नारियल के खेत के नीचे सोया हुआ था 3000 वर्ष पुराना शहर


कीजहादी कहने को एक छोटा सा गाँव है, लेकिन आज अकस्मात यह न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय महत्व का स्थान बन गया | तमिलनाडु में मदुरै के नजदीक स्थित शिवगंगा जिले के इस गाँव में तमिल इतिहास का एक महत्वपूर्ण पृष्ठ अचानक खुल गया और देखते ही देखते यह गाँव ऐतिहासिक महत्व के एक स्थल बन गया |

यहाँ चल रही एक उत्खनन परियोजना में खुदाई के दौरान, पृथ्वी के गर्भ से 3000 वर्ष प्राचीन एक विशाल नगर निकल आया | हिन्दू में छपे समाचार के अनुसार भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), ने इसे "अब तक ज्ञात संगम युग की सबसे बड़ी मानव बस्तियों" में से एक निरूपित किया |

जानकारी के अनुसार इस स्थान को ईसा से 3 सदी पूर्व का माना गया है | इतिहासकार व एएसआई इस खोज को लेकर अत्यंत उत्साहित हैं | एएसआई ने फरवरी, 2015 में इस स्थान की खुदाई प्रारम्भ की थी | और उसे अब इस परियोजना में यह महान सफलता मिली । नगर की बस्तियों के चिन्ह के रूप में चौकोर आकार की दर्जनों खाइयों मिली हैं । इन बस्तियों को संगम युग की पंड्या कालीन बताया जा रहा है |

रिपोर्ट के अनुसार खुदाई स्थल से प्राप्त कांच, मोती, मिट्टी की माला और ऐतिहासिक मिट्टी के बर्तनों के पुरावशेष मदुरै के अतीत पर से पर्दा हटा सकते हैं व उनके माध्यम से नई जानकारी उपलब्ध हो सकती है ।

यह खुदाई एक निजी नारियल के खेत में हो रही थी । किसको पता था कि नारियल के खेत के नीचे एक 3000 वर्ष पुराना शहर सोया हुआ है । प्राचीन उन्नत भारत का एक और प्रमाण सामने आया | जब आज की सभ्य कहीं जाने वाली शेष दुनिया जंगलों में या कबीलों के रूप में रहा करती थी, भारत में विशाल और समृद्ध, संपन्न नगर हुआ करते थे |

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