लो बोलो करलो बात | दिल्ली के आम आदमी विधायकों का वेतन अब भारत में सबसे ज्यादा |


केजरीवाल सरकार का असली स्वरुप सामने आया है | दिल्ली के विधायकों और मंत्रियों के बुनियादी मासिक वेतन में 400 प्रतिशत की वृद्धि करदी गई है | इसके अतिरिक्त उनके भत्तों में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी की गई है | बढ़ती महंगाई के नाम पर आज दिल्ली विधानसभा ने विधायकों और मंत्रियों के वेतन भत्तों में वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी | 

दिल्ली सरकार अब इस बिल को मंजूरी के लिए केंद्र सरकार को भेजेगी और अगर मंजूरी मिली तो दिल्ली के विधायकों का मूल वेतन 12,000 से बढ़कर 50,000 हो जाएगा | और उनका मासिक कुल पैकेज 88,000 से बढ़कर लगभग 2.1 लाख रुपये हो जाएगा ।

इसी प्रकार बिल के प्रावधानों के अनुसार, वर्तमान में एक मंत्री का मूल वेतन जो वर्तमान में 20,000 रुपये है, वह 80,000 रुपये हो जाएगा। अगर केंद्र इस विधेयक को स्वीकृति प्रदान करता है तो दिल्ली के विधायकों का वेतन पूरे देश में सर्वाधिक होगा । कुल मिलाकर प्रस्तावित बढ़ोतरी ढाई गुना से भी अधिक है ।

उप मुख्य मंत्री मनीष सिसोदिया ने विधानसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि "विधायकों को अपने कार्यक्षेत्रों में प्रभावी ढंग से काम करने को सुविधाजनक बनाने के लिए दिल्ली विधान सभा के सदस्यों के वेतन, भत्ते और अन्य सुविधाएं बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है" ।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सरकार द्वारा विधायकों के (वेतन, भत्ते, पेंशन) संशोधन विधेयक 2015 का ड्राफ्ट एक तीन सदस्यीय समिति द्वारा दिए गए सुझावों के बाद तैयार किया गया था, जिसकी अध्यक्षता लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचार्य ने की थी । सिसौदिया ने कहा कि हमने समिति की सभी सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है |

स्मरणीय है कि जुलाई में आम आदमी पार्टी के विधायकों के एक समूह ने वेतन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की मांग की थी | उनके अनुसार उनकी आय उनके परिवार और कार्यालयों को चलाने के लिए पर्याप्त नहीं थी ।

बिल में सचिवीय, अनुसंधान और कार्यालयीन खर्चों के लिए भी भत्ते के रूप में प्रति माह 70,000 रुपये की प्रतिपूर्ति राशि का प्रावधान है।

इसके अतिरिक्त कार्यालय किराये और संबंधित उपयोगिताओं के नाम पर भी 25,000 रुपये का भत्ता प्रस्तावित किया गया है।

बिल के अनुसार प्रत्येक विधायक प्रति माह 10,000 रुपये का संचार भत्ता तथा 30,000 रुपये मासिक वाहन भत्ते का भी हकदार होंगा।

सदन या इसकी समितियों की प्रत्येक बैठक के दौरान प्रत्येक विधायक का 'दैनिक' भत्ता 2,000 रुपये किये जाने का प्रस्ताव किया गया है।

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