पाकिस्तान में आत्मघाती हमला - महज सामान्य बदला या विघटन का प्रारम्भ |

Embedded image permalink

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के राजनीतिक गढ़ में आज रविवार को पंजाब प्रांत के गृहमंत्री को उसके गृहनगर में, उसके घर को उड़ाकर मार दिया जाना कोई छोटी मोटी घटना नहीं है | इस आत्मघाती हमले में मंत्री के अतिरिक्त कम से कम दस अन्य लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा ।

Embedded image permalink

उत्तरी पाकिस्तान में अटक के अपने गृहनगर में करीब 20 लोगों के साथ पंजाब प्रांत के गृह मंत्री, शुजा खानजादा एक बैठक ले रहे थे कि तभी हुए विस्फोट में घर की छत ढह गई, और सब लोग उसके नीचे दब गए । इस विस्फोट में पंजाब प्रांत के स्वास्थ्य सलाहकार सलमान रफीक, खानजादा का भी निधन हो गया ।

पंजाब पाकिस्तान का सबसे बडा और सबसे धनी प्रांत है। तालिबान से जुड़े आतंकवादी गुट लश्कर-ए-इस्लाम ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा है कि यह उनके खिलाफ चल रहे सैन्य अभियानों का प्रतिशोध है तथा इस प्रकार के हमले भविष्य में भी जारी रहेंगे ।

स्मरणीय है कि दो हफ्ते पहले, पंजाब पुलिस ने लश्कर-ए-झांगवी के एक नेता को उसके दो बेटों और 10 अन्य समर्थकों के साथ एक मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था । पुलिस ने इसे हिरासत से भागने की कोशिश में हुई मुठभेड़ के रूप में दर्शाया था | किन्तु माना जाता है कि यह न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर की हत्या थी । लश्कर-ए-इस्लाम का प्रभाव मुख्यतः अफगान सीमा के कबायली इलाकों तक सीमित माना जाता था, किन्तु पंजाब में उनके द्वारा किया गया यह आत्मघाती हमला विश्लेषकों को चकित कर रहा है ।

अगर उनके द्वारा किया गया यह दावा सच है, तो इसका अर्थ है कि उन्होंने अत्याधुनिक तकनीक वाले विस्फोटक तथा लक्ष्यों पर हमला करने की उच्च स्तरीय क्षमता प्राप्त कर ली है | इस तरह के बड़े हमले आम तौर पर तालिबानी संगठन लश्कर-ए-झांगवी द्वारा किये जाते रहे हैं, जिसे पाकिस्तान ने पूर्व से ही प्रतिबंधित कर दिया था ।

अब देखना यह है कि परमाणु हथियारों से लैस पाकिस्तान, इस तालिबान विद्रोह, आपराधिक गिरोहों और सांप्रदायिक हिंसा से कैसे निबटता है ? यह संभावना पहले से जताई जाती रही है कि पाकिस्तान टुकडे टुकडे होने जा रहा है | बलूच और पख्तून लगातार अपनी आजादी के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं | इस अराजक माहौल में परमाणु हथियारों की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण विषय है, न केवल पाकिस्तान के लिए बल्कि समूची मानवता के लिए |

एक टिप्पणी भेजें

एक टिप्पणी भेजें