर्शक) पर पदस्त इमरान खान नामक व्यक्ति को नहीं मालूम की गाय क्या होती है, और जब उनसे गाय पर निबंध लिखने को कहा गया तो वह दुविधा में पड गया !

दरअसल जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में एक व्यक्ति इमरान खान पर फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बन जाने का मुकदमा चल रहा था ! हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्वयं को निर्दोष और काबिल बता रहे शिक्षक को जज साहब ने भरी अदालत में ही अपनी काबिलियत सिद्ध करने हेतु टेस्ट देने को कहा ! जिसके पश्चात इमरान को एक आसान सी पंक्ति दें दी गयी और कहा गया की वह इसे अंग्रेजी से उर्दू और उर्दू से अंग्रेजी में अनुवाद कर के दिखाएं !

लेकिन मास्टर साहब अनुवाद नहीं कर पाए, तत्पश्चात उनका दूसरा टेस्ट लिया गया ! जज साहब ने इमरान से कहा-‘उर्दू में गाय पर निबंध लिख कर दिखाओ’, परन्तु इस बार भी नतीजा वही रहा ! शिक्षक महोदय कागज-कलम लेकर बैठे तो सही पर काफी देर तक एक अक्षर भी नहीं लिख सके ! कुछ देर बाद एक वकील ने उनसे पूछा कि ‘क्या हुआ?’ तो शिक्षक महाशय ने कोर्ट रूम के बाहर बैठ कर निबंध लिखने की इजाजत मांगी ! जो दे दी गई पर फिर भी कलम से अक्षर नहीं निकल सके ! अर्थात वह दूसरे टेस्ट में भी फेल हो गए !

अब दो टेस्ट में फेल हुए मास्टर साहब ने दावा किया कि -‘गणित पर मेरी अच्छी पकड़ है’, तो जज साहब ने दूसरे वकील से कहा कि वह मास्टर साहब को चौथी क्लास की गणित का सवाल हल करने के लिए दें ! सवाल दिया गया लेकिन मास्टर साहब इस बार भी बस कागज़ कलम पकडे रह गए और तीसरी बार भी फेल हो गए ! इस पर कोर्ट ने कहा- ‘ऐसे हालात में सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है कि राज्य का भविष्य क्या होगा?’

अदालत ने राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग को जबरदस्त फटकार लगाते हुए शिक्षक इमरान खान के सभी दस्तावेज जब्त करने और फर्जी डिग्री देने वाले संस्थानों और लेने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस कार्रवाई के आदेश दिए हैं ! इसके साथ ही राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि डिग्री देने वाले संस्थानों की जांच कराएं और इस तरह के डिग्री धारक टीचरों का टेस्ट लेकर पता लगाएं कि वे बच्चों को पढ़ाने के काबिल भी हैं या नहीं !
इमरान खान नाम के शख्स की एक स्कूल में बतौर रहबर-ए-तालीम (शिक्षा मार्गदर्शक) अध्यापक नियुक्ति हुई थी ! इस नियुक्त को कोर्ट में चुनौती दी गई ! याचिकाकर्ता ने कहा कि इमरान ने जिन दस्तावेजों पर नौकरी हासिल की है उनकी मान्यता ही नहीं है ! इनमें माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दिल्ली और नागालैंड की ग्लोबल ओपन यूनिवर्सिटी के सर्टिफिकेट थे !उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड दिल्ली के प्रमाण पत्र में खान को उर्दू में 74, अंग्रेजी में 73 और गणित में 66 फीसदी अंक मिले हैं !

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