जोर पकड़ रहा है शिवपुरी में जनता के द्वारा जनता का आंदोलन "जल क्रांति"


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'बहुत सहा अब नहीं सहेंगे, सिंध का पानी लाकर रहेंगे' इस नारे के साथ 16 जून से शिवपुरी में प्रारम्भ हुआ "जनता के द्वारा जनता का आन्दोलन" दिन प्रतिदिन जोर पकड़ता जा रहा है ! विशेष बात यह है कि शिवपुरी में किये जा रहे इस ऐतिहासिक आन्दोलन की बागडोर किसी राजनैतिक दल के हाथ न होकर पानी के लिए तरसते आम शिवपुरी के नागरिकों ने स्वयं अपने हाथो में है !

शिवपुरी शहर की पानी की समस्या के लिए जनता की लड़ाई पब्लिक पार्लियामेण्ट संगठन के द्वारा लड़ी जा रही है जिसे शिवपुरी की जनता का भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है ! शिवपुरी शहर के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना जलावर्धन को लेकर जल क्रांति सत्याग्रह दिन प्रतिदिन जोर पकड़ता जा रहा है ! प्रतिदिन इस सत्याग्रह से शहर के ४००-५०० आम नागरिक जुड़ते जा रहे है ! 

सफल रहा बंद 

जल क्रांति सत्याग्रह के इसी क्रम में आज दिनांक 20 जून को शिवपुरी के व्यापार मंडल के द्वारा स्वैछिक शहर बंद सफल हुआ ! यह ऐतिहासिक बंद पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा ! ख़ास बात यह रही की इस बंद को शहर के आम नागरिकों ने स्वयं सफल बनाया और स्वयं की इच्छा से अपने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे !


याद दिलाते चले कि शिवपुरी में जल संकट को देखते हुए शिवपुरी में आठ साल पहले जलावर्धन योजना स्वीकृत की गयी थी ! इस महत्वाकांछी परियोजना के तहत मडीखेडा डेम से सीधी पाइप लाईन डालकर शहर को सिंध का पानी सप्लाई होना था ! अपने तयशुदा समय से देर से शुरू हुई एवं लम्बा समय बीत जाने पर भी शिवपुरी वासियों के लिए अमृत समान यह परियोजना समय समय पर राजनिती और प्रशासनिक पचड़ों के चलते आखिर कहाँ और कैसे, कब कहीं गुम हो गयी पता ही नहीं चला ! बेहद शर्मनाक बात यह है कि जनता के लिए शुरू की गयी इस महत्वपूर्ण परियोजना पर अभी तक जनता के 64 करोड रूपए खर्च हो चुके है और इस योजना का पूर्ण होना तो छोडिये इस योजना पर काम करने वाली दोशियान कंपनी इस काम को बीच मझदार में ही छोडकर भाग गई ! लगातार योजना के क्रियान्वयन में आ रही अड़ंगेबाजी के कारण यह महत्वपूर्ण परियोजना का काम लगभग दो वर्षों से बंद पड़ा है ! नेशनल पार्क क्षेत्र में लगभग 400 से अधिक पेड़ों को काटे जाने की अनुमति न मिलने से उद्यान संचालक शरद गौड ने दो साल से योजना के काम को रोक दिया है !

विभिन्न सामाजिक संगठन दे चुके है अपना अपना समर्थन 

शिवपुरी में चल रहे इस जल क्रांति सत्याग्रह को अभी तक विभिन्न सामाजिक संगठन, व्यापारी वर्ग, ऐसोसिएशन, शिक्षण संस्थाओं का समर्थन प्राप्त हो चुका है ! अभी तक इस आन्दोलन को रेडीमेड एवं होजरी एसोसियेशन,कपडा व्यापार संघ, पेंशनर्स एसोसियेशन, राज्य अध्यापक संघ, बर्तन संघ, दूध डेरी संघ, ट्रक युनियन संघ, बंधानी मजदूर संघ, ऑटो पार्ट्स संघ, ऑटो यूनियन संघ समेत कई अन्य संगठन अपना समर्थन प्रदान कर चुके है !





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