गौ माता के हत्यारे उसके अपने बेटे

वेदों में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है परन्तु हमारे देश में ही हमारी गौमाताओं की स्थिति बेहद दुखद है ! हमारी माता की इस दुर्दशा के जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि उस माँ के स्वयं के बेटे ही है ! सम्पूर्ण विश्व में गायों को काटे जाने हेतु बनाए गए कत्लखाने तो समझ में आते है क्योँकि उन लोगों के लिए तो गाय केवल पशु है परन्तु हमारे अपने भारत वर्ष में हमारी माता की निर्मम हत्या हेतु कत्लखानों का होना बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है !

हमारे देश में प्रतिदिन हजारों की संख्या में गायों के ऊपर अत्याचार हो रहा है जिसे हम सभी मूक दर्शक बन कर देख रहे है ! एक और तो हम गाय को माता मानते है और दूसरी और उसकी मौत को आखिर कैसे मूक दर्शक बन के देख सकते है ? अब हमें यह तय कर लेना चाहिए कि क्या गाय केवल पशु है या हमारी माता ! 

१४ फरवरी के दिन दिनभर घूम घूम कर प्रेमी युगलों की कक्षा लेने वाले हिन्दू संगठन आखिर क्योँ गौमाता के कत्लखानों के खिलाफ लामबंद होने से कतराते है ? हाँ यदि किसी अन्य समुदाय का व्यक्ति अगर गौ तस्करी करते पकड़ में आ जाए तो फिर तो पूछिए ही नहीं इनकी आँखों में ऐसी चमक आ जाती है कि बस पूछो ही मत परन्तु क्या किसी हिन्दू संगठन के लोगों के द्वारा उन हिन्दू गौमाता के मालिकों के खिलाफ कोई कार्यवाही करते हुए देखा है जो उनके दूध के लालच हेतु ही उनका पालन करते है, दिन भर गौमाता को चरने हेतु सड़कों पर आवारा पशुओं की भाँती छोड़ देते है शाम होते ही गौमाता को पकड़ कर दूध निकालने के लिए घर ले जाते है और सुबह दूध निकालने के बाद फिर से सड़कों पर छोड़ देते है ? क्या कभी इन संगठनों ने उन गौ मालिकों के खिलाफ कोई कार्यवाही की है जो गौमाता के दूध देना बंद करते ही उन्हें मात्र पशु समझ कर जल्लादों के हाथों काटने हेतु बेच देते है ? 

आखिर क्योँ देश का हर हिन्दू गौमाता के जीवन के सबसे बड़े शत्रु “पोलीथिन” का उपयोग करना बंद नहीं कर देता ? वह भी तब जब सरकारें पोलीथिन को अपने राज्यों में पूरी तरह से प्रतिबंधित कर रहीं है फिर भी हिन्दू ही है जो चोरी छिपे केवल अपनी सहूलियत के लिए सरकार द्वारा प्रतिबंधित पोलीथिन का उपयोग करता है तो फिर दुसरे समुदाय को गायों का दुश्मन आप कैसे कह सकते है ?

स्वयं अपनी गिरेबान में झांकिए, आईने के सामने खड़े होकर स्वयं अपने आपसे इस सवाल का उत्तर मांगिये कि आज गौमाता के साथ हो रहे अत्याचारों में आपका कितना हाथ है ! निसंदेश जब आप अपने आपसे इस प्रश्न का उत्तर मांगेंगे तो आपकी अंतरआत्मा से जो आवाज आएगी वह यही आएगी कि गौमाता की मौत नहीं हो रही है उनकी हत्या की जा रही है और हमारी माँ के हत्यारे कोई और नहीं उसी के वह बेटे है जो स्वयं को हिन्दू कहते है !

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