आशुतोष की दुनाली से - आरक्षण
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मंडल जो अमंगल करके दर्द दे गया आरक्षण,
लाखों प्रतिभाओं के सपने चूर कर गया आरक्षण |
संविधान निर्माताओं ने, दस वर्षों को यह लाया,
वोट लालची सत्ताधीशों ने हरदम को अपनाया |
वी पी सिंह जयचंदी वंशज, क्रूर कुचाली हत्यारा,
आत्मदाह की ज्वाला में, पीढी को जिसने संहारा |
गली गली द्वारे द्वारे पर, आरक्षण की महामारी,
देश में आग लगाने की, यह नेताओं की तैयारी |
सबके घुटने टिके पड़े हैं, है बैसाखी आरक्षण,
दलित आज भी दलित बने हैं, फिर क्यूं बाक़ी आरक्षण ?
क्रीमी लेयर मजे कर रहे, मौज उन्हीं की आरक्षण,
हार्दिक जैसे सर्पपुत्र जो, खोज उन्हीं की आरक्षण |
जातिवाद का पोषक है यह, भारत बगिया का कांटा,
समरसता का ध्वंस कर दिया, भाई भाई को बांटा |
इसे समझ लो इसे जान लो, देश में केवल दो जाती,
भूखी जाति गरीब रो रही, दूजी फिरती इठलाती |
भारत माँ के लालों खातिर, कहर बन गया आरक्षण,
आओ मिलकर इसे हटायें, जहर बन गया आरक्षण |
आर्थिक आधारों पर होगा, गर आवश्यक आरक्षण,
नहीं सहेंगे, नहीं झुकेंगे, है अब दाहक आरक्षण |
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काव्य सुधा
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