मोदी जी का भाषण अगर कुछ ऐसा होता तो ??????


प्यारे देशवासी भाईयो और बहनों, 

हमारे 69 वें स्वतंत्रता दिवस की आप सबको हार्दिक शुभकामनाएं। आज के दिन हर भारतीय देशभक्ति और राष्ट्रहित में मिलजुल कर एक साथ काम करने अपनी प्रतिज्ञा को पुनः स्मरण करता है | आज का दिन इसी के लिए है। विगत वर्ष जब पहली बार जब मैंने आपको संबोधित किया था, तब अपनी प्राथमिकतायें बताई थीं, कुछ वायदे भी किये थे । आज मैं अपनी सफलताओं और असफलताओं दोनों को शामिल करते हुए अपन रिपोर्ट कार्ड, प्रस्तुत कर रहा हूँ । सरकार की प्राथमिकता केवल एक है – “सबका साथ सबका विकास” ।

इसके पहले कि मैं आगे बढूँ, सबसे पहले मैं हाल ही में हुए संसद के सत्र की पूरी तरह बरबादी न रोक पाने के लिए देश से माफी माँगता हूँ । मैं किसी को दोष नहीं देना चाहता | मैं यह भी नहीं कहूँगा कि विपक्षी पार्टी ने क्या किया और क्या नहीं किया । हमें अपनी पिछली गलतियों को भूलकर, उनसे सबक लेकर, एक दूसरे को माफ़ करके राष्ट्र निर्माण के लिए एक साथ काम करना है। इसलिए मैं विपक्षी दलों से सहयोग की अपील करता हूँ । हमारी विचारधारा और राजनैतिक हित अलग अलग हो सकते हैं, लेकिन एक मजबूत और समृद्ध भारत का निर्माण सब चाहे हैं। अगला संसद सत्र व्यर्थ न हो, यह सुनिश्चित करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है ।

पिछले सत्र में, दो महत्वपूर्ण सुधार बिल - भूमि अधिग्रहण विधेयक और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक - पारित किया जाना प्रस्तावित किया गया था। शायद हम इन दोनों बिलों के महत्व को ठीक से समझा नहीं पाए | भूमि विधेयक में असली मुद्दा यह है कि एक ओर तो अत्यंत गरीब किसान अपनी भूमि से पर्याप्त फसल नहीं ले पा रहे हैं, अपनी आय नहीं बढ़ा पा रहे हैं, और दूसरी ओर देश के बुनियादी ढांचे के लिए आवश्यक अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए भूमि उपलब्ध नहीं है | इनमें से अनेक परियोजनाएं तो ऐसी हैं, जिनसे देश के बहुसंख्यक किसानों का ही लाभ होगा, सिंचाई सुविधाएँ बढेंगी, फसलों की पैदावार बढ़ेगी, कुल मिलाकर देश बढेगा ।

हमारे द्वारा प्रस्तुत विधेयक में कुछ कमियाँ हो सकती है, मगर उन्हें दूर करने के लिए हम तत्पर हैं | लेकिन बिना विधेयक पर संसद में चर्चा हुए, उन कमियों को कैसे जाना जा सकता है ? वस्तुतः इस लैंड बिल के साथ, हम संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाने हेतु एक संवैधानिक संशोधन पेश करने की भी हमारी योजना है। भूमि अधिग्रहण तब ही किया जाएगा जब सड़कों और गरीबों के लिए अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण करने के लिए वह अपरिहार्य हो | उसके बदले किसान को दूसरी जमीन तथा नौकरियों के आदान-प्रदान की गारंटी जैसे नए प्रावधान भी प्रस्तावित विधेयक में हैं । हम आशा करते हैं कि संसद के अगले सत्र में सभी दलों का समर्थन इस राष्ट्रहितेषी विधेयक हेतु प्राप्त होगा, जिससे विधेयक को सर्वांगपूर्ण बनाने में मदद मिले | इसमें किसी एक दल की नहीं बल्कि हमारी लोतान्त्रिक प्रक्रिया की जीत होगी, सबकी जीत होगी ।

जीएसटी हमारे देश के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण सुधार है। अगर यह ठीक प्रकार से लागू किया जाएगा तो इससे सरकार के लिए कर राजस्व में सुधार होने के साथ साथ भ्रष्टाचार और कर चोरी को भी खत्म किया जा सकेगा । बिल के वर्तमान प्रारूप में अंतर-राज्य बिक्री पर 1 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स को लेकर तथा कई वस्तुओं इससे बाहर रखने को लेकर अगर बिल में सुधार की जरूरत है, तो इस संबंध में विपक्ष द्वारा बताये गए सभी महत्वपूर्ण सुझावों को इसमें शामिल किया जा सकता है । हालांकि, यह भी सबको समझना चाहिए कि हो सकता है कि जो एक राज्य के लिए अच्छा है, वह किसी अन्य राज्य के लिए उतना अच्छा न हो । इस समस्या पर काबू पाने के लिए, हम किसी भी नुकसान के लिए पांच साल तक प्रभावित राज्यों को क्षतिपूर्ति दिए जाने हेतु भी सहमत हो गए हैं। कुल मिलाकर जीएसटी देश के लिए अच्छा है, और हम एक व्यापक आम सहमति के आधार पर इसे सर्वोत्तम बनाकर लागू करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं । 

आधार फर्स्ट पोस्ट का आलेख साभार -

http://www.msn.com/en-in/news/national/the-speech-narendra-modi-should-have-made-this-independence-day/ar-BBlLkde?ocid=UP97DHP
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