लघु उद्योग भारती पश्चिम क्षेत्र के दो दिवसीय अधिवेशन का आयोजन


भारत की संस्कृति को समझे बिना कोई भी आर्थिक नीति सफल नहीं हो सकती. हमारे देश में प्लानिंग कमिशन रूस से सीखकर लागू किये गए, लेकिन सफल नहीं हो सके. गरीब देश बने रहना भारत की प्रकृति में नहीं है. हमारा देश कभी गरीब नहीं था, 200 साल तक अंग्रेजों द्वारा लूटने के बाद भी भारत पर कर्ज नहीं था. इंग्लैंड का कपड़ा अच्छा माना जाता था, लेकिन उस कपड़े का कच्चा माल भारत से जाता था. एक समय जापान की क्वालिटी खराब हुआ करती थी. हमारा लघु उद्योग विश्व पर प्रभुत्व स्थापित कर सकता है. 

लघु उद्योग भारती पश्चिम क्षेत्र के दो दिवसीय अधिवेशन के समापन समारोह में मुख्य वक्ता प्रसिद्ध आर्थिक चिंतक डॉ. बजरंगलाल गुप्त जी ने उक्त विचार व्यक्त किये ! अधिवेशन का आयोजन 02, 03 जुलाई 2016 को अहमदाबाद में किया गया, जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र तथा गोवा से 400 कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. 

डॉ. बजरंग लाल जी ने कहा कि आज विषमता बढ़ रही है. आर्थिक संपन्न वर्ग और निर्धन वर्ग के बीच 5 लाख गुना अंतर है. हमें विकास दर का लाभ अंतिम व्यक्ति तक मिले, ऐसी आर्थिक नीति बनानी होगी. असमानता को दूर करने के लिए लघु उद्योग भारती को प्रयत्न करना होगा, सरकार सभी को नौकरी नहीं दे सकती. लघु उद्योगों द्वारा 12 करोड़ लोगों को रोजगार दिया गया है. हमारा सामाजिक, सांस्कृतिक तथा आर्थिक ढांचा दुनिया से अलग है. हमारे यहां व्यक्ति और समाज के बीच सामाजिक संवेदना है. लघु उद्योग में भी हमें अपना वेस्टर्न नजरिया बदलना होगा. सब कुछ सरकार नहीं कर सकती. केंद्र सरकार की अनेक योजनायें जैसे Skill India, Digital India, Mudra Bank आदि लघु उद्योग के लिए लाभकारी है, आज विश्व के सभी देश भारत की और देख रहे हैं. अतः हमारा दायित्व और भी बढ़ जाता है.

डॉ. बजरंगलाल गुप्त जी ने कहा कि लघु उद्योग भारती को विराट कार्य करने के लिए अभिनंदन. मध्यप्रदेश में लघु उद्योग मंत्रालय प्रारंभ हो चुका है. लघु उद्योग समस्याओं के समाधान के लिए कार्यरत है. वर्ष 2008 में विश्व आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा था, तब भारत पर उसका असर नहीं था क्योंकि भारत की अर्थव्यवस्था में लघु उद्योग का बहुत बड़ा योगदान है. आज विश्व की सभी महासत्तायें खराब हालत में हैं.

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि गुजरात कीमुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल कहा कि सरकार लघु उद्योगों की समस्या सुलझाने की और प्रयत्नशील है. गुजरात में 118 जीआईडीसी में अनेक लघु उद्योग कार्यरत है. उनकी समस्याओं के समाधान का प्रयत्न एक साल में हो जाएगा. एग्रो इंडस्ट्रीज द्वारा वनवासियों को लाभ हो, उस दिशा में सरकार कार्यरत है. उन्होंने लघु उद्योग क्षेत्र में हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया.

कार्यक्रम के प्रारंभ में लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश गुप्ता ने लघु उद्योग भारती के कार्य की जानकारी दी. स्वागत हितेंद्र भाई जोशी तथा आभार निखिलभाई पटेल ने किया

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