प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण स्थान रतलाम के निकट स्थित सैलाना का महाकेदारेश्वर मंदिर

भक्त और भगवान के बीच आस्था व विश्वास की एक ऐसी डोर होती है जो दूर-दूर से भक्त को भगवान के दर तक खींच लाती है। जब आस्था का सैलाब उमड़ता है तब भक्ति का चरम रूप हमें देखने को मिलता है। धर्मयात्रा की इस कड़ी में आज हम आपको लेकर चलते हैं भगवान भोलेनाथ के दरबार महाकेदारेश्वर मंदिर में।

मध्यप्रदेश में रतलाम से लगभग 25 कि.मी. की दूरी पर सैलाना गाँव के नजदीक स्थित है- 'महाकेदारेश्वर महादेव मंदिर'। जहाँ दूर-दूर से लोग भगवान भोलेनाथ को नमन करने और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद उठाने आते हैं। ऊँची-ऊँची पहाड़ियों से घिरा यह स्थान बरबस ही हम सबको अपनी ओर आकर्षित करता है। बरसात के दिनों में तो इस स्थान की सुंदरता में चार चाँद लग जाते हैं। आस-पास की चट्टानों से रिसता पानी यहाँ एकत्र होकर सुंदर झरने का रूप धर लेता है। यह जब ऊँचाई से मंदिर के पास स्थित कुंड में गिरता है तो पानी की छोटी-छोटी सतरंगी बूँदें वातावरण को इंद्रध‍नुषी आभा प्रदान करती है।

महाकेदाररेश्वर मंदिर करीब 278 साल पुराना है और इसका एक अपना ऐतिहासिक महत्व है। ‍यहाँ स्थित शिवलिंग प्राकृतिक है। कहते है यहाँ पहले केवल एक शिवलिंग हुआ करता था। सन् 1736 में सैलाना के महाराज जयसिंह ने यहाँ एक सुंदर मंदिर का निर्माण करवाया और यह स्थान 'केदारेश्वर महादेव मंदिर' के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

यहाँ मंदिर के पास स्थित कुंड में जब ऊँचाई से झरना गिरता है, तो इसका नजारा बहुत ही खूबसूरत होता है। कुंड के इसी जल में पादप्रक्षालन कर श्रद्धालु शिव मंदिर में दर्शन के लिए पहुँचते हैं। लगभग प्रतिवर्ष भारी बरसात के कारण कई बार यह कुंड बरसाती जल से इस कदर लबालब भर जाता है कि जल कुंड से बाहर निकलकर बहने लगता है। 

बरसात के मौसम में यहाँ जिस तरह से झरने का आकार और उसमें जल की मात्रा बढ़ती जाती है, उसी तरह से इस झरने की झर-झर का शोर भी बढ़ता जाता है। जो हमें प्रकृति के एक सुंदर दृश्य के दर्शन कराता है।

यह मंदिर बहुत सालों पुराना है, जिसका अंदाजा यहाँ के शिवलिंग व अन्य मूर्तियों को देखने से प्रतीत होता है। यहाँ स्थित शिवलिंग भी प्राकृतिक है। शिव दर्शन के बाद जब आप मंदिर से बाहर निकलकर आसपास की खूबसूरत चट्टानों को देखते हैं तो नि:संदेह आपके मुख से भी यही वाक्य निकलेगा कि 'वाह क्या नजारा है।'

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें