आत्मविश्वास से लबरेज पाकिस्तान |

कल ऊधमपुर में अदम्य बहादुरी दर्शाते हुए ग्राम रक्षा समिति ने पाकिस्तानी आतंकी को धर दबोचा | पकडे गए फैसलावाद वासी 20 वर्षीय उस्मान मियां बड़े फक्र से इंडिया टुडे द्वारा प्रसारित वीडियो में हंसते हुए यह कहते पाए गए, कि 'मैं यहां हिंदुओं को मारने आया हूं, मुझे ऐसा करने में मजा आता है' |

मैं बचपन से आम भारतीय की तरह सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखने वाला इंसान रहा हूँ | मेरे बचपन के मित्रों में शामिल दो मुस्लिम मित्र आज 63 वर्ष की आयु में भी मेरे स्मृतिपटल पर हैं, भले ही विगत 45-50 वर्षों से वे न मिले हों | आज भी मुस्लिम समुदाय के अनेक लोगों से मेरी आत्मीयता है | 

इसके बाद भी जब देश के भीतर और बाहर के इन उन्मादियों की करतूतें देखता सुनता हूँ, तो मन में प्रतिक्रिया स्वाभाविक ही उत्पन्न हो जाती है | इस प्रतिक्रिया की अग्नि में घी डालते हैं तथाकथित सिक्यूलर जमात |

मुझे लगता है मेरी ही नहीं औसत भारतीय की यही मनोदशा होगी | जंगल में अगर सामने कोई हिंसक पशु आ जाए तो हम उसकी सुन्दरता निहारेंगे या अपनी जान बचाने के लिए उसे डराने या भगाने को गोली चलाएंगे ?

जानते हो मित्र, जीने के लिए
चाहिए अंगार-जैसी वीरता,
हिंस्र पशु जब घेरते हों सामने
केवल बलिष्ठो में रहेगी धीरता |

इन हिंसक पशुओं से निबटने की ही सलाह हर समझदार इंसान देगा | कुछ ऐसी ही सलाह दी है हामिद गुल ने | कौन है यह हामिद गुल ? जानकर शायद आप चोंक जायेंगे | हामिद गुल पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI के पूर्व प्रमुख हैं | जब उनसे समाचार पत्र के प्रतिनिधियों ने भारत में पकडे गए आतंकी को लेकर प्रतिक्रिया माँगी, तो उन्होंने बहुत ही यथार्थपरक बात कही | उनका कहना था कि या तो भारत कश्मीर समस्या हल करे, अथवा पाकिस्तान पर आक्रमण करे | 

आत्मविश्वास से लबरेज इस पाकिस्तानी पूर्व अधिकारी ने दो टूक शब्दों में भारत को चुनौती दी और कहा – आगे बढ़ो और जो कर सकते हो करो | यातो कश्मीर समस्या हल करो, या फिर पाकिस्तान पर हमला करो, जो आपकी समस्याओं को और अधिक बढाने वाला सिद्ध होगा |

आखिर पाकिस्तान के होंसले बढ़ते क्यों जा रहे हैं | पाकिस्तानी वरिष्ठ नागरिक हामिद गुल हो अथवा 20 वर्षीय किशोर उस्मान गुल, इन लोगों का आत्मविश्वास चकित करने वाला है | पिद्दी सा पाकिस्तान, भारत जैसे विशाल देश को लगातार दबाब में कैसे रखता है ? इसका सीधा सादा जबाब है, भारत की आतंरिक कमजोरी | पाकिस्तान के जितने समर्थक पूरे विश्व में नहीं हैं, उतने अकेले हिन्दुस्थान में हैं | हिन्दू मुसलमान के बीच की खाई को पाटने की कभी कोई कोशिश ही आजादी के बाद से नहीं हुई | नीम हाकिम राजनेताओं ने इस छोटी सी फुंसी को नासूर बना दिया है | अब तो देर सबेर सर्जरी ही इसका उपाय होगा |

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