बरखा दत्त ने शाहरुख के कंधे पर रखकर चलाई बन्दूक, कहा - हम आपके लायक नहीं |


आज बरखा दत्त ने शाहरुख खान को एक खुला पत्र लिखा है, जो आज हिंदुस्तान टाईम्स ने प्रकाशित भी किया है | और जानते हैं मोहतरमा ने क्या लिखा है ? देवी जी लिखती हैं, हम आपके लायक नहीं है | स्पष्टतः उनके कहने का आशय है कि यह देश शाहरुख जैसे व्यक्ति के रहने लायक नहीं है । विचारणीय है कि क्या यह प्रकारांतर से शत्रु राष्ट्रों के हाथ में हथियार थमाने जैसा नहीं है ?

आगे उन्होंने फरमाया है कि जब हम मुंबई में पांच साल पहले मिले थे तब आप बहुत गुस्से में थे । उस समय भी आजकल के समान नफ़रत में पागल ब्रिगेड आपको पाकिस्तान भेजना चाहती थी | आपसे कहा जा रहा थाकि आप माफी मांगें, क्योंकि आपने पाकिस्तानी खिलाड़ियों को इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने के पक्ष में राय दी थी | इस बात पर नाराज शिवसैनिकों ने उन सिनेमाघरों पर हमले किये थे, जिनमें आपकी फिल्म “माई नेम इज खान” चल रही थी ।

पत्र में बरखा दत्त ने शाहरुख को सबसे बड़ा और ग्लेमरस अभिनेता बताते हुए उनकी प्रशंसा की है कि उन्होंने हिम्मत के साथ धार्मिक असहिष्णुता के गर्म मुद्दे पर बात करने की हिम्मत दिखाई । 

अपनी पीठ अपने हाथ से थपथपाते हुए देवी जी ने खुद को रचनात्मक स्वतंत्रता और सहिष्णुता पर खान से सवाल पूछने के कारण दक्षिणपंथी नेताओं द्वारा की जाने वाली आलोचना के विषय में भी लिखा ।

बरखा दत्त का यह पत्र उस दिन आया है, जब कि देश के अनेकों साहित्यकार और फिल्मकारों ने दिल्ली में मार्च निकालकर राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सोंपा है और अवार्ड वापस करने वालों की आलोचना की है तथा उसे देश का अपमान बताया है |

आज यह भी स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि देश की जनता अवार्ड वापिस करने वालों के कार्य को पूरी तरह राजनीति से प्रेरित और मोदी सरकार की छवि बिगाड़ने की कोशिश मानती है | ऐसे में स्वाभाविक ही बरखा दत्त के पत्र को छवि बचाने की अंतिम कोशिश माना जा सकता है | साथ ही इसे शाहरुख के कंधे पर बन्दूक रखकर चलाना भी समझा जा सकता है | इन जैसे लोगों के लिए देशभक्ति व राष्ट्रप्रेम कोई मायने ही नहीं रखता | शाहरुख को परोक्ष में देश छोड़ने की राय तो यही दर्शाती है |

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