कसूरी - आडवाणी - सुधीन्द्र कुलकर्णी - कल और आज |

31 मई 2005 का वह दिन जब श्री लालकृष्ण आडवाणी पाकिस्तान की राजधानी इस्लामावाद पहुंचे | लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में उन्होंने तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुसर्रफ, प्रधान मंत्री शौकत अजीज और विदेश मंत्री खुर्सीद कसूरी से भेंट की व भारत पाक द्विपक्षीय रिश्तों पर चर्चा की | उस यात्रा में उनके साथ पत्नी कमला आडवाणी, पुत्री प्रतिभा आडवाणी तथा उनके नजदीकी सुधीन्द्र कुलकर्णी भी थे |

उस समय के समाचार पत्रों की सर्वाधिक महत्वपूर्ण सुर्खीयां थी आडवाणी जी के विरुद्ध कराची के जमशेद क्वार्टर पुलिस थाने में 10 सितम्बर 1947 को दर्ज कराया गया एक प्रकरण, जिसमें उन पर कायदे आजम जिन्ना की ह्त्या का षडयंत्र रचने का आरोप था | और मजे की बात यह कि उसी दौरान 6 जून को उन्होंने पाकिस्तान के कायदे आजम जिन्ना की मजार पर वह विवादास्पद बयान दिया था, जिसमें जिन्ना को इतिहास बनाने वाला व हिन्दू मुस्लिम एकता का पक्षधर बताया था |

खैर यह तो हुई पुरानी बात | अब आज के ताजा घटनाचक्र पर आते हैं | सुधीन्द्र कुलकर्णी का उसके पूर्व से ही खुर्सीद कसूरी से सम्बन्ध था | जिसकी गूँज आज मुम्बई में सुनाई दी | अपनी फितरत से आडवाणी जी को खलनायक बना चुके सुधीन्द्र इस बार कसूरी को एक नायक के रूप में प्रस्तुत करने पर तुले दिखाई दिए | 

प्रस्तुत है खुर्शीद महमूद कसूरी के पुराने बयानों पर एक नजर | पाठक गण स्वयं ही निर्णय करें, कि पाकिस्तानी कसूरी के सद्भावना पूर्ण वक्तव्यों पर कितना भरोसा किया जाना चाहये |


बुधवार, 12 जुलाई, 2006  

कसूरी के इंटरव्यू पर हुआ विवाद 

पाकिस्तान के विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी के मुंबई बम धमाकों के बारे में दिए गए एक बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी जिसके बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है.

कसूरी ने रायटर्स संवाद समिति को दिए एक इटंरव्यू में कहा था कि मुंबई की घटना बेहद दुखद है लेकिन यह इस बात की आवश्यकता दिखाती है कि भारत और पाकिस्तान को मिलकर स्थिति को नियंत्रण में लाना चाहिए और ऐसा तभी हो सकता है जब दोनों देश अपने विवादों को ख़त्म करें. 

भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति करते हुए इसे " अफसोसनाक" क़रार दिया और कहा कि इस बयान से लगता है कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद और आतंकवादी हिंसा का मुकाबला करने में भारत का साथ तभी देगा जब तथाकथित विवाद सुलझाए जाएंगे.

April 10, 2007
पानी के लिए भारत से युद्ध करेगा पाकिस्तान


पाकिस्तान अब भारत के साथ मौजूदा जल विवाद पर लड़ाई लड़ना चाहता है। पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने पाकिस्तान के जिओ टीवी को बताया है कि समय के साथ दोनों देशों के रिश्ते सुधरे हैं, लेकिन इस बात की आशंका है कि जल विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच भविष्य में युद्ध हो सकते हैं। 

कसूरी के कथन पर केंद्र स्थिति स्पष्ट करे
Sat 22 Jan ,2011 (12:52:36 ,PM)



नई दिल्ली । पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी के बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। भाजपा ने मुशर्रफ के कार्यकाल के समय भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर समस्या के समाधान पर लगभग सहमति बन जाने संबंधी बयान पर केंद्र सरकार से अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने इसे देश की संप्रभुता के साथ समझौता करने संबंधी बेहद गंभीर मामला करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि यह पाकिस्तान का एक दुष्प्रचार है या वास्तव में ऐसा कुछ हुआ था? हाल में कसूरी ने यह कहकर नया बवाल खड़ा कर दिया है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के समय दोनों देशों के बीच कश्मीर विवाद को हल करने के लिए लगभग सहमति बन गई थी। इसके लिए जो फार्मूला बनाया गया था उसके मुताबिक कश्मीर घाटी से सेना हटाना, वहां पर स्वायत्त सरकार का गठन व सरकार चलाने के लिए संयुक्त प्रक्रिया तैयार करना शामिल था। उस समय दिल्ली में संप्रग सरकार थी। जेटली ने कहा कि यह बेहद खतरनाक बयान है और अगर भारत सरकार ऐसा सोच भी रही हो तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह 1994 में संसद द्वारा लिए गए उस संकल्प के खिलाफ है कि पूरा कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। जेटली ने कहा कि अगर कसूरी के बयान का एक अंश भी सही है तो यह देश की संप्रभुता के साथ समझौता होगा। इसलिए सरकार को तत्काल असलियत स्पष्ट करनी चाहिए?

29 अप्रैल 2012 का समाचार -

कभी नहीं सुलझ सकता कश्‍मीर मुद़दा


कोलकाता। कश्‍मीर का समाधान नहीं निकाला जा सकता है। यह कहना है पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी का। उन्‍होंने भारत की सरजमीं में इस बात को कोलकाता में आयोजित भारत पाक संबंधों पर चर्चा के दौरान कहा। उन्‍होंने कहा कि कश्‍मीर का ऐसा संपूर्ण समाधान संभव नहीं है जिस पर दोनों देश और कश्‍मीर की आवाम राजी हो सकें। उन्‍होंने कहा कि कश्‍मीर का समाधान केवल राजनेता कर सकते हैं न कि राजनीतिज्ञ। उन्‍होंने कहा कि युद्ध इस समस्‍या को कभी हल नहीं कर सकता है भले ही कितना समय क्‍यों न बीत जाए। उन्‍होंने कहा कि पहले और अब में जमीन आसमान का फर्क है। 

आज दोनों ही देश परमाणु संपन्‍न हैं ऐसे में यदि किसी भी वजह से युद्ध हुआ तो वह दोनों देशों के लिए बेहद बुरा होगा। उन्‍होंने कहा कि कश्‍मीर को लेकर जरूरी है कि दोनों देशों के बीच खुला संवाद हो और गलतफहमियां दूर की जाएं। कसूरी वर्ष 2002 से 2007 तक पाकिस्‍तान के विदेश मंत्री थे। फिलहाल वह इमरान खान की की पार्टी में हैं और कश्‍मीर विवाद को लेकर बनाए गए कार्यबल के प्रमुख भी हैं। उन्‍होंने कहा कि दोनों ही देशों में कुछ ऐसे लोग हैं जो कश्‍मीर समस्‍या को हल नहीं होने देना चाहते हैं। इसके पीछे वह अपना सियासी उल्‍लू सीधा करना चाहते हैं, क्‍योंकि इसके अलावा उनकी कोई पहचान ही नहीं है। 

अब मेरा अभिमत - 
पापी पाकी से गिला नहीं, है गिला हमें गद्दारों से,
देशभक्ति का ज्वार उठे, अब मुल्क भरे खुद्दारों से
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