राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ग्राम विकास कार्य – एक मॉडल गाँव झूकर जोगी


विदिशा जिले की लटेरी तहसील का एक छोटा सा गाँव है झूकर जोगी | बमुश्किल 500 घरों का यह गाँव आज स्वावलंबन, स्वच्छता व जैविक खेती की नई इबारत लिख रहा है | 22 सितम्बर 2012 को ग्रामवासियों ने श्री सिद्धेश्वर ग्राम विकास समिति के नाम से एक समिति का गठन किया व नियमित बैठ कर गाँव की समस्याओं व उनके समाधान पर विचार शुरू किया | 

2012 में अपनी स्थापना के बाद सबसे पहले तो गाँव की स्वच्छता पर जोर दिया गया | गाँव में घर घर संपर्क कर समिति के सदस्यों ने स्वच्छता की प्रेरणा दी | "गाँव हमारा तो इसे स्वच्छ रखना हम सबका उत्तर दायित्व" और देखते देखते गाँव निखरने लगा | फिर शुरू हुआ महाआरती का आयोजन | सब ग्रामवासी बिना किसी भेदभाव के एकत्रित होकर मंदिर में महाआरती करते | सामाजिक समरसता का तानाबाना मजबूत होने लगा | 

वर्ष 2013 में ग्रामविकास का चक्र कुछ और गति से चला | हर छः माह में होने वाली समिति की बैठक, हर तीसरे महीने में होने लगी | धार्मिक स्थलों की साफ़ सफाई कर वहां नियमित सुन्दरकाण्ड का पाठ प्रारम्भ हुआ | सार्वजनिक स्थलों पर वृक्षारोपण कर गाँव को स्वच्छ के साथ हरा-भरा करने का कार्य भी प्रारम्भ हुआ |

नियमित गाँव का हितचिंतन करते करते समिति ने वर्ष 2014 में जैविक खेती की ओर रुख किया | 10 कृषकों ने 20 एकड़ में जैविक खेती प्रारम्भ की | हर घर में तुलसी विरवा रहे, इस हेतु तुलसी पौधे वितरित किये गए | प्रेरणास्पद बोधवाक्य सदैव स्मरण रहें इस हेतु दीवार लेखन हुआ | 


2015 में ग्राम समिति ने तय किया कि अब समय आ गया है जब आसपास के गाँवों को भी हमारे गाँव में आये सकारात्मक परिवर्तन की जानकारी हो, ताकि वे भी स्वावलंबन द्वारा ग्राम विकास तथा ग्राम विकास द्वारा राष्ट्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ें | इस हेतु से ग्रामोत्सव के आयोजन का निर्णय लिया गया | लगातार बैठकों का आयोजन हुआ, जिसमें सम्पूर्ण कार्यक्रम की रचना पर विचार किया गया व हरेक के दायित्व निर्धारित हुए | सारे गाँव में युद्ध स्तर पर स्वच्छता अभियान चलाया गया | दीवार लेखन द्वारा इसे अधिकाधिक प्रचारित किया गया | समिति के सदस्यों द्वारा दो बार घर घर संपर्क किया गया | 

आखिर ग्रामोत्सव का दिन आ ही गया | 11 मई 2015 को यह अपूर्व आयोजन हुआ | पूरा गाँव भगवा झंडी पताका से सजाया गया | हर घर के दरवाजे पर रंगोली सजाई गई | तुलसी विरवा द्वार के सम्मुख विराजमान किया गया | 


ग्रामोत्सव की अध्यक्षता की गाँव के पूर्व सरपंच अनुसूचित जाति के बुजुर्ग श्री लालचंद अहिरवार ने | कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक श्री सतीश जी पिम्पलीकर | कार्यक्रम के प्रारम्भ में ग्राम विकास प्रांत प्रमुख श्री देवेन्द्र शर्मा ने ग्राम विकास की अवधारणा पर प्रकाश डाला | स्थानीय कस्तूरबा छात्रावास की बहिनों द्वारा सुन्दर गीत का प्रस्तुतीकरण हुआ | मंच संचालन श्री चरण सिंह राजपूत ने किया |


इस अवसर पर चयनित ग्रामवासियों को सम्मानित भी किया गया | चयन के आधार थे –
गौ पालन, बैलजोडी सज्जा, मेधावी छात्र, संयुक्त परिवार की महिला प्रमुख, कस्तूरबा कन्या छात्रावास की सुयोग्य छात्रा, कीर्तन मंडली |

ग्रामोत्सव में 280 पुरुष, 120 महिलाओं व 80 बालक, वालिकाओं ने भाग लिया | आसपास के गाँवों से भी 40 ग्रामवासी यह आयोजन देखने आये | 

ग्रामोत्सव के सफल आयोजन से उत्साहित ग्राम वासियों ने प्रतिदिन रामधुन के साथ प्रभात फेरी निकालना भी प्रारम्भ कर दिया | गाँव का वातावरण और भी सात्विक हो गया | सितम्बर माह की बैठक में पशु चिकित्सा शिविर के आयोजन का निर्णय लिया गया | तदनुरूप 21 सितम्बर 2015 को पशु चिकित्सा शिविर व कृषक गोष्ठी का आयोजन हुआ | इस आयोजन में सुयोग्य चिकित्सकों द्वारा 57 पशुपालकों के 150 पशुओं का इलाज कर विभिन्न रोगों के निदान हेतु निशुल्क दवाएं दी गईं | बीमारियों के बचाव हेतु 190 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया | आयोजन रात्रि 9 बजे तक चला | ग्राम विकास प्रांत प्रमुख श्री देवेन्द्र शर्मा भी पूरे समय कार्यक्रम में उपस्थित रहे |



गाँव में समय समय पर अनेक गोष्ठियों का आयोजन भी किया गया | गोष्ठियों के विषय थे –
गौपालन व गौ संवर्धन, जैविक कृषि, स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद (घरेलू उपचार) कार्यशाला, 

श्री सिद्धेश्वर ग्राम विकास समिति के पदाधिकारी व सदस्य गण –

अध्यक्ष - श्री धीरज सिंह राजपूत
सचिव - श्री मोहन बाबू साहू
कोषाध्यक्ष - श्री भारत सिंह राजपूत
उपाध्यक्ष - श्री गोपाल सिंह रावत
सदस्य गण - सर्वश्री भगवत सिंह कुशवाह, ज्ञानसिंह चौहान, भीकम सिंह चौहान, चरणसिंह राजपूत, रामसिंह चौहान, रामकृष्ण सेन, लालचंद अहिरवार, कामता प्रसाद साहू |

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