कुत्ते ने दिखाई इंसान से कहीं अधिक करुणा और दया !


आमतौर पर हमारे देश में ‘कुत्ता’ शब्द एक गाली मानी जाती है! जब हमें किसी पर क्षोभ होता है, या किसी आदमी को अपने साथ गलत व्यवहार करते देखते हैं तो हम उसे इसी शब्द से संबोधित करते हैं ! लेकिन आज एक कुत्ते में जिस संवेदना के दर्शन किये  गए वह अद्भुत है ! लगा कि युधिष्ठिर ने जिस स्वामिभक्ति कुत्ते को सशरीर स्वर्ग ले जाने की जिद्द ठानी वह अकारण नहीं थी !
हुआ कुछ यूं कि एक अबोध नवजात वालिका को कोई नराधम इंसान कूड़ेदान में फेंक कर चला गया ! यह घटना सडक पर आवरा फिरने वाला एक कुत्ता देख रहा था ! मुझे उसके लिए कोई आदरसूचक शब्द नहीं सूझ रहा, उसके लिए मुझे हार्दिक खेद है ! उस जानवर कहे जाने वाले प्राणी ने उस वालिका को कूड़ेदान में से निकाला, और अपने मुंह में दवाकर पडौस में रहने वाले एक परिवार के दरबाजे पर उस मासूम नवजात को ले जाकर सुरक्षित रख दिया ! इतना ही नहीं तो करुण स्वर में वहां तब तक भोंकता रहा, जब तक उस परिवार के लोगों ने द्वार नहीं खोल दिया ! कुत्ते की महानता और करुणा से अभिभूत उन लोगों ने अविलम्ब उस वालिका को अस्पताल पहुँचाया !
जिस नवजात वालिका को उसका अपना पिता याकि माँ या कोई और परिजन कूड़ेदान में फेंक कर चले गए थे, उसकी प्राणरक्षा करने वाले प्राणी को क्या कहा जाए ! अगर भारत में यह मान्यता है कि प्राणी मात्र में ईश्वर का वास है, तो क्या गलत है ? बच्ची अब स्वस्थ्य भी है और प्रसन्न भी ! सच है - जाको राखे साईयाँ, मार सके न कोय !

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1 टिप्पणियाँ

  1. No dates or even location details are given. We don't know when and where this occurred, whether recent or very old. Anyway, it is really heartening to note the kind emotions displayed and great service rendered by the dog. The dog should have been a pet dog used to playing with kids.

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