उत्तर प्रदेश चुनाव की बिसात - क्या नीतीश बना पायेंगे चतुष्कोणीय समीकरण ?

हालांकि अभी उत्तरप्रदेश चुनाव में अभी समय है, किन्तु विभिन्न राजनैतिक दलों में राजनैतिक खिचडी पकना शुरू हो गई है | सबसे मजेदार चुनावी शिगूफा यह है कि नीतीश कुमार भी उत्तरप्रदेश में अपनी गोटियाँ बैठा रहे हैं | जबकि पिछले चुनाव में जनता दल यू ने राज्य में 219 विधानसभा क्षेत्रों पर चुनाव लड़ा था और एक प्रतिशत से भी कम वोट हासिल किये थे | किन्तु बिहार के चुनाव परिणाम से उत्साहित नीतीश बाबू बिहार जैसा ही चुनाव पूर्व गठबंधन बनाकर जहां एक ओर भाजपा की चुनावी संभावनाओं को पलीता लगाना चाहते हैं, बहीं दूसरी ओर मुलायम सिंह से भी अपना हिसाब किताब चुकता करना चाहते हैं, जिन्होंने बिहार में उन्हें डंक मारने में कोई कसर बाक़ी नहीं रखी थी | 

बिहार की तर्ज पर बनने वाले इस नए गठबंधन में कांग्रेस, राष्ट्रीय लोक दल, जद (यू), पीस पार्टी, महान दल, अपना दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी को शामिल करने के प्रयास चल रहे हैं । अगर 2012 में हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव का गणित देखें तो इन दलों ने कुल मिलाकर 19 % से अधिक वोट प्राप्त किये थे | अतः नीतीश बाबू का मानना है कि यह गठबंधन प्रभावी सिद्ध हो सकता है तथा रोचक चतुष्कोणीय संघर्ष बना सकता है | नीतीश जी का मूल मकसद भाजपा के गैर यादव, गैर जाटव मतों में सेंध लगाना है | 

इसकी शुरूआत पिछले दिनों जद (यू) के अध्यक्ष शरद यादव की घोषणा से स्पष्ट दिखाई देती है | शरद यादव ने इस वर्ष होने वाले तीन विधानसभा उपचुनावों में अजित सिंह के नेतृत्व वाले रालोद का समर्थन करने की घोषणा की है | उनकी इस घोषणा को 2017 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी से प्रथक एक नया गैर भाजपा विकल्प देने का प्रयास समझा आ रहा है | चुनाव पूर्व गठबंधन के निर्माण की दिशा में शरद यादव की उक्त घोषणा औपचारिक शुरूआत है | 

गैर-यादव पिछड़ी जातियों के बीच नीतीश कुमार की छवि को भुनाने और मुस्लिम वोटों में सेंध लगाने की योजना के साथ बनने वाला यह नया गठबंधन चतुष्कोणीय संघर्ष में कौनसे पायदान पर पहुँच पायेगा, यह देखना रोचक होगा | यह तो जानी मानी बात है कि राज्य में इन दलों के पास नातो मुलायम सिंह और ना ही मायावती के कद का कोई नेता है | सात सींकिया पहलवान मिलकर भाजपा के संगठनात्मक ढाँचे और मुलायम सिंह व मायावती जैसे नेताओं का कितना मुकाबला कर पायेंगे, यह तो समय ही बताएगा | भाजपा को येन केन प्रकारेण पराजित करने का मंसूबा तो मुलायम, माया और नीतीश सभी पाले हुए हैं |

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